दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को नहीं मिला राहुल और जाय'सवाल' का जवाब
भारत 150 और 172 पर 0 (यशस्वी जायसवाल 90* और केएल राहुल 62*) ऑस्ट्रेलिया 104 (स्टार्क 26, बुमराह 5/30) से 218 रन आगे
दूसरे दिन के सभी तीन सत्र भारत के नाम रहे, जिसमें दो सत्र केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की सलामी जोड़ी ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण पर पूरी तरह से हावी रही। राहुल और जायसवाल के अर्धशतकों की बदौलत भारत एक मज़बूत स्थिति में है और दोनों नाबाद ही पवेलियन लौटे हैं। अब तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को मैच में वापस आने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
राहुल और जायसवाल ने भारतीय टीम को एक सधी हुई शुरुआत दिलाने के साथ साथ नियंत्रण के साथ अपनी पारी को आगे बढ़ाया। राहुल ऑफ़ स्टंप के बाहर की लगातार गेंदों को छोड़ते रहे जबकि जायसवाल ने भी अधिक जोखिम नहीं लिया। हालांकि जायसवाल के विरुद्ध मिचेल स्टार्क के ओवर में स्लिप में एक मौक़ा बना था लेकिन उस्मान ख़्वाजा समय पर गेंद के नीचे नहीं आ सके। जबकि भारतीय पारी के 42वें ओवर और नेथन लायन की गेंदबाज़ी के दौरान राहुल रन आउट होने से बचे थे।
इन दो घटनाक्रमों को छोड़ दिया जाए तो दिन के अधिकतम समय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के कंधे पस्त ही रहे। एकमात्र सकारात्मक दौर ऑस्ट्रेलिया की पारी के अंतिम विकेट के दौरान रहा जब मिचेल स्टार्क जॉश हेज़लवुड के साथ मिलकर आस्ट्रेलिया की पारी को 100 के ऊपर ले गए। लेकिन पहली पारी में एक लो स्कोर बनाने के बावजूद भारत के पास 46 रनों की बढ़त थी और दूसरी पारी में राहुल और जायसवाल ने पहली पारी में भारत द्वारा बनाए गए रनों से अधिक रनों की साझेदारी कर ली। ऑस्ट्रेलिया में दोनों की साझेदारी भारतीय सलामी जोड़ी द्वारा की गई दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।
राहुल और जायसवाल की जोड़ी 2004 के बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में शतकीय साझेदारी करने वाली पहली भारतीय सलामी जोड़ी भी है। इससे पहले वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा ने सिडनी में 123 रनों की साझेदारी की थी। हालांकि राहुल पहली पारी में भी अच्छी लय में दिखे थे लेकिन एक विमर्श योग्य निर्णय पर वे आउट करार दिए गए। दूसरी पारी में राहुल ने अपनी उसी लय को बरक़रार रखा और पारी की शुरुआत में उनके स्ट्रेट ड्राइव को चेतवेश्वर पुजारा ने शॉट ऑफ़ द मैच तक करार दिया। दूसरे दिन राहुल अपने बल्ले को पैड के पीछे रखकर गेंदें छोड़ रहे थे, जिस वजह से ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण राहुल के बल्ले का बाहरी किनारा पाने में लगातार नाकाम सिद्ध हो रहा था।
दूसरी ओर जायसवाल ने शुरु में अधिक गेंदों का सामना किया और उन्होंने राहुल से काफ़ी पहले अपना अर्धशतक पूरा किया। अर्धशतक के बाद जायसवाल ने अपना गियर भी बदला और लायन की गेंद पर छक्का प्राप्त करने के लिए उन्होंने स्टेप आउट करने से भी परहेज़ नहीं किया। इस छक्के के साथ ही जायसवाल टेस्ट में एक कैलेंडर ईयर में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए।
जायसवाल की पारी नियंत्रित ज़रूर थी लेकिन बीच बीच में वह ड्राइव मारने के लालच में पड़ जा रहे थे, जिसके चलते स्लिप में उनका एक कैच भी ड्रॉप हुआ था। ESPNcricinfo स्मार्ट स्टैट्स डेटा के अनुसार जायसवाल की पारी में कुल 83 फ़ीसदी शॉट पर नियंत्रण था जबकि राहुल ने 89 फ़ीसदी नियंत्रण के साथ शॉट खेले। जोखिम लेने के परिणामस्वरूप जायसवाल ने सात चौके के साथ साथ दो छक्के भी जड़े।
तीसरे दिन की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया को एक बार फिर कुछ वैसी ही स्थिति से करनी होगी, जहां से उसने दूसरे दिन की शुरुआत की थी। पहले दिन 67 पर सात विकेट गंवा चुकी ऑस्ट्रेलिया ने दिन के दूसरे ओवर की पहली गेंद पर ही जसप्रीत बुमराह के ओवर में एलेक्स कैरी के रूप में आठवां विकेट गंवा दिया। पंजा लेने के साथ साथ बुमराह का यह गेंदबाज़ी आंकड़ा बतौर भारतीय टेस्ट कप्तान कपिल देव के बाद किसी एक पारी का सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी आंकड़ा है।
लायन के रूप में 79 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया का नौवां विकेट गिर चुका था लेकिन इसके बाद स्टार्क ने एक छोर संभाल लिया और 100 से अधिक गेंदों का उन्होंने सामना किया। अंतिम विकेट निकालने के लिए कप्तान बुमराह ने दूसरे दिन पहली बार गेंदबाज़ी के चौथे और पांचवें विकल्प नीतीश कुमार रेड्डी (3 ओवर) और वॉशिंग्टन सुंदर (2 ओवर) का भी उपयोग किया। हालांकि लायन का विकेट चटकाने वाले हर्षित राणा ने अपने डेब्यू पर स्टार्क को तीसरा शिकार बनाते हुए आस्ट्रेलिया को घर में उसके तीसरे न्यूनतम स्कोर पर रोक दिया और इसके साथ ही लंच की घोषणा हो गई।
नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।