टेस्ट में न्यूज़ीलैंड की सबसे बड़ी जीत, ध्वस्त हुए कई कीर्तिमान
पारी और 359 रन - बुलावायो में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट में न्यूज़ीलैंड की जीत का यह टेस्ट क्रिकेट में तीसरा सबसे बड़ा अंतर है। इस मैच को न्यूज़ीलैंड ने पारी और 359 रनों से जीता। 1938 में द ओवल पर इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 579 रनों से हराया था, जबकि 2002 में ऑस्ट्रेलिया ने जोहान्सबर्ग में साउथ अफ़्रीका को पारी और 360 रनों से मात दी थी।
न्यूज़ीलैंड की पिछली सबसे बड़ी पारी की जीत 2012 में नेपियर में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ पारी और 301 रनों से आई थी, जो संयोग से ज़िम्बाब्वे की सबसे बड़ी हार भी थी।
181.41 - बुलावायो में न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी औसत (192.66) और गेंदबाज़ी औसत (11.25) के बीच 181.41 का फ़र्क था। पुरुषों के टेस्ट इतिहास में सिर्फ़ सात टीमों ने अपने बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों की औसत में इससे ज़्यादा फ़र्क के साथ मैच जीता है।
न्यूज़ीलैंड ने इससे पहले सिर्फ़ एक बार ऐसा किया था, जब उनकी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी औसत में 100 से ज़्यादा का फ़र्क था। वह मैच 2023 में वेलिंग्टन में श्रीलंका के ख़िलाफ़ था, जहां 110.10 का अंतर था।
242 - बुलावायो में ज़िम्बाब्वे का कुल स्कोर 242 रहा (125 और 117), जो उनके लिए उस टेस्ट मैच में पांचवां सबसे कम है। घरेलू मैदान पर यह उनका दूसरा सबसे कम स्कोर है। 2005 में हरारे में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने 158 बनाए तो जो सबसे कम है।
9 विकेट - बुलावायो में ज़ैकरी फॉल्क्स का मैच प्रदर्शन न्यूज़ीलैंड की ओर से टेस्ट डेब्यू पर सबसे बेहतरीन है। उन्होंने 75 रन देकर नौ विकेट लिए। इससे पहले सिर्फ़ विल ओ'रूर्क ने न्यूज़ीलैंड की तरफ़ से टेस्ट डेब्यू पर नौ विकेट लिए थे।
फॉल्क्स की गेंदबाज़ी औसत 8.33 थी, जो टेस्ट डेब्यू पर दोनों पारियों में चार या उससे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में दूसरा सबसे अच्छा है। 1925 में सिडनी में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ डेब्यू पर क्लेरी ग्रिमेट की औसत 7.45 थी, जब उन्होंने 82 रन देकर 11 विकेट लिए थे।
3 ऐसे मौक़े जब एक ही टेस्ट पारी में तीन बल्लेबाज़ों ने 150 या उससे ज़्यादा रन बनाए हों। बुलावायो में डेवन कॉन्वे (153), हेनरी निकल्स(150*) और रचिन रवींद्र (165*) ने यह कारनामा किया था।
1938 में द ओवल पर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इंग्लैंड के लियोनार्ड हटन (365), मॉरिस लेलैंड (187) और जो हार्डस्टाफ़ (169*) पहली ऐसी तिकड़ी थे, जबकि 1986 में कानपुर में भारत के सुनील गावस्कर (176), मोहम्मद अज़हरुद्दीन (199) और कपिल देव (163) ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ यह उपलब्धि दोहराई थी।
5 बार न्यूज़ीलैंड के पेसरों ने विदेशी धरती पर किसी टेस्ट मैच में सभी 20 विकेट लिए हैं। इससे पहले ऐसा 2021 में साउथंप्टन में भारत के ख़िलाफ़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में हुआ था।
601 पर 3 न्यूज़ीलैंड की पहली पारी का स्कोर तीन विकेट के नुक़सान पर 601 था। टेस्ट क्रिकेट में यह ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा स्कोर है, जिसने 2016 में बुलावायो में ही बनाए गए 582 पर 4 के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। न्यूज़ीलैंड ने इस फ़ॉर्मेट में 12वीं बार 600+ का आंकड़ा छुआ है, और ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ यह उनका पहला मौक़ा था। 2022 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने नौ विकेट के नुक़सान पर 612 रन बनाए थे।
288.80 - टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाते समय निकल्स की बल्लेबाज़ी औसत 288.80 थी। कम से कम दस शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ एंडी फ़्लावर (340) और शिवनारायण चंद्रपॉल (319.83) की औसत निकल्स से ज़्यादा है।