जुरेल और स्पिनरों की बदौलत भारत की पकड़ में रांची टेस्ट
भारतीय टीम ने रांची टेस्ट के तीसरे दिन मैच पर अपनी पकड़ मज़बूत ही नहीं की बल्कि जीत के क़रीब पहुंच गई है। इसका श्रेय ध्रुव जुरेल (90) और आर अश्विन-कुलदीप यादव की जोड़ी को जाता है जिन्होंने आपस में कुल नौ विकेट बांटे। दिन का खेल ख़त्म होने तक भारतीय टीम ने बिना किसी नुकसान के 40 रन बना लिए हैं और अब उन्हें जीत के लिए 152 रनों की ज़रूरत है।
दूसरे दिन का जब खेल ख़त्म हुआ था तो भारतीय टीम एक मुश्किल स्थिति में थी। तीसरे दिन कुछ भी हो सकता था और इंग्लैंड को एक बड़ी बढ़त मिल सकती थी जो रांची की टर्न लेती विकेट पर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती थी। लेकिन कहते हैं ना कि अगर ऐसा हो जाए तो अच्छा रहेगा, वैसा हो जाए तो अच्छा रहेगा। किस्मत से मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम की सभी चाहत पूरी हो गईं और भारतीय टीम ने मैच में पहले वापसी की और बाद में रफ़्तार के साथ मैच में इतनी आगे हो गई कि अब बस जीत ही दिख रही है।
भारत ने दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने पर सात विकेट पर 219 रन बना लिए थे और ज़िम्मेदारी अब जुरेल के कंधों पर थी तो कुलदीप को उनका साथ देना था। शुरुआत के एक क़रीब एक घंटा दोनों टीम को संभालने में क़ामयाब रहे। कुलदीप के मज़बूत डिफ़ेंस और जुरेल की ज़िम्मेदारी भरी बल्लेबाज़ी इंग्लैंड के लिए मुश्किलें खड़ी करने लगी थी। दोनों ने बिना किसी झंझट के आराम से बल्लेबाज़ी करते हुए भारत के स्कोर को चलाए रखा। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 202 गेंद में 76 रन की साझेदारी कर डाली। कुलदीप जब आउट हुए तो वह तब अपने टेस्ट करियर में एक पारी में सबसे अधिक 131 गेंद खेल चुके थे। इसके बाद जब आकाशदीप आए तो जुरेल ने अपने कंधों पर सारी ज़िम्मेदारी ले ली। उन्होंने शोएब बशीर पर आगे निकलकर पहले छक्का लगाया और उसके बाद उसी दिशा में चौका लगाया।
इसके बाद बशीर के ही अगले ओवर में उन्होंने लांग ऑन पर एक लंबा छक्का लगाया। टॉम हार्टली पर भी उन्होंने डीप मिडविकेट पर लंबा छक्का लगाया और जल्द ही वह अपने शतक के क़रीब पहुंच गए थे। लंच के लिए जब एक ओवर बचा था तो लग रहा था कि 90 रन पर पहुंच चुके जुरेल लंच से पहले या बाद में अपना शतक पूरा कर ही लेंगे, लेकिन हार्टली ने एक ड्रीम गेंद डाली जो मिडिल स्टंप पर टप्पा खाकर बाहर निकल गई और जुरेल का ऑफ़ स्टंप ले उड़ी।
जुरेल शतक से ज़रूर चुके लेकिन भारत 307 रन बनाकर इंग्लैंड के स्कोर के बेहद क़रीब पहुंच चुका था। इंग्लैंड की ओर से शोएब बशीर ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में पहली बार पारी में पांच विकेट का स्वाद चखा।
इसके बाद इंग्लैंड पर तेज़ी से रन बनाने का दबाव था, क्योंकि पिच में पड़ी दरारें और असमतल उछाल उन्हें परेशान करने लगा था। भारत ने स्पिनरों के साथ पारी की शुरुआत की और रोहित शर्मा की यह चाल काम कर गई जब अश्विन ने बेन डकेट (15) को शॉर्ट लेग पर कैच करा दिया। इससे अगली ही गेंद पर उन्होंने ओली पोप को भी शून्य पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। इंग्लैंड 19 रनों पर दो विकेट गंवा चुका था। इसके बाद अश्विन ने जो रूट के रूप में एक बड़ा विकेट दिलाया जो ओवर पिच गेंद को फ्लिक करने के प्रयास में एलबीडब्ल्यू हो गए। इधर अश्विन अपना काम कर रहे थे दूसरे छोर पर रवींद्र जाडेजा की जगह कुलदीप को लाया गया और उन्होंने आते ही ज़ैक क्रॉली (60) को बोल्ड कर दिया जो तेज़ी से रन बनाते नज़र आ रहे थे।
कुलदीप यहीं नहीं रूके उन्होंने बेन स्टोक्स (4) को भी बोल्ड किया जो आगे की गेंद को खड़े रहते ही खेलने का प्रयास कर रहे थे। टी के तुरंत बाद पहली ही गेंद पर जॉनी बेयरस्टो (35) के सफ़र को रवींद्र जाडेजा ने शॉर्ट कवर पर कैच कराकर समाप्त कर दिया। यहां से बेन फ़ोक्स पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ अधिक चल नहीं सके और पहले कुलदीप और बाद में अंतिम दो विकेट एक ही ओवर में निकालकर अश्विन ने भारत को जीत की दहलीज़ तक पहुंचा दिया था। इंग्लैंड की पूरी टीम मात्र 145 रन पर पवेलियन पहुंच गई।
भारत को अब जीत के लिए 192 रनों का लक्ष्य था और अंतिम आधे घंटे का खेल बचा था। भारतीय ओपनरों ख़ासकर रोहित शर्मा ने तेज़ी से रन बनाने शुरू किए और दिन का खेल ख़त्म होने तक बिना किसी नुकसान 40 रन बना लिए हैं। भारत को अब जीत के लिए 152 रनों की ज़रूरत है और उम्मीद है कि भारत मैच के चौथे दिन इस लक्ष्य को हासिल कर भी लेगा।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26