पृथ्वी शॉ ने वनडे कप में 244 की पारी के साथ लगाई रिकॉर्ड्स की झड़ी

शॉ ने कहा, "मुझे नहीं पता भारतीय चयनकर्ता क्या सोच रहे होंगे, लेकिन मैं यहां टीम और सपोर्ट स्टाफ़ के साथ एक यादगार समय बिताते हुए अनुभव बटोरना चाहता हूं।" © Kyle Andrews

इंग्लैंड के घरेलू वनडे कप में नॉर्थेंप्टनशायर के लिए खेलते हुए भारतीय बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ ने अपने लिस्ट-ए (50-ओवर) करियर का दूसरा दोहरा शतक मारते हुए अपनी टीम को सॉमरसेट के विरुद्ध 87 रनों की जीत दिलाई। वांटेज रोड में खेले गए इस मैच में शॉ ने केवल 153 गेंदों पर 244 बनाए, जो नॉर्थेंप्टनशायर के इतिहास में सर्वाधिक स्कोर है और विश्व के लिस्ट-ए में छठा सबसे बड़ा स्कोर है।

शॉ ने अपनी पारी के दौरान 11 छक्के और 28 चौके मारे। नवंबर 2021 में पुडुचेरी के विरुद्ध उन्होंने जयपुर में अविजित 227 बनाते हुए इस फ़ॉर्मैट में अपना पहला दोहरा शतक जड़ा था। उन्होंने इंग्लैंड लायंस के लिए खेलते हुए श्रीलंका ए के ख़िलाफ़ बेन डकेट के 220 नाबाद की पारी को पार करते हुए इंग्लैंड की सरज़मीं पर दूसरा सर्वाधिक स्कोर भी खड़ा किया। यह रिकॉर्ड अभी भी ऐलस्टर ब्राउन के नाम है, जिन्होंने 2002 में ओवल में ग्लैमॉर्गन के विरुद्ध सरी के लिए 268 बनाए थे।

बुधवार को शॉ ने रन बनाने से पहले लगभग गेंद को स्टंप पर खेल दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने 200 पार करने से पहले तक विरोधी टीम को कोई मौक़ा नहीं दिया। उन्होंने स्पिन गेंदबाज़ों की अच्छे से ख़बर ली। वह क़दमों का इस्तेमाल करते हुए या तो उन्हें डाउन द ग्राउंड मारते या स्वीप का अच्छा उपयोग कर देते। सीम गेंदबाज़ों के विरुद्ध भी उन्होंने हुक शॉट को अच्छे नियंत्रण से खेला। उनके ड्राइव और कट दर्शनीय थे और उन्होंने सॉमरसेट के सबसे अनुभवी गेंदबाज़ जैक ब्रुक्स को दो बार लॉन्ग ऑफ़ के ऊपर छह रन के लिए भेजा।

शॉ ने अपना शतक 81 गेंदों पर पूरा किया और उनके बल्ले से अगले 100 रन केवल 48 गेंदों पर आए। उन्होंने क्रमशः नॉर्थैंट्स के लिए 50-ओवर के सर्वाधिक स्कोर (डेविड सेल्स के 161) और 40-ओवर क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ (डेविड विली के बनाए 167 और 1983 में वेन लारकिंस द्वारा बनाए 172) को भी पार लगाया।

शॉ की सबसे बड़ी साझेदारी तीसरे विकेट के लिए सैम व्हाइटमैन के साथ रही, हालांकि 194 रनों की साझेदारी में व्हाइटमैन केवल 54 रनों का योगदान दे पाए। शॉ ने आख़िरी ओवर का आग़ाज़ एक छक्के के साथ किया लेकिन तीसरी गेंद पर आउटफ़ील्ड में कैच आउट हुए। तालियों के गड़गड़ाहट में पवेलियन में उनका स्वागत हुआ। मैच के बाद शॉ ने कहा, "धूप खिली थी और आज मौसम भारत जैसा था तो ज़्यादा मज़ा आया। जब अंदरूनी किनारा स्टंप पर नहीं जाता तो आप समझ जाते हैं कि आपका दिन हो सकता है। उसके बाद मैंने मुड़ कर नहीं देखा। जब मैं 227 पर पहुंचा तो मैंने व्हाइटी [व्हाइटमैन] से कहा भी कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ है। लेकिन यह एक टीम एफ़र्ट था और मैं हमेशा यही चाहता हूं कि टीम जीते।"

काउंटी क्रिकेट के अपने अनुभव को लेकर शॉ ने कहा, "मुझे नहीं पता भारतीय चयनकर्ता क्या सोच रहे होंगे, लेकिन मैं यहां टीम और सपोर्ट स्टाफ़ के साथ एक यादगार समय बिताते हुए अनुभव बटोरना चाहता हूं। नॉर्थेंप्टनशायर ने मुझे यह मौक़ा दिया है और वह मेरी अच्छी देखभाल कर रहे हैं।

अनुवाद ESPNcricinfo के स्थानीय भाषा प्रमुख दबायन सेन ने किया है

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