ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ विराट कोहली और के एल राहुल ने लगाया टीम इंडिया का बेड़ा पार

नवनीत झा

कोहली ने राजकोट वनडे में भी अर्धशतक लगाया था © Associated Press

चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में टॉस की भूमिका काफ़ी अहम मानी जा रही थी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। हालांकि जसप्रीत बुमराह ने भारत को शुरुआती सफलता दिला दी, जिसके बाद डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ ने साझेदारी बनानी शुरू कर दी। स्मिथ और वॉर्नर के बीच साझेदारी तो पनप रही थी लेकिन उन्हें रन बनाने के लिए पर्याप्त मेहनत करनी पड़ी रही थी। कुलदीप यादव ने जैसे ही वॉर्नर को आउट किया, उसके बाद भारत की स्पिन तिकड़ी खेल में आ गई और इसके बाद रविंद्र जाडेजा ने पूरे मैच का पासा पलट दिया। भारत के हर गेंदबाज़ ने मैच में विकेट झटका।

ऑस्ट्रेलियाई पारी 199 पर सिमट गई थी। हालांकि इस छोटे टोटल का अगर कोई बचाव कर सकता था तो वो ख़ुद ऑस्ट्रेलियाई टीम ही थी। भारत को शुरुआत में ही तीन झटके लग गए। इशान किशन, कप्तान रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर तीनों ही बल्लेबाज़ शून्य के निजी स्कोर पर आउट हो गए। यहां से लक्ष्य हासिल करना काफ़ी मुश्किल प्रतीत हो रहा था। विराट कोहली को शुरुआत में एक जीवनदान भी मिला और कई बार वह बाहरी किनारे पर भी बीट हुए। लेकिन एक बार सेट होने पर कोहली ऑस्ट्रेलिया पर पूरी तरह से हावी हो गए। हालांकि कोहली के विपरीत राहुल शुरू से ही एकाग्र नज़र आए और उन्होंने कोई लूज़ शॉट भी नहीं खेला।

भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज़ों ने पिच का भरपूर फ़ायदा उठाया। फ़ील्डरों ने भी अच्छा साथ दिया। हालांकि कप्तान रोहित ने कैच दो मौक़े गंवाए लेकिन एक कैच मुश्किल था। ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्लेबाज़ी से लेकर गेंदबाज़ी में कुछ भी सही नहीं गया। शुरुआत में तीन बड़े विकेट में सिर्फ़ रोहित का विकेट ही अच्छी गेंद पर आया था। श्रेयस अय्यर और किशन ख़राब शॉट खेलकर आउट हुए। ऐडम ज़ैम्पा को गेंदबाज़ी में पहले लाया जा सकता था। बहरहाल, यह जीत भारत को काफ़ी आत्मविश्वास देगी। मध्य क्रम और गेंदबाज़ी भारत के दृष्टिकोण से सबसे सकारात्मक पहलू रही।

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