रहाणे : मैं 100 टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं
पिछले आठ सीज़न से मुंबई की टीम रणजी ट्रॉफ़ी का ख़िताब जीतने में सफल नहीं हो पाई है। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि अगर उनकी टीम इस ख़िताब को हासिल करना चाहती है तो उनके खिलाड़ियों को साहसी होकर खेलने की आवश्यकता है। अजिंक्य चाहते हैं कि उनके गेंदबाज़ आक्रामकता के साथ गेंदबाज़ी करते हुए 20 विकेट हासिल करें, बल्लेबाज़ी के दौरान मजबूत चरित्र का परिचय दें, मैदान पर साहसी होकर अपने खेल को आगे बढ़ाएं और अगर वह ऐसा करने में सफल होते हैं तो चार दिनों के खेल में वह जीत हासिल करने में सक्षम हो सकते हैं।
मुंबई की टीम ने इस रणजी सीज़न में अब तक कुल दो मैच खेले हैं और इन दोनों मैचों में उन्हें बोनस अंकों के साथ जीत मिली है। पहले उनकी टीम ने बिहार को एक पारी से हराया और फिर दूसरे मैच में उन्होंने आंध्रा के ख़िलाफ़ 10 विकेट से जीत हासिल की। मुंबई की टीम ने इन दोनों मैचों में विपक्षी टीम को फॉलो ऑन कराने का साहसिक फ़ैसला लिया था जो आज-कल की लाल गेंद की क्रिकेट में एक कठिन फ़ैसला है।
रहाणे ने आंध्रा के ख़िलाफ़ मिली जीत के बाद मुंबई में कहा, "इस सीज़न में हमारी शुरुआत बहुत अच्छी रही है। हालांकि अब चुनौती यह है कि हमें निरंतरता के साथ प्रदर्शन करना होगा क्योंकि हम इस टूर्नामेंट को जीतना चाहते हैं। हम एक समय में एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं। [यह एक] होम-अवे प्रारूप है, इसलिए परिस्थितियां बदलती रहती हैं। हमें अलग-अलग परिस्थितियों के लिए भी तैयार रहना होगा।"
मुंबई को इस बात पर गर्व हो सकता है कि उसने अब तक अपने दोनों टॉस गंवाए हैं, लेकिन उनके गेंदबाज़ों ने चार पारियों में केवल एक विपक्षी बल्लेबाज को 50 के आंकड़े तक पहुंचने की अनुमति दी है। पहले मैच में तो तेज़ गेंदबाज़ों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और दूसरे मैच में पिछले सीज़न के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ शम्स मुलानी ने 10 विकेट लिए।
100 टेस्ट खेलना है रहाणे का लक्ष्य
रणजी ट्रॉफ़ी खेलते समय रहाणे का स्पष्ट और तात्कालिक लक्ष्य ख़िताब जीतना है, जो मुंबई 2015-16 के बाद से नहीं कर पाई है। साथ ही वह टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद के साथ घरेलू क्रिकेट में मेहनत कर रहे हैं। रहाणे ने अब तक तक 85 टेस्ट खेले हैं लेकिन अभी वह और 15 टेस्ट खेलना चाहते हैं। इस सीज़न में गर्दन में अकड़न के कारण पहला रणजी मैच चूकने के बाद, उन्हें आंध्रा के ख़िलाफ़ केवल एक बार बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिला था और वह पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे।
"मैं एक समय में मुंबई के लिए एक मैच में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। पहला लक्ष्य रणजी ट्रॉफ़ी जीतना है और दूसरा लक्ष्य भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलना है।"
रहाणे इस साल 36 वर्ष के हो जाएंगे और वह मुंबई की युवा पीढ़ी को एक वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप में हर तरह से मदद करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि युवा खिलाड़ी निडरता के साथ अपने खेल को आगे बढ़ाएं।
"ऐसा नहीं है कि हम मैच में एक सुरक्षित स्थिति में पहुंचना चाहते हैं। आपको साहसी होना होगा। यह एक लंबा टूर्नामेंट है, और आप मैच तभी जीतते हैं जब आपके गेंदबाज़ विकेट लेते हैं। इसलिए आपका पहला लक्ष्य पारी की बढ़त लेना है, फिर सोचें कि आपके पास कितना समय है क्योंकि चार दिनों में बहुत कम ही मैच सटीक परिणाम देते हैं। यदि आप बिल्कुल पाटा विकेट पर खेलते हैं तो सटीक परिणाम मिलना बहुत मुश्किल होता है। व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि हमें सपाट पिच पर नहीं खेलना चाहिए।
"साहसी होने का मतलब यह नहीं है कि आप पिच पर जाते ही कड़े प्रहार करने लगें। यह सब अतिरिक्त जोख़िम लेने या शायद मज़बूत इरादे से खेलने के बारे में है। अपने प्रदर्शन के बारे में सोचते हुए, आप अपने सुरक्षित ज़ोन में चले जाते हैं। लेकिन जब आप अपनी टीम को पहले रखते हैं, तो आपके खेल में असफलता का कोई डर नहीं रहता है। खिलाड़ियों का रवैया ऐसा ही होना चाहिए।"
मुंबई की शुरुआती दो जीतें कई नियमित खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में आई हैं। सरफ़राज़ ख़ान और तुषार देशपांडे इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ इंडिया ए टीम का हिस्सा हैं। शिवम दुबे और यशस्वी जयसवाल अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ चल रहे टी20 सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा शार्दुल ठाकुर और पृथ्वी शॉ घायल हैं। केरल के ख़िलाफ़ अगले मैच के लिए शिवम टीम में आ जाएंगे लेकिन श्रेयस अय्यर टीम का हिस्सा नहीं होंगे।
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं