कोच द्रविड़ : बदलाव के इस दौर में युवा खिलाड़ियों के उभार से ख़ुश हूं

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बदलाव के इस दौर में सीनियरों की भूमिका महत्वपूर्ण है : रोहित

राहुल द्रविड़ ने 2008 में खिलाड़ी के तौर पर पहली बार भारतीय टीम में एक बदलाव का दौर देखा था। यह सौरव गांगुली के संन्यास के साथ शुरू हुआ था और टेस्ट कप्तानी अनिल कुंबले से एमएस धोनी के हाथों में आई थी। इसके बाद द्रविड़ ने ख़ुद संन्यास लिया और फिर 2012 में वीवीएस लक्ष्मण ने संन्यास लेकर चेतेश्वर पुजारा के लिए जगह बनाई। 2013 में सचिन तेंदुलकर के संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम युग का अंत हुआ।

एक दशक के बाद भारतीय टेस्ट टीम फिर से बदलाव के दौर में है और इस समय द्रविड़ टीम के मुख्य कोच हैं। द्रविड़ की जगह लेने वाले पुजारा की जगह अब शुभमन गिल ने ले ली है, वहीं यशस्वी जायसवाल के रूप में टीम को एक बाएं हाथ का सलामी बल्लेबाज़ मिला है, जो कप्तान रोहित शर्मा के अनुसार लंबे समय तक भारतीय टीम की सेवा करने का माद्दा रखता है।

पोर्ट ऑफ़ स्पेन टेस्ट से पहले द्रविड़ ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "यह हमारे घरेलू क्रिकेट सिस्टम की ख़ूबी है कि वहां से युवा खिलाड़ी ख़ासकर बल्लेबाज़ सीधे टेस्ट टीम में आकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। टीम का माहौल भी ख़ुशनुमा है, जिसमें युवा खिलाड़ी अपने आप को सहज महसूस करते हैं। इस माहौल का भी उनके प्रदर्शन में बहुत योगदान है। एक कोच के रूप में इन युवा खिलाड़ियों को प्रदर्शन करते देखना सुखद है, फिर चाहे वह यशस्वी हों या फिर शुभमन। पिछले मैच में एक कठिन पिच पर इशान (किशन) ने भी बेहतरीन विकेटकीपिंग की थी। सिर्फ़ टेस्ट में ही नहीं वनडे और टी20 में भी हमने देखा है कि ये युवा खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर अपने आप को बेहतर तरीक़े से एक्सप्रेस करने में सफल रहे हैं। इसका श्रेय घरेलू क्रिकेट और एनसीए को जाता है।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि यशस्वी और शुभमन को आगे और भी कठिन चुनौतियां मिलेंगी। टीम को उनके बारे में और बेहतर तरीक़े से पता चलेगा। जब एक युवा खिलाड़ी के रूप में आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो विरोधी टीमें आपके ख़िलाफ़ योजनाएं बनाने लगती हैं। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि जब यशस्वी के ख़िलाफ़ ऐसा होगा, तो वह किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं

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