आंकड़े : डेवन कॉन्वे और रचिन रविंद्र ने विश्व कप के पहले ही मैच में लगाई रिकॉर्ड्स की झड़ी
36.2 इंग्लैंड द्वारा दिए गए 283 रन के लक्ष्य का पीछा करने में न्यूज़ीलैंड को सिर्फ़ 36.2 ओवर लगे। यह वनडे विश्व कप में 250 से अधिक के लक्ष्य का सबसे तेज़ पीछा है। इससे पहले यह रिकॉर्ड भारत के नाम था, जब उन्होंने 2015 में आयरलैंड के ख़िलाफ़ 36.5 ओवरों में 260 के लक्ष्य का पीछा किया था।
82 न्यूज़ीलैंड जब लक्ष्य तक पहुंचा, तब पारी में 82 गेंद शेष बचे थे। 250 से अधिक रन का पीछा करते हुए गेंद बचे रहने के संदर्भ में यह संयुक्त रूप से चौथा सर्वाधिक है। रिकॉर्ड साउथ अफ़्रीका के नाम है, जब उन्होंने इस साल की शुरुआत में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 261 रनों के लक्ष्य का पीछा 123 गेंद शेष रहते हुए किया था।
18-3 वनडे और टी20 विश्व कप में न्यूज़ीलैंड के पहले मैच में जीत-हार का रिकॉर्ड 18-3 का हो गया है। वे सिर्फ़ 1983 व 2003 के वनडे विश्व कप और 2021 के टी20 विश्व कप में अपना पहला मैच हारे थे। इसके अलावा उन्होंने विश्व कप में अपना हर पहला मैच जीता है।
273* डेवन कॉन्वे और रचिन रविंद्र के बीच दूसरे विकेट के लिए नाबाद 273 रन की साझेदारी हुई, जो कि पुरूष विश्व कप में चौथी सबसे बड़ी साझेदारी है। यह न्यूज़ीलैंड के लिए विश्व कप में सबसे बड़ी साझेदारी भी है। दोनों ने ली जरमॉन और क्रिस हैरिस के रिकॉर्ड को तोड़ा, जिन्होंने 1996 विश्व कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चौथे विकेट के लिए 168 रनों की साझेदारी की थी।
152* कॉन्वे ने इस मैच में नाबाद 152 रन बनाए, जो न्यूज़ीलैंड की ओर से विश्व कप में तीसरा सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है। उनके आगे सिर्फ़ मार्टिन गप्टिल (237) और ग्लेन टर्नर (171) हैं। कॉन्वे का यह स्कोर इंग्लैंड के विरूद्ध विश्व कप में सर्वाधिक निजी स्कोर है।
23y 321d रचिन 23 साल 231 दिन के उम्र में न्यूज़ीलैंड की ओर से विश्व कप में शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज़ बन गए हैं। नेथन ऐस्टल के नाम यह रिकॉर्ड था, जब उन्होंने 1996 विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 24 साल और 152 दिन की उम्र में 101 रन की पारी खेली थी।
वह विश्व कप में डेब्यू शतक लगाने वाले अब दुनिया के तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज़ भी बन गए हैं। उनसे ऊपर सिर्फ़ विराट कोहली (22 साल 106 दिन बनाम बांग्लादेश, 2011) और ऐंडी फ़्लॉवर (23 साल 301 दिन बनाम श्रीलंका, 1992) हैं।
1 कॉन्वे और रचिन की जोड़ी न्यूज़ीलैंड की ऐसी पहली बल्लेबाज़ी जोड़ी बन गई है, जिन्होंने विश्व कप की एक ही पारी में शतक लगाए हैं। 3 कॉन्वे से पहले सिर्फ़ तीन ही ऐसे बल्लेबाज़ हुए हैं, जिन्होंने अपने पहले ही विश्व कप मैच में 150+ का स्कोर किया हो। इससे पहले गैरी कर्स्टन (188 बनाम यूएई, 1996), क्रेग विशार्ट (172 बनाम नामीबिया, 2003) और टर्नर (171 बनाम ईस्ट अफ़्रीका, 1975) ऐसा कर चुके हैं।
88 गप्टिल को 2015 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपना शतक पूरा करने में 88 गेंदें लगी थी, जो कि न्यूज़ीलैंड के लिए विश्व कप में सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड था। कॉन्वे ने 83 गेंदों में शतक बनाकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा, जिसे रचिन ने 82 गेंदों में शतक बनाकर तुरंत तोड़ दिया।
22 कॉन्वे को अपने 1000 वनडे रन पूरा करने में सिर्फ़ 22 पारियां लगी, जो कि न्यूज़ीलैंड की ओर से सबसे तेज़ है। पिछला रिकॉर्ड टर्नर के नाम था, जिन्होंने 24 पारियों में 1000 वनडे रन पूरे किए थे।
कॉन्वे का यह पांचवां वनडे शतक था, जो कि सिर्फ़ 22 पारियों में आया। उन्होंने केन विलिमयमसन के न्यूज़ीलैंड रिकॉर्ड को तोड़ा, जिन्होंने 56 पारियों में अपने पहले 5 वनडे शतक जड़े थे। सिर्फ़ क्विंटन डिकॉक (19 मैच), इमाम-उल-हक़ (19) और डाविड मलान (21) ही इस मामले में कॉन्वे से आगे हैं।
0 मिचेल सैंटनर ने अपने 10 ओवर के स्पेल में एक भी बाउंड्री नहीं दिए। इससे पहले इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कुलदीप यादव ने 2018 में ऐसा किया था।
11 इंग्लैंड के सभी 11 बल्लेबाज़ दोहरे अंक (10 से ऊपर) के स्कोर तक पहुंचे, जो कि क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ।
संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिस्टिशन हैं