सूर्यकुमार: मेरी फ़ॉर्म ख़राब नहीं है, बस रन नहीं आ रहे हैं

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सोमवार को आधी रात के बाद सूर्यकुमार यादव प्रेस कॉन्फ़्रेंस रूम में आए। यह रात अफरातफरी और सवालों से भरी थी। भारत को एशिया कप ट्रॉफ़ी कौन देगा? अगर यह ACC चेयरमैन मोहसिन नक़वी से मिलती तो क्या भारत इसे स्वीकार करता? और क्या पाकिस्तान अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आएगा, जबकि अफ़वाह थी कि उनकी टीम बस पहले ही निकल चुकी है?

हालांकि प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सूर्यकुमार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अभिषेक शर्मा के साथ आए और अगले 25 मिनट तक उन्होंने "अफरातफरी", "ट्रॉफ़ी रहित जश्न", रोहित शर्मा जैसे काल्पनिक ट्रॉफ़ी लेने की चाल, अपनी टीम से हुई बात और अपने फ़ॉर्म पर चर्चा की।

सूर्यकुमार का यह टूर्नामेंट बेहद ख़राब रहा। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के दूसरे मैच में नाबाद 47 रन को छोड़कर, उनकी बाक़ी चार पारियों में स्कोर 0, 5, 12 और 1 के रहे। रविवार को वह शाहीन शाह अफ़रीदी की गेंद पर शॉट मारने की कोशिश में आउट हुए। उनके आउट होने पर भारत 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 10 रन पर 2 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रहा था।

हालांकि कप्तान के तौर पर सूर्यकुमार का रिकॉर्ड बेहतरीन है। T20I में पूर्णकालिक कप्तान बनने के बाद उन्होंने श्रीलंका, साउथ अफ़्रीका, इंग्लैंड और अब एशिया कप में सीरीज़ जीत दिलाई है, जहां भारत लगातार सात मैच जीतकर नौवां ख़िताब जीता।

सूर्यकुमार ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरा फ़ॉर्म ख़राब है, बल्कि रन नहीं आ रहे हैं। मुझे नेट्स में अपनी तैयारी और काम पर ज़्यादा भरोसा है। मैचों में सब कुछ ऑटोपायलट मोड पर चलता है।"

इसके बाद सूर्यकुमार ने मज़ाकिया अंदाज़ में माइक दूसरी तरफ कर दिया और पत्रकारों से कहा कि कुछ सवाल अभिषेक से भी पूछें। अभिषेक ने कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से महसूस किया है कि जब आप रन नहीं बनाते तो टीम को साथ लेकर चलना मुश्किल होता है। लेकिन सूर्या भाई वैसे ही रहते हैं, चाहे उन्होंने रन बनाए हों या नहीं।"

"लड़कों ने सब [विवादों] को सहजता से लिया। पहले दिन से ही मैं उन्हें बस यही कह रहा था कि क्रिकेट पर ध्यान दो और खेल का आनंद लो।"

एशिया कप में सूर्यकुमार को क्रिकेट से ज्यादा अन्य चीज़ों से जूझना पड़ा। शुरुआत ACC और PCB चेयरमैन मोहसिन नक़वी से कप्तानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाथ मिलाने से हुई। यह एक सामान्य घटना थी, लेकिन इसने तुरंत विवाद का रूप लिया और आगे का माहौल तय किया। कुछ दिन बाद 14 सितंबर को टॉस के दौरान पाकिस्तानी कप्तान सलमान आग़ा से हाथ मिलाने से इनकार करने ने इस प्रतिद्वंद्विता में और चिंगारी भर दी। छोटी-सी बातचीत, धीरे-धीरे इशारों और टकरावों में बदल गई और आखिरकार मैच रेफ़री को अनुशासनात्मक सुनवाई करनी पड़ी।

क्या यह सब सूर्यकुमार के लिए मुश्किल नहीं था? उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह इतना कठिन नहीं था। लड़कों ने सब [विवादों] को सहजता से लिया। पहले दिन से ही मैं उन्हें बस यही कह रहा था कि क्रिकेट पर ध्यान दो और खेल का आनंद लो। लड़कों ने इसे सकारात्मक रूप में लिया। हम हर मैच में बहुत फ़ोकस्ड थे।"

सूर्यकुमार यादव काल्पनिक ट्रॉफ़ी उठाते हुए, जिसे लेने से उन्होंने इनकार कर दिया था © AFP/Getty Images

सूर्यकुमार ने ज़ोर देकर कहा कि इन सबके बावजूद भारत अगले साल की शुरुआत में होने वाले T20 विश्व कप की तैयारी के रास्ते पर बेहतर स्थिति में है, जहां वे गत चैंपियन होंगे।

उन्होंने कहा, "हमने इस टूर्नामेंट में जो हासिल करना चाहा था, वह हमने कर लिया है। बहुत सी चीज़ें ऐसी हैं, जो आप द्विपक्षीय सीरीज़ में हासिल नहीं कर सकते। यह एक नॉकआउट टूर्नामेंट जैसा था।

"जैसे ही हम सुपर फ़ोर में आए, मैंने लड़कों से कहा कि चलो इसे क्वार्टर-फ़ाइनल, सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल की तरह खेलें। तो हमने श्रीलंका के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल जैसा मैच खेला और फिर यह एक परफ़ेक्ट फ़ाइनल रहा। यहां नर्वसनेस, ज़िम्मेदारी और दबाव था और यह एक परफ़ेक्ट फ़ाइनल था।"

जब उनसे प्लेयर ऑफ़ द मैच तिलक वर्मा के बारे में पूछा गया तो सूर्यकुमार ने पूरी टीम पर रोशनी डालना चुना।

"मैं किसी एक खिलाड़ी पर अलग से बात नहीं करना चाहूंगा। पहले मैच से लेकर फ़ाइनल तक कई खिलाड़ियों ने अहम मौक़ों पर अपना योगदान दिया। तिलक ने फ़ाइनल में अविश्वसनीय पारी खेली। हमने उन्हें पहले भी ऐसा करते देखा है। वहीं कुलदीप [यादव] और वरुण [चक्रवर्ती] ने गेंद के साथ वापसी की। यह सिर्फ फ़ाइनल की बात नहीं है। पूरे टूर्नामेंट की यात्रा में हमने छोटे-छोटे मौक़ों पर अच्छा प्रदर्शन किया। यह एक सामूहिक प्रयास था।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर कॉरेस्पॉन्डेंट हैं

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