वॉशिंगटन: इंग्लैंड दौरे से लंबे स्पेल करने की सीख मिली

ESPNcricinfo स्टाफ़

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Washington Sundar: 'Important to not chase the result'

दिल्ली टेस्ट की पहली पारी में जब भारत ने वेस्टइंडीज़ के सामने 518 रन का पहाड़ सा स्कोर खड़ा किया था, तो उन्हें नहीं लगा होगा कि यह टेस्ट मैच पांच दिन तक जाएगा और उन्हें दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी के लिए उतरना भी पड़ेगा। लेकिन ये दोनों चीज़ें हुईं। वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों ने भारतीय गेंदबाज़ों को 200 से अधिक ओवर फेंकने पर मज़बूर किया और उन्हें लगभग दो दिनों तक पूरी मेहनत कराई।

हालांकि भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने इसे टेस्ट क्रिकेट के लिए एक बेहतर अभ्यास बताया। उन्होंने कहा, "आप उम्मीद करते हो कि टेस्ट क्रिकेट पांच दिनों तक चले और यह हरसंभव आपको चुनौती दे। इसलिए यहां 200 ओवर फेंकना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। यह अभ्यास हमें इंग्लैंड सीरीज़ से हो गया था और हमें पता था कि पांच दिन तक फ़ील्ड पर रहना कैसा होता है। वहां पर हर मैच में हमने लगभग 180 से 200 ओवर गेंदबाज़ी की थी और यह हमारे लिए कुछ नया नहीं था।"

ग़ौरतलब है कि जून और जुलाई में भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में हुई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ का हर मैच पांचवें दिन तक गया था और यह सीरीज़ 2-2 की बराबरी पर ख़त्म हुई थी। हालांकि अहमदाबाद में भारत ने वेस्टइंडीज़ को तीसरे दिन की दोपहर ही मात दे दी थी। लेकिन जॉन कैंपबेल और शे होप के शतकों के कारण वेस्टइंडीज़ फ़ॉलो ऑन खेलने के बावज़ूद मैच को पांचवें दिन और चौथी पारी तक खींचने में सफल रहा।

वॉशिंगटन ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो कैंपबेल और होप ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की। हमें बहुत ज़्यादा धैर्य दिखाना था और सही जगहों पर गेंद करनी थी। ऐसे विकेटों पर परिणाम अपने हाथों में नहीं होता है। हमें बस लगातार अच्छी गेंदें फेंकनी थी और अपना पूरा ज़ोर लगाना था। मुझे लगता है कि हमने इस काम को अच्छे ढंग से किया। लंबे स्पेल करना अच्छा होता है और इस विकेट पर 20 विकेट हासिल करना भी सुखद था।"

वॉशिंगटन ने पिछले साल लगभग इसी समय और इसी मैदान पर तमिलनाडु के लिए दिल्ली के ख़िलाफ़ एक रणजी ट्रॉफ़ी मैच में शतक लगाया था और इसके अगले ही दिन उन्हें न्यूज़ीलैंड सीरीज़ के लिए भारतीय टेस्ट टीम में बुलावा आ गया था। यह 2021 के बाद वॉशिंगटन की टेस्ट टीम में वापसी थी और तब से वह भारत के 14 में से 11 टेस्ट मैचों का हिस्सा बन चुके हैं। इसके अलावा वह अब अन्य दो फ़ॉर्मैट में भी भारत के नियमित सदस्य हैं।

वॉशिंगटन ने कहा, "ऑलराउंडर बनना एक आशीर्वाद है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कभी गेंद और कभी बल्ले के साथ आप खेल में हमेशा बने रहते हो और आपके पास खेल पर इंपैक्ट डालने का पर्याप्त मौक़ा रहता है। मैं इसके लिए भगवान का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने मुझे दोनों स्किल दिए हैं।"

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