राहुल : मेरे शतक की हड़बड़ी में पंत रन आउट हो गए

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राहुल: 'मुझे शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी करना पसंद है'

शोएब बशीर जब लंच से पहले अंतिम ओवर डालने जा रहे थे तब भारत का स्कोर तीन विकेट के नुक़सान पर 247 रन था। तीन गेंद बाद ही ऋषभ पंत ने ख़ुद को नुक़सान पहुंचाने के अंदाज़ में रन आउट कर लिया। लंच ब्रेक के बाद दूसरे ओवर में के एल राहुल लॉर्ड्स में एक से अधिक शतक लगाने वाले सिर्फ़ दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ बनने के बाद बशीर का शिकार बन गए। अचानक भारत का स्कोर पांच विकेट के नुक़सान पर 254 रन हो गया। इससे पहले भारत ने पहले सत्र में पंत के रन आउट के अलावा 22.3 ओवर में 103 रन बनाए थे और पहले सत्र में खेल पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में नज़र आ रहा था।

लेकिन भारत ने खेल के ऊपर ने अपना नियंत्रण कैसे खोया? राहुल ने दिन के खेल की समाप्ति के बाद ख़ुद को इसका ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि शतक बनाने की उनकी हड़बड़ी के चलते लंच से पहले भारतीय पारी का मोमेंटम बदल गया।

राहुल ने कहा कि उन्होंने पंत से कहा था कि वह लंच से पहले अपना शतक पूरा करना चाहते हैं। लंच से ठीक एक ओवर पहले जब राहुल ने बशीर की गेंद को स्वीपर कवर की ओर सिंगल के लिए खेला तो पंत ने अपने सीनियर खिलाड़ी से इस बात के लिए निराशा व्यक्त की उन्होंने एक ख़राब गेंद पर चौका जड़ने का मौक़ा गंवा दिया। दो गेंद बाद पंत एक जोखिम भरा सिंगल लेने के क्रम में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के बेहतरीन पिकअप और डायरेक्ट हिट के चलते रन आउट हो गए। पंत निराशाजनक भाव के साथ पवेलियन की ओर बढ़े क्योंकि 74 के निजी स्कोर पर खेल रहे पंत को विश्वास था कि वह ख़ुद भी शतकीय पारी खेलेंगे।

राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह आदर्श स्थिति नहीं है। इससे कुछ ओवर पहले हमारे बीच बातचीत हुई थी, मैंने उन्हें (पंत को) कहा था कि अगर संभव होगा तो मैं लंच से पहले अपना शतक पूरा करने के लिए जाऊंगा। और जैसे ही बशीर लंच से पहले अंतिम ओवर डालने आए मुझे लगा कि मेरे पास शतक पूरा करने का अच्छा मौक़ा है लेकिन दुर्भाग्यवश मैंने सीधा फ़ील्डर की ओर गेंद खेल दिया।

"वो एक ऐसी गेंद थी जिस पर मैं चौका जड़ सकता था। इसके बाद वह इस कोशिश में रहे कि किसी भी तरह से वह मुझे स्ट्राइक पर लेकर आएं ताकि मैं अपना शतक पूरा कर सकूं। लेकिन निश्चित तौर पर ऐसा नहीं होना चाहिए था, अंत में रन आउट ने मोमेंटम को बदल दिया। यह हम दोनों के लिए निराशाजनक था। निश्चित तौर पर कोई इस तरह से अपना विकेट नहीं गंवाना चाहता।"

हालांकि सीरीज़ 1-1 से बराबर है, भारत ने बेवक्त ग़लतियां करके ख़ुद को ही नुक़सान पहुंचाया है, जिससे उसे हावी होने का मौक़ा नहीं मिला। राहुल ने माना कि उनके समेत भारतीय बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने का मौका गंवा दिया, जो लॉर्ड्स में मेहमान टीम को "आगे" ले जा सकता था।

"ज़ाहिर है, थोड़ी निराशा हुई क्योंकि चायकाल से पहले तक हम वाकई अच्छी स्थिति में थे। ज़ाहिर है, मैंने और ऋषभ ने लंबी साझेदारी की और फिर हम दोनों (जल्दी-जल्दी) आउट हो गए - वह लंच से ठीक पहले आउट हुए और मैं लंच के ठीक बाद। यह आदर्श नहीं था, आपके पास शीर्ष पांच में ऐसे बल्लेबाज़ थे जिन्होंने अच्छी शुरुआत की थी, इसलिए आदर्श रूप से आप चाहते हैं कि उनमें से कोई एक या दोनों बल्लेबाज़ आगे बढ़ें और बड़ा स्कोर बनाएँ और इसी तरह आप टेस्ट मैच में आगे बढ़ते हैं।"

हालाँकि, व्यक्तिगत रूप से, राहुल ने कहा कि वह लीड्स के अपने फॉर्म को आगे बढ़ाने में ख़ुश हैं। बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में उनके 55 रनों ने भारत को एक बड़ा लक्ष्य खड़ा करने और शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। लॉर्ड्स में, जहां भारत ने 2021 में एक क्लासिक जीत हासिल की थी, राहुल पहली पारी में 129 रन बनाकर प्लेयर ऑफ़ द मैच चुने गए थे। उन यादों ने निश्चित रूप से उन्हें इस बार भी वही करने के लिए प्रेरित किया होगा, लेकिन राहुल ने कहा कि वह उस मैदान पर अपनी पिछली यात्रा के बाद से अपने खेल के मानसिक पक्ष पर भी काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों से, वह एक विशेषज्ञ के साथ भी काम कर रहे हैं, जिन्होंने उन्हें F1 और एडवेंचर स्पोर्ट्स में शामिल शीर्ष एथलीटों द्वारा किए जाने वाले मानसिक अभ्यास और "प्रतिक्रिया समय में सुधार" करने में मदद की है। राहुल ने बताया कि वह उस विशेषज्ञ के साथ काम करने के लिए ऑस्ट्रिया के साल्ज़बर्ग गए थे, जो F1 में रेड बुल टीम का बेस है। इस विशेषज्ञ ने शीर्ष F1 ड्राइवरों को भी तेज़ और सक्रिय रहने में मदद की है।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं।

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