IPL के समय एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ख़ाक छान रहे थे आकाश दीप
IPL में जब दर्शक आकाश दीप की गेंदबाज़ी पर तालियां बजा रहे थे, सीटियां बजा रहे थे, उस समय आकाश दीप की ज़िंदगी में कुछ सही नहीं चल रहा था। IPL के समय पर ही लखनऊ में रह रही उनकी बहन को कैंसर हो गया और जब भी वह लखनऊ सुपर जायंट्स टीम के साथ लखनऊ आते तो उनका ध्यान खेल के साथ ही अपनी बहन की सेहत पर भी रहता। हालांकि तुरंत इलाज़ मिलने की वजह से उनकी बहन अब ख़तरे से बाहर हैं और एजबेस्टन में 10 विकेट लेकर आकाश दीप ने अपनी बहन के चेहरे पर मुस्कान लाई।
जीत के बाद आकाश दीप ने इस जीत और प्रदर्शन को अपनी बड़ी बहन के नाम किया, जो पिछले दो महीनों से कैंसर से जूझ रही हैं।
पारी में छह विकेट लेने के सवाल पर जीत के बाद आकाश दीप ने ब्रॉडकास्टर से कहा, "सबसे बड़ी चीज़ यह है कि मेरी बहन दो महीने से कैंसर से जूझ रही है, तो सबसे अच्छी खु़शी उसको ही होगी, जिस तरह से वह इस बीमारी से जूझ रही है। मैं बस उसको ही खु़शी देना चाहता था। मैं बस बहन के लिए यही कहना चाहूंगा कि जब भी गेंद हाथ में थी तो बहन का चेहरा सामने आ रहा था और मैं बस तुम्हारे चेहरे पर खुश़ी देखना चाहता हूं।"
आकाश दीप के शहर सासाराम से वैभव कुमार भी हैं। वैभव, आकाश दीप के बेहद ही घनिष्ठ मित्र हैं। वैभव और आकाश दीप ने लगभग साथ में ही क्रिकेट का सफ़र तय किया है। ESPNcricinfo से बातचीत में वैभव ने बताया, "पिछले कुछ महीने आकाश दीप भाई के लिए बहुत मुश्किलों से भरे रहे थे। जब वह लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए IPL खेल रहे थे तो उनकी बहन ज्योति को कैंसर होने का पता चला। अच्छी बात ये थी कि ज्योति दीदी लखनऊ में ही रहती हैं। आकाश दीप भाई ने लखनऊ में उनका इलाज़ कराया। टीम प्रबंधन और अन्य साथियों ने भी आकाश दीप की काफ़ी मदद की। बहन के इलाज़ के लिए मुंबई से डॉक्टर भी बुलाया गया था। यह पहली स्टेज़ का कैंसर था तो इलाज़ के बाद अब वह ख़तरे से बाहर हैं।"
आकाश दीप IPL से पहले ऑस्ट्रेलिया में लगी चोट के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में रिहैब से गुजर रहे थे। जब IPL शुरू हुआ तो उनको शुरुआती चार मैच नहीं खेलने की हिदायत दी गई थी। जब वह खेले तो लगातार अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया, लेकिन आकाश दीप के मन में तो बहन को लेकर चिंता घर कर गई थी।
वैभव ने कहा, "उस समय को याद करते हैं तो सही में आकाश दीप के लिए बहुत मुश्किल था। वह जब भी लखनऊ आते तो अपनी बहन से मिलने जाते थे, लगातार डॉक्टरों से उनका हाल पूछते रहते थे। जब कैंसर की बात पता चली तो यह उनके लिए किसी सदमें से कम नहीं था, क्योंकि पहले ही वह अपने पिता और भाई को खो चुके हैं। उन्होंने जीवन में इतना कुछ सहा है तो उनके मन में डर बैठ गया था।"
आकाश दीप का क्रिकेट सफ़र आसान नहीं रहा है। यह बिहार के एक छोटे से शहर सासाराम के एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसे पता ही नहीं था कि पेशेवर क्रिकेट में कैसे आया जाए। वह तो बस जहां मौक़ा मिलता अपने दोस्त वैभव के साथ ट्रायल देने चले जाते और अपनी गेंदबाज़ी से प्रभावित करके अगले ही दिन फिर टेनिस बॉल क्रिकेट में दम दिखाते, जिसमें उनको महारथ हासिल है।
वैभव ने कहा, "हमें पता ही नहीं था कि कैसे आगे बढ़ा जाए। सबसे पहले मैंने उनको जमशेदपुर में वेंकटेश प्रसाद की एकेडमी में उनके सामने ट्रायल दिलाया। उस समय प्रसाद ने कहा था कि मैं भारत की गारंटी तो नहीं लेता लेकिन यह IPL जरूर खेल जाएगा। इसके बाद असल में उनकी ज़िंदगी कोलकाता जाकर बदली। जब विडियोकोन एकेडमी में यूनाइटेड क्लब में ट्रायल दिलाया और उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की काफ़ी तारीफ़ हुई। पहले तो उन्हें उस साल खिलाने के लिए मना कर दिया गया था, लेकिन रात में ही कोच का फ़ोन आया और बिना कुछ पैसे देने की शर्त पर उनको खिलाने की बात कही। उस सीज़न उन्होंने यूनाइटेड के लिए 43 विकेट लिए थे और यहीं से उनका सफ़र शुरू हो गया था।"
वैभव के पास सोमवार को भी आकाश दीप का इंग्लैंड से कॉल आया और वह 10 विकेट लेने के लम्हें से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो पूरी तरह से इस लम्हे को जी रहा हूं, जब लंदन पहुंचेंगे तो फिर काम पर लग जाएंगे। बस "अच्छा करना है और फिर आगे बढ़ जाना है।"
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26