कोटियान के नाबाद शतक से मुंबई ने 27 वर्षों बाद जीता ईरानी कप
मुंबई 537 और 329/8, पारी घोषित (कोटियान 114*, शॉ 76, अवस्थी 51*, जैन 121-6) ने रेस्ट ऑफ़ इंडिया 416 (ईश्वरन 191, जुरेल 93, कोटियान 101-3) को बढ़त के आधार पर हराया
तनुष कोटियान के नाबाद शतक ने ईरानी कप के पांचवें और अंतिम दिन मुंबई के ईरानी कप के सूखे को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई। मुंबई ने रेस्ट ऑफ़ इंडिया को पहली पारी में बढ़त के आधार पर ईरानी कप में हरा दिया।
मुंबई ने अंतिम बार 1997-98 में ईरानी कप अपने नाम किया था जबकि इसके बाद वह आठ बार फ़ाइनल में भी पहुंचे थे लेकिन उन्हें एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई। मुंबई ने अंतिम बार ईरानी कप का फ़ाइनल 2015-16 में खेला था।
चौथे दिन का खेल जब समाप्त हुआ था तब मुंबई के 153 के स्कोर पर छह विकेट गिर चुके थे और कोटियान 20 के स्कोर पर नाबाद पवेलियन लौटे थे। पांचवें दिन उन्होंने मुंबई की पारी को संभाल लिया और नाबाद 114 रनों की पारी खेली। इस दौरान मोहित अवस्थी ने भी उनका बखूबी साथ दिया और उन्होंने भी 51 रनों की नाबाद पारी खेली। कोटियान ने पहली पारी में भी 61 रनों की पारी खेली थी।
पहली पारी में ही मुंबई को 121 रनों की बढ़त हासिल हो चुकी थी और 329 के स्कोर पर आठ विकेट गंवा चुकी मुंबई ने अपनी पारी घोषित कर दी। रेस्ट ऑफ़ इंडिया को जीत के लिए 451 रन बनाने थे, हालांकि उनके पास इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक सत्र से अधिक का समय नहीं बचा था। लिहाज़ा ऋतुराज गायकवाड़ की अगुवाई वाली टीम ने भी विपक्षी टीम के साथ हाथ मिलाने का फ़ैसला कर लिया।
मुंबई की इस जीत में सबसे बड़ा योगदान सरफ़राज़ ख़ान का है। वह दूसरी पारी में तो अधिक ख़ास नहीं कर पाए लेकिन पहली पारी में उनके नाबाद 222 रनों की बदौलत ही मुंबई एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल हुई थी। सरफ़राज़ को उनके इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड भी दिया गया।