ICC हॉल ऑफ़ में धोनी, हेडन और विटोरी सहित सात खिलाड़ियों को जगह
लॉर्ड्स में खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फ़ाइनल से पहले एम एस धोनी, मैथ्यू हेडन, डेनियल विटोरी, हाशिम अमला, ग्रेम स्मिथ, सारा टेलर और सना मीर को ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में जगह दी गई है। मीर ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में जगह पाने वालीं पहली पाकिस्तानी महिला खिलाड़ी बनी हैं।
2007 में भारत ने धोनी की अगुवाई में T20 वर्ल्ड कप जीतने के चार साल बाद 2011 में 28 वर्षों का सूखा समाप्त करते हुए घर पर वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया। भारत घर पर वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम भी बनी। धोनी के ही नेतृत्व में भारत ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी अपने नाम किया और इसके चलते धोनी अब तक सफ़ेद गेंद प्रारूप में तीनों ICC ट्रॉफ़ी जीतने वाले इकलौते कप्तान बने हुए हैं। उन्होंने अपने वनडे करियर में 350 मैच खेले और 50 से अधिक की औसत से उन्होंने 10 हज़ार से ज़्यादा रन बनाए। धोनी की कप्तानी में ही भारत ने टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान भी हासिल किया था।
उन्होंने कहा, ""ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल होना सम्मान की बात है, जो दुनिया भर के क्रिकेटरों के योगदान को मान्यता देता है। ऐसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों के साथ आपका नाम याद किया जाना एक अद्भुत एहसास है। यह ऐसी चीज है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।"
2005 में पाकिस्तान के लिए डेब्यू करने के बाद मीर ने 120 वनडे और 106 T20I खेले जिसमें उन्होंने 72 वनडे और 65 T20I में पाकिस्तान की कप्तानी की, इस दौरान उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 2010 और 2014 के एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक भी अर्जित किया। मीर 151 विकेटों के साथ पाकिस्तान के लिए महिला वनडे में सर्वाधिक विकेट लेने वालीं गेंदबाज़ भी हैं। उन्होंने 2018 में वनडे गेंदबाज़ी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया था।
मीर ने कहा, "जब मैं छोटी बच्ची थी तो सपना देखती थी कि एक दिन हमारे देश में भी महिला टीम होगी, और अब यहां खड़ी हूं, उन महान खिलाड़ियों में शामिल हूं जिन्हें मैं तब से आदर्श मानती थी जब मैंने कभी बल्ला या गेंद नहीं पकड़ी थी - यह एक ऐसा क्षण है जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकती थी।"
हेडन अपने समय के सबसे ख़तरनाक ऑस्ट्रेलियाई ओपनर में से एक थे, उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी से गेंदबाज़ों को छिपना पड़ता था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की 2007 वनडे विश्व कप जीत में तीन शतक लगाए और 2003 के संस्करण में भी उनकी जीत का हिस्सा थे। उन्होंने अपने करियर का अंत 30 टेस्ट शतकों और 50 से ऊपर की औसत के साथ किया।
अमला साउथ अफ़्रीका के टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज थे, जिनके लंबे करियर के दौरान इस प्रारूप में साउथ अफ़्रीका की टीम नंबर 1 रैंक वाली टीम बन गई। वह टेस्ट में तिहरा शतक बनाने वाले साउथ अफ़्रीका के पहले खिलाड़ी थे, जब उन्होंने 2012 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नाबाद 311 रन बनाए थे। उन्होंने सभी प्रारूपों में 55 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए।
अमला के साउथ अफ़्रीका के साथी स्मिथ को मात्र 22 वर्ष की आयु में कप्तानी सौंपी गई थी, और यह एक ऐसी भूमिका है जिसमें उन्होंने लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व रिकॉर्ड 109 टेस्ट मैचों में साउथ अफ़्रीका का नेतृत्व किया, जिनमें से 53 में जीत दर्ज की। वे 100 से अधिक मैचों में टेस्ट टीम की कप्तानी करने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने 150 वनडे मैचों में भी कप्तानी की, जो साउथ अफ़्रीका के लिए सबसे अधिक है।
अमला ने कहा, "ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल होना सम्मान की बात है, ख़ासकर ग्रेम के साथ।" स्मिथ ने सहमति जताते हुए कहा, "यह साउथ अफ़्रीका के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि इस वर्ष हम दोनों को मान्यता मिली है।"
ऑस्ट्रेलिया के सहायक कोच और न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान विटोरी टेस्ट मैचों में 4000 रन बनाने और 300 विकेट लेने वाले केवल तीन खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने 2009 चैंपियंस ट्रॉफ़ी में न्यूज़ीलैंड को उपविजेता बनाने में भी कप्तानी की।
टेलर इंग्लैंड की महिला टीम की 2009 में वनडे वर्ल्ड कप जीत और T20 वर्ल्ड कप ख़िताब की डबल जीत की सूत्रधारों में से एक थीं। उन्होंने 2017 में घरेलू धरती पर वनडे वर्ल्ड कप जीतने में भी अहम भूमिका निभाई थी, उन्होंने लॉर्ड्स में भारत के ख़िलाफ़ ख़िताबी मुक़ाबले में 45 रन बनाए थे। उन्होंने शानदार विकेटकीपिंग के साथ अपना नाम बनाया, जिसके साथ उन्होंने सभी प्रारूपों में 232 शिकार किए।
उन्होंने कहा, "ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल होना मेरे जीवन के सबसे अच्छे पलों में से एक है और वास्तव में ऐसा लगता है जैसे सपना सच हो गया हो। हाल के वर्षों में महिला क्रिकेट काफ़ी आगे बढ़ रहा है और ऐसे महत्वपूर्ण समय में यह पुरस्कार प्राप्त करना इसे और भी ख़ास बनाता है। मैं इस मान्यता के लिए ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम चयन पैनल के सदस्यों की आभारी हूं।"