मोहम्मद सिराज : जितना नसीब में होता है, आपको उतना ही मिलता है

ESPNcricinfo स्टाफ़

दसुन शानका के विकेट का जश्न मनाते हुए मोहम्मद सिराज © Getty Images

एशिया कप फ़ाइनल में जसप्रीत बुमराह ने अपने पहले ही ओवर में श्रीलंका को पहला झटका दिलाया, लेकिन उसके बाद मोहम्मद सिराज ने पूरी तरह से मैच पर अपनी पकड़ बना ली। अपने दूसरे ओवर में उन्होंने केवल चौथी बार पुरुष वनडे मैच में (जहां गेंद-दर-गेंद डाटा उपलब्ध हो) एक ओवर में चार विकेट लिए। वह यहीं नहीं रुके - दो और विकेट लेते हुए उन्होंने 21 रन देकर छह विकेट लिए और श्रीलंका को केवल 50 के स्कोर पर रौंदा। इस स्पेल को उन्होंने "सपने जैसा" बताया और कहा कि उन्होंने केवल "लाइन और लेंथ एक्ज़िक्यूट करते हुए" एशिया कप इतिहास में दूसरे सर्वश्रेष्ठ फ़िगर अपने नाम किए।

श्रीलंकाई पारी के बाद ब्रॉडकास्ट पर सिराज ने कहा, "मैंने पिछली बार श्रीलंका के साथ ट्रिवैंड्रम में ऐसा किया था और चार विकेट लिए थे। लेकिन मैं पांच विकेट नहीं लिया था। तब मुझे समझ आया था जितना नसीब में होता है उतना ही मिलता है, कोशिश आप जितना भी कर लो। यहां पर प्लान स्पष्ट था - लाइन और लेंथ एक्ज़िक्यूट करना है और विकेट मिलते रहे।"

चौथे ओवर की पहली गेंद पर पथुम निसंका हवा में ड्राइव करते हुए प्वाइंट पर कैच आउट हुए। दो गेंद बाद सदीरा समराविक्रमा अंदर आती गेंद पर स्टंप के सामने टिके रहे और पगबाधा हुए। अगली गेंद पर चरिथ असलंका ने कवर की दिशा में एक फ़ुल गेंद को धकेल दिया। ओवर की आख़िरी गेंद पर धनंजय डीसिल्वा ड्राइव लगाते हुए विकेट के पीछे कैच आउट हुए।

सिराज ने दसुन शानका और कुसल मेंडिस दोनों को बोल्ड करते हुए अपने छह विकेट पूरे किए। घने बादल तले गेंदबाज़ी करते हुए सिराज ने नई गेंद से स्विंग निकालते हुए करिश्माई गेंदबाज़ी की। उन्होंने मैच के बाद प्रेज़ेंटेशन में कहा, "काफ़ी टाइम से मैं अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा था और खाली वो (बल्लेबाज़) बीट हो रहे थे। आज एज लग रहे थे और मेरी कोशिश थी कि एज को जितनी बार ले सकें।

"यह विकेट सीम होता आया है लेकिन आज स्विंग भी हो रहा था। मैंने कोशिश की कि बल्लेबाज़ों को ज़्यादा से ज़्यादा खिलाया जाए। मैंने सोचा स्विंग हो रहा है तो थोड़ा ऊपर डालता हूं। वह ड्राइव मरने जाएंगे तो कैच हो सकते हैं। पिच बहुत अच्छा था और थोड़ा अच्छा स्विंग ले रहा था और शुरू में थोड़ी नमी भी मुझे लगी पिच पर। मैंने एक्ज़िक्यूट किया और वह अच्छा था।"

कई बार फ़ील्ड को देखते हुए ऐसा लगा मानो टेस्ट मैच चल रहा हो। दरअसल सिराज अधिकतर टेस्ट मैच के लिए आदर्श लेंथ पर गेंद डालते रहे। उन्होंने कहा, "मैंने विकेट का पीछा नहीं किया। मैंने परिस्थितियों को मेरे लिए मेहनत करने दिया। अगर आप सही लाइन पर विकेट को बार-बार पटकते रहेंगे, तो आपको विकेट भी मिलती रहेंगी।"

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