राहुल : यह सीरीज़ भारत के लिए 'सबसे ऊंचे मुक़ाम' पर दर्ज होगी

ESPNcricinfo स्टाफ़

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के एल राहुल ने कहा कि एक युवा टीम द्वारा एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी को इंग्लैंड में 2-2 से ड्रॉ करना भारत की टेस्ट क्रिकेट की उपलब्धियों में "सबसे ऊपर" रहेगा।

राहुल ने कहा, "हमारी टीम से इस सीरीज़ में किसी को उम्मीद नहीं थी। लेकिन हम हर मैच में लड़े और अंत में 2-2 का नतीजा मिला। भले ही ये एक ड्रॉ लगे, लेकिन हमारे लिए और भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए यह शीर्ष पर रहेगा।"

"यहीं से बदलाव की शुरुआत होती है, और भारतीय टेस्ट टीम आगे चलकर कई और सीरीज़ जीतने वाली है, वो भी विदेशों में।"

"मैंने काफ़ी क्रिकेट खेला है, चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीती है, भारत को वर्ल्ड कप उठाते देखा है। वर्ल्ड कप के मुक़ाबले कुछ नहीं, लेकिन जब लोग टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर सवाल उठा रहे थे, तो इस सीरीज़ ने दोनों टीमों के प्रदर्शन से इसका जवाब दे दिया है।"

राहुल ने कहा कि भारत सीरीज़ जीतना ज़रूर चाहता था, लेकिन ड्रॉ भी "संतोषजनक" नतीजा है। पांचों टेस्ट पांचवे दिन तक खिंचे और दोनों टीमों को मौके मिले।

उन्होंने कहा, "इस भाव को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। 25 दिन हमने मेहनत की, सब कुछ झोंक दिया - शरीर, दिमाग़, जज़्बात। यह सीरीज़ हमसे सब कुछ ले गई। और अब जब हम 2-2 के स्कोर पर खड़े हैं, हमें गर्व है।"

"हम सीरीज़ जीतना चाहते थे, लेकिन इतनी युवा टीम का यहां आकर डटकर खेलना, और यह दिखाना कि हम बाहर भी मैच जीत सकते हैं। यह बताता है कि यह टीम क्या है और भारतीय क्रिकेट क्या मायने रखता है।"

इस सीरीज़ में राहुल तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे © Getty Images

राहुल ने कहा कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी "थोड़ी अजीब" ज़रूर लगी, लेकिन इससे जिम्मेदारी और बढ़ गई। इंग्लैंड का यह उनका तीसरा दौरा था और उन्होंने 10 पारियों में 532 रन बनाए।

राहुल ने कहा, "टीम से जुड़ने पर यह एहसास हुआ। मैं दो हफ़्ते पहले इंडिया ए के साथ यहां खेल रहा था, तब एहसास नहीं हुआ। लेकिन टीम में आया और जब देखा कि रोहित, विराट, अश्विन नहीं हैं, तब समझ आया कि अब सब मुझसे पूछ रहे हैं कि इंग्लिश कंडिशन, तैयारी कैसे करनी है।"

"तभी लगा कि मेरी भूमिका बदल चुकी है। अब मुझे आगे आना है, टीम के लिए खड़ा होना है। यह एक युवा टीम है जो लंबे समय तक टिकेगी।"

व्यक्तिगत तौर पर राहुल अपनी परफ़ॉर्मेंस से "बहुत खुश" हैं। उन्होंने कहा, "इंग्लैंड में खेलना हमेशा चुनौती होती है। मेरा लक्ष्य था कि मैं ओपनर के तौर पर अच्छी शुरुआत दूं और ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाऊं। मैं पूरी तरह फ़ोकस में था और चाहता था कि यह सीरीज़ मेरे लिए अच्छी जाए।"

शुभमन गिल के लिए ये सीरीज़ यादगार रही © Getty Images

राहुल ने शुभमन गिल की कप्तानी की जमकर तारीफ़ की। अपनी पहली सीरीज़ में कप्तान के तौर पर गिल ने 10 पारियों में 754 रन बनाए और कई रिकॉर्ड तोड़े।

राहुल ने कहा, "शुभमन ने बेहतरीन कप्तानी की। उन्होंने टीम को सामने से लीड किया, टीम के भीतर गहरे संबंध बनाए, जो सब नहीं देख पाते। कप्तान के तौर पर यह बहुत ज़रूरी है और वो इसमें बहुत अच्छे रहे।"

"उनके फ़ैसलों से हमें विकेट भी मिले। मैं ज़्यादा कुछ उनके खेल पर नहीं बोलना चाहता क्योंकि उन्होंने तीनों फ़ॉर्मैट में खुद को साबित किया है। इस सीरीज़ में उनके साथ बल्लेबाज़ी करना भी शानदार अनुभव था।"

राहुल ने मोहम्मद सिराज (सबसे ज़्यादा 23 विकेट), रवींद्र जाडेजा (516 रन), ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप और वॉशिंगटन सुंदर के योगदान की भी सराहना की।

"हर मैच में चार-पांच खिलाड़ी आगे आए और टीम के लिए प्रदर्शन किया। यही असली संतोष देता है। अगर हम सीरीज़ जीत के करीब पहुंचे, तो उसकी वजह हमारी टीम वर्क रही।"

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