ऐशेज़ में कम से कम तीन मैच खेलना चाहते हैं जॉश हेज़लवुड

चोट के बाद वापसी करने को तैयार हैं जॉश हेज़लवुड © ICC via Getty Images

जॉश हेज़लवुड को इंतज़ार करना होगा कि एजबेस्‍टन में होने वाले पहले ऐशेज़ टेस्‍ट में टीम को उनकी ज़रूरत होगी या नहीं। इससे पहले उन्‍होंने पूरी सीरीज़ खेलने की बात स्‍वीकारी थी, लेकिन उनकी पिछली चोटों के रिकॉर्ड को देखते हुए अगर वह पांच मैचों की सीरीज़ में तीन से कम टेस्‍ट खेल पाए तो यह उन्‍हें निराश करेगा।

हेज़लवुड (222 टेस्‍ट विकेट 25.83 की औसत से), मिचेल स्‍टार्क (310 विकेट 27.64 की औसत से) या स्‍कॉट बोलंड (33 विकेट 14.57 की औसत से) में से कोई एक शुक्रवार को ऑस्‍ट्रेलिया की टीम में जगह नहीं बना पाएगा। यह फ़ैसला टीम के दो वरिष्‍ठ तेज़ गेंदबाज़ों में से हो सकता है क्‍योंकि विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में भारत के ख़‍िलाफ़ बोलंड ने काफ़ी प्रभावित किया था।

चार साल पहले भी ना तो हेज़लवुड और ना ही स्‍टार्क ऑस्‍ट्रेलिया की प्‍लेइंग इलेवन में जगह बना पाए थे क्‍योंकि तब पैट कमिंस का साथ जेम्‍स पैटिंसन और पीटर सिडल ने दिया था। चोट से उबरने के बाद एहतियात की वजह से हेज़लवुड 2019 का विश्‍व कप नहीं खेल पाए थे, लेकिन इसके बाद ऐशेज़ में चार मैचों में 21.85 की औसत से 20 विकेट लिए थे।

हेज़लवुड ने कहा, "अगर यह कुछ साल पहले होता तो मैं कह सकता था कि मैं सारे छह टेस्‍ट खेलूंगा। लेकिन अभी चीज़ें थोड़ी अलग हैं क्‍योंकि मेरा दो साल का इतिहास सही नहीं रहा है। मुझे लगता है कि मैं यहां पांच में से तीन मैच खेल सकता हूं। अगर मैं चार खेलता हूं तो यह और भी बेहतरीन होगा। इससे अधिक खेलना शानदार होगा लेकिन इससे कम खेलना मेरे लिए थोड़ा निराशाजनक होगा। लेकिन मुझे लगता है कि जब आपके पास हर मैच के लिए टीम में गहराई हो तो आपको टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। इसके अलावा मैच के बाद दोबारा आपको तेज़ी से उबरकर बेहतर होना पड़ता है क्‍योंकि आप बेंच पर नहीं बैठना चाहते, आप तैयार रहना चाहते हो।"

हेज़लवुड के लिए दो साल में चार टेस्‍ट

हेज़लवुड को लेकर पिछले दो साल में काफ़ी सतर्कता बरती गई, जिससे वह इन दो साल में चार ही टेस्‍ट खेल पाए। वह भारत के दौरे से वापस घर लौट आए थे, लेकिन आईपीएल में वह फ‍िर चोट‍िल हो गए और उन्‍होंने डब्‍ल्‍यूटीसी फ़ाइनल से नाम वापस ले लिया। उन्‍होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर यह एक ही मैच होता, तो मैं खेल सकता था। लेकिन आगे ऐशेज़ सीरीज़ को देखते हुए यह एक बड़ा जोख़िम था। यह अच्‍छा होता कि मैं एक ही मैच के लिए चुना जाता और इसके बाद हमारे पास आराम का काफ़ी समय होता और हम वहां से आगे बढ़ते।"

कप्‍तान पैट कमिंस ने बयान दिया था कि वह सारे छह टेस्‍ट खेलना चाहते हैं। इस बीच स्कॉट बोलंड का मानना है कि यह तब तक कठिन होगा जब तक कि कुछ मैच जल्दी ख़त्म नहीं हो जाते। हाल ही में इतने टेस्ट क्रिकेट से चूकने के बाद हेज़लवुड अपनी जगह वापस पाने के लिए बेताब हैं, लेकिन साथ ही उम्मीदें भी कम हैं।

उन्‍होंने कहा, "तेज़ गेंदबाज़ी के इस तरह के विकल्‍प होना मदद करता है। इसमें कोई शक नहीं है कि आप हर मैच खेलना चाहते हो और बेंच पर बैठना मुश्किल है। लेकिन जब आपके पास एक के बाद एक टेस्‍ट होते हैं और आप 50 ओवर करते हो और आपके पास बोलंड, स्‍टार्क या मैं बेंच पर हैं, तो हम तरोताज़ा होकर अगले टेस्‍ट में जाने को तैयार होंगे। खिलाड़ी अब दूर का सोचने के लिए तैयार हैं और तीनों प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ी तो इसके बारे में दूसरों से अधिक सोच रहे हैं।"

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के आक्रमण की गहराई का मतलब है कि गेंदबाज़ अपने आपको ब्रेकिंग पॉइंट से आगे खु़द को नहीं धकेलते हैं। उन्‍होंने कहा, "आप एक या दो मैच चोट की वजह से मिस कर सकते हो और तीन या चार महीने के लिए बाहर बैठ सकते हो।"

कुल 222 विकेट और इंग्‍लैंड में 23.58 की औसत से 36 विकेट लेने वाले हेज़लवुड को खु़द को साबित करने की ज़रूरत नहीं है, हालांकि कोच और मेडिकल स्‍टाफ़ पर उनकी चोटों पर पार नहीं पाने की वजह से सवालिया निशान लगे हैं।

उन्‍होंने स्‍वीकार किया कि जनवरी में साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ वापसी करते हुए वह प्रभाव छोड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इंग्‍लैंड में मेरा रिकॉर्ड काफ़ी अच्‍छा है। मुझे यहां की परिस्‍थतियों के बारे में पता है। यह रोचक है कि पिछले 18 महीनों में जो इंग्‍लैंड ने किया है, उसके बाद हमें अपना सर्वश्रेष्‍ठ देने की ज़रूरत है।"

इंग्‍लैंड अभी भी उसी तरह से खेलेगा

विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप में भारत को हराने के बाद ऑस्‍ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ों को अगले 48 घंटे में इंग्‍लैंड के बैज़बॉल प्‍लान के ख़‍िलाफ़ रणनीति बनानी होगी।

हेज़लवुड ने कहा, "यह शानदार है। मुझे गेंद बल्‍ले पर खिलाना पसंद है। जब हम उनके बल्‍लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करेंगे तो सुनिश्‍चित करना जरूरी है कि लेंथ छह से आठ मीटर की हो। हमने जो पिछले 18 महीने से दो साल तक के बीच में देखा है कि वे अब भी उसी तरह से आउट हो रहे हैं, लेकिन इस दौरान उन्‍होंने अधिक रन बनाए हैं। तो बात उस लाइन और लेंथ पर बने रहने की है।"

ऐंड्रयू मक्‍ग्‍लैशन ESPNcricinfo में डिप्‍टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।

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