विश्व कप में अपने पहले ही मौक़े को राधा ने पूरी तरह से भुनाया

नवी मुंबई में राधा ने दिखाया कि अब वह पहले ज़्यादा सटीकता और बेहतर नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी कर सकती हैं

Harmanpreet Kaur is delighted by fan favourite, and captain favourite, Radha Yadav © AFP/Getty Images

राधा यादव लंबे समय से भारत की सर्वश्रेष्ठ फ़ील्डरों में गिनी जाती रही हैं। इसीलिए जब भी प्लेइंग इलेवन में कोई खिलाड़ी मैदान से बाहर जाता है, तो सब्स्टीट्यूट के रूप में वह पहली पसंद होती हैं। इस विश्व कप में भले ही वह भारत के पहले छह मैचों में शामिल नहीं थीं, लेकिन हर मैच में वह सब्स्टीट्यूट फ़ील्डर के तौर पर मैदान पर थीं।

जब बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उन्हें मौक़ा मिला, तो उन्होंने न केवल अच्छी फ़ील्डिंग की बल्कि बेहतरीन गेंदबाज़ी भी की। इस 'डेड रबर' मैच में भारत ने अपनी टीम में तीन बदलाव किए थे। उन तीन बदलावों में से एक राधा थीं। अपनी वापसी मैच में उन्होंने बेहतरीन सटीकता और नियंत्रण दिखाया। यह टीम से बाहर रहने के दौरान की गई कड़ी मेहनत और तकनीकी सुधार का परिणाम था।

राधा की T20 योग्यता पर कभी सवाल नहीं उठाया गया। 2023 में टीम से बाहर किए जाने के बाद, उन्होंने पिछले साल जबरदस्ती वापसी की, और तब से 22 T20I में 35 विकेट लिए। हालांकि वनडे में उनका सफ़र इतना सीधा नहीं रहा है।

उन्होंने 2021 में सिर्फ़ एक मैच खेला था, और 2024 तक उन्हें दोबारा मौक़ा नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने साउथ अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में हिस्सा लिया। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सात विकेट लिए। फिर भी उन्हें इस साल की शुरुआत में श्रीलंका और साउथ अफ़्रीका में हुए त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए फिर से नज़रअंदाज़ कर दिया गया। तब भारत ने युवा बाएं हाथ की स्पिनर शुचि उपाध्याय को डेब्यू करने का मौक़ा दिया था।

ऑफ़स्पिनर स्नेह राणा के WPL में शानदार प्रदर्शन और ट्राई-सीरीज़ में वनडे टीम में उनकी वापसी का मतलब था कि स्पिनरों के लिए प्रतिस्पर्धा तेज़ हो गई। उस दौरे पर बाएं हाथ की स्पिनर एन. श्री चरणी एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में उभरीं और 5.39 की इकॉनमी से छह विकेट लेकर राणा का बख़ूबी साथ दिया।

लेकिन जब उपाध्याय चोटिल हुईं, तो विश्व कप से पहले इंग्लैंड वनडे के लिए राधा को वापस टीम बुलाया गया। विश्व कप से पहले के उनके तीन मैचों में केवल एक विकेट मिला। लेकिन टीम का बैलेंस (दीप्ति शर्मा के साथ दो मुख्य स्पिनरों को खिलाने का फ़ैसला) एक बार फिर राधा के ख़िलाफ़ गया।

2023 में अंतर्राष्ट्रीय सर्किट से दूर रहने के दौरान, राधा ने अपनी लाइन और रिलीज़ प्वाइंट्स पर बड़े पैमाने पर काम किया। उन्होंने केवल स्टंप टू स्टंप गेंदबाज़ी करने के बजाय ऑफ़-स्टंप से थोड़ी ज़्यादा बाहर गेंदबाज़ी करना शुरू कर दिया। वह एक ऐसी गेंदबाज़ हैं, जो गेंद को दोनों तरफ़ ड्रिफ़्ट करा सकती हैं। वह फ़्लाइट को बदलने के लिए अपनी गति (70s किमी/घंटा) को कम कर सकती हैं। इससे बल्लेबाज़ चकमा खा जाता है और ग़लत शॉट खेल जाता है।

बांग्लादेश मैच से ठीक पहले भारत के गेंदबाज़ी कोच आविष्कार साल्वी से राधा और अन्य गेंदबाज़ों के साथ उनकी बातचीत के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, "कोचिंग समूह के भीतर आम तौर पर इस तरह की मानसिकता के बारे में बात होती है कि उन्हें क्या काम करने की ज़रूरत है। हम उन्हें यह साफ़ बताते हैं कि हमें किस तरह का कौशल चाहिए।

"इसलिए अगर उन्हें मौक़ा नहीं भी मिल रहा है, तो भी वे अभ्यास सत्रों में आते हैं और अपने विभिन्न पहलुओं पर काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इसलिए वे अपनी गेंदबाज़ी की गुणवत्ता पर काम करने की कोशिश करते हैं। अभ्यास सत्रों के दौरान वे इस मानसिकता के साथ आते हैं कि हम काम करेंगे, हम अपने कौशल को निखारेंगे और, जब भी हमें मौक़ा मिलेगा, तो खेल में इसका उपयोग करेंगे।"

जब भारत ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ प्रयोग करने का फ़ैसला किया, तो राधा ने राणा की जगह ली, और प्लेइंग इलेवन में दूसरी बाएं हाथ की स्पिनर के रूप में श्री चरणी के साथ शामिल हुईं। इस मौक़े को राधा ने दोनों हाथों से स्वीकारा और कमाल की गेंदबाज़ी की।

बाएं हाथ की बल्लेबाज़ रुब्या हैदरी के आउट होने के बाद बारिश के कारण हुए ब्रेक के बाद गेंदबाज़ी करने आईं राधा ने तुरंत लय हासिल कर ली। उनकी लूप और नियंत्रण ने बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों को परेशान कर दिया। 22वें ओवर में उन्होंने शोभना मोस्तरी को 76 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से फेंकी गई गेंद पर आउट किया, जो देर से डिप हुई और ड्राइव के लिए ललचा रही थी। मोस्तारी ने उस गेंद पर सीधे मिड ऑफ़ के फ़ील्डर को कैच दे दिया। इसके बाद उन्होंने नाहिदा अख़्तर और रबेया ख़ान को आउट किया।

इसके अलावा राधा ने फ़ील्डिंग के दौरान भी कमाल किया। प्वाइंट पर फ़ील्डिंग करते हुए, उन्होंने एक डायरेक्ट हिट से बांग्लादेश की कप्तान निगार सुल्ताना को नॉन-स्ट्राइकर एंड पर रन आउट कर दिया।

मैच के बाद हरमनप्रीत कौर ने कहा, "राधा ने जिस तरह से आज खेला, वह हमें अगले मैच के लिए एक और विकल्प देता है।"

भारत ने बांग्लादेश मैच के लिए युवा तेज़ गेंदबाज़ क्रांति गौड़ को भी आराम दिया था। उनकी जगह पर अमनजोत कौर को प्लेइंग इलेवन में वापस बुलाया गया था। अब नवी मुंबई में होने वाले सेमीफ़ाइनल के लिए भारत के पास विचार करने के लिए संयोजनों का एक स्वस्थ मिश्रण है। लेकिन क्या टीम प्रबंधन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दोनों बाएं हाथ के स्पिनरों को मैदान में उतारने का विकल्प चुनता सकता है ? ऑस्ट्रेलिया के टॉप चार में दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं।

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