महिला वनडे क्रिकेट में भारत की इस शताब्दी की यादगार जीतें

तीन विश्व कप सेमीफ़ाइनल, एक स्ट्रीक का अंत, एक मशहूर विदाई और बहुत कुछ

महिला वनडे इतिहास की सबसे बड़ी रन चेज़ पूरी करके भारत ने जीता सेमीफ़ाइल © Getty Images

भारत ने महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल रन-चेज़ कर ऑस्ट्रेलिया की 15 मैचों से लगातार चली आ रही जीत की लय तोड़ दी। अब फ़ाइनल में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वे खेलती दिखाई देंगी। इस जीत के साथ यह तय हो गया कि इस बार महिला वनडे विश्व कप को एक नया चैंपियन मिलेगा। ख़िताबी दावेदार ऑस्ट्रेलिया पर मिली यह शानदार जीत भारत के महिला वनडे इतिहास की सबसे यादगार जीतों में से एक है। आइए नज़र डालते हैं उन ऐतिहासिक जीतों पर जिन्होंने इस सदी में भारतीय महिला टीम के उभार को परिभाषित किया।

भारत ने न्यूजीलैंड को 40 रनों से हराया

दूसरा सेमीफ़ाइनल, पॉटचेफ़स्ट्रूम, विश्व कप 2005

भारत ने मौजूदा चैंपियन न्यूज़ीलैंड को 40 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप फ़ाइनल में जगह बनाई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने शुरुआती दो विकेट जल्दी गंवा दिए, लेकिन अंजुम चोपड़ा और कप्तान मिताली राज ने 66 रनों की साझेदारी से पारी संभाली। चोपड़ा के आउट होने के बाद मिताली ने शानदार बल्लेबाज़ी जारी रखी और नाबाद 91 रन बनाकर भारत को 204/6 तक पहुंचाया।

मिताली राज की पारी से पहली बार विश्व कप फ़ाइनल में पहुंचा भारत © Getty Images

न्यूज़ीलैंड की शुरुआत बेहद ख़राब रही। उन्होंने सिर्फ़ 13 रन पर दो विकेट गंवाए और फिर नूशिन अल ख़दीर ने अपने पहले ही ओवर में दो विकेट लेकर संकट और गहरा दिया। मारिया फेही के 73 रनों के बावजूद भारत की अनुशासित गेंदबाज़ी ने ऐतिहासिक जीत दिलाई।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराया

दूसरा सेमीफ़ाइनल, डर्बी, विश्व कप 2017

बारिश से प्रभावित सेमीफ़ाइनल, हरमनप्रीत कौर का तूफ़ान, और एक ऐसा प्रदर्शन जिसने भारत में महिला क्रिकेट की तस्वीर ही बदल दी। 42 ओवर के मुकाबले में हरमनप्रीत की नाबाद 171 रन की पारी (115 गेंदों में) किसी थियेट्रिकल ड्रामा से कम नहीं थी। शुरुआत में संयमित, बाद में पूरी तरह विस्फोटक। जब वह बल्लेबाज़ी करने आईं, स्कोर था 35 पर 2, और जब लौटीं तो ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह हक्का-बक्का रह गया। उनका पहला अर्धशतक 64 गेंदों में आया, जबकि अगले दो सिर्फ़ 43 गेंदों में मिलकर पूरे हो गए। भारत ने 281 पर 4 विकेट के साथ पारी समाप्त की। हरमनप्रीत ने एक अकेली पारी में "संभावनाओं की सीमाएं" फिर से परिभाषित कर दीं।

हरमनप्रीत की पारी में 20 चौके और सात छक्के शामिल थे © Getty Images

ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया जुझारू रही। एलिस विलानी की आकर्षक 75 रन की पारी ने उम्मीद जगाई, लेकिन इसके बाद टीम ने 43 रन पर 6 विकेट गंवा दिए। एलेक्स ब्लैकवेल की आख़िरी क्षणों की आक्रामक बल्लेबाज़ी (56 गेंदों में 90 रन) ने रोमांच तो बढ़ाया, मगर दीप्ति शर्मा ने उन्हें बोल्ड कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। यह जीत भारत को लॉर्ड्स के फ़ाइनल तक ले गई और देशभर में एक नई पीढ़ी को प्रेरित कर गई।

भारत ने इंग्लैंड को 1 विकेट से हराया

पहला वनडे, नागपुर, 2018

2017 विश्व कप फ़ाइनल के बाद भारत और इंग्लैंड की पहली भिड़ंत फिर रोमांचक रही। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 207 रन बनाए। जवाब में स्मृति मांधना की 86 रनों की पारी ने भारत को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया, लेकिन 190/9 पर भारत संकट में था।

अंत में एकता बिष्ट और पूनम यादव ने आख़िरी विकेट के लिए 18 रनों की नाबाद साझेदारी कर भारत को रोमांचक जीत दिलाई।

जीत का जश्न मनाती झूलन गोस्वामी © Getty Images

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2 विकेट से हराया

तीसरा वनडे, मकॉय, 2021

बड़े रन, चौंकाने वाले कैच ड्रॉप, दमदार कैच, मिस रन-आउट, फ्रंट-फ़ुट नो-बॉल पर रद्द हुई विकेट और आख़िरकार, एक रिकॉर्ड चेज़। पिछले मैच में भारत ऑस्ट्रेलिया की लगातार जीतों की लकीर तोड़ने के क़रीब पहुंचकर भी अंतिम क्षणों में चूक गया था, लेकिन इस बार उन्होंने अपना धैर्य बनाए रखा।

पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एश्ली गार्डनर और बेथ मूनी के अर्धशतकों और तालिया मैक्ग्रा की 32 गेंदों में 47 रन की तेज़ पारी की बदौलत 264/9 का स्कोर खड़ा किया। जवाब में शेफ़ाली वर्मा और यस्तिका भाटिया की शानदार साझेदारी ने भारत को 30 ओवर के भीतर ही 160/1 तक पहुंचा दिया।

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए भारत को 208/6 पर पहुंचा दिया और तनाव उस वक्त चरम पर था जब आख़िरी ओवर में 4 रन चाहिए थे और सिर्फ़ 2 विकेट शेष थे। ऐसे में झूलन गोस्वामी ने निकोला कैरी की गेंद पर शानदार लॉफ्टेड ड्राइव खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया की 26 मैचों की विजयी श्रृंखला का अंत हुआ। यह पल झूलन के लंबे करियर के सबसे यादगार लम्हों में से एक बन गया।

भारत ने इंग्लैंड को 16 रनों से हराया

तीसरा वनडे, लॉर्ड्स, 2022

दीप्ति शर्मा ने नॉन स्ट्राइकर एंड पर चार्ली डीन को किया रन आउट © Getty Images

1999 के बाद इंग्लैंड में भारत की पहली वनडे सीरीज़ जीत। दोनों टीमों के लिए भावनाओं से भरा पल साबित हुई। भारत की ओर से झूलन गोस्वामी के शानदार दो दशक लंबे करियर के अंत पर आंखें नम थीं, जबकि इंग्लैंड की चार्ली डीन इस बात से आहत थीं कि उनकी टीम जीत के इतने क़रीब आकर इस तरह हार गई।

ड्रामा से भरा यह मैच 44वें ओवर में अचानक खत्म हुआ, जब दीप्ति शर्मा चौथी गेंद फेंकने के लिए दौड़ीं और उन्होंने देखा कि डीन नॉन-स्ट्राइकर छोर पर क्रीज़ से बहुत आगे निकल गई हैं। दीप्ति ने तुरंत उन्हें रन आउट कर भारत को अंतिम विकेट दिलाया और ऐतिहासिक जीत पूरी की।

इससे पहले, पहले घंटे के भीतर 29/4 पर सिमट चुकी भारतीय पारी को स्मृति मांधना और दीप्ति शर्मा के अर्धशतकों ने संभाला और टीम को 169 तक पहुंचाया। जवाब में, इंग्लैंड की टीम ने 12 ओवरों के भीतर चार विकेट गंवा दिए और 65/7 पर संघर्ष कर रही थी।

चार्ली डीन ने निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ 38, 15 और 35 रनों की छोटी-छोटी साझेदारियां बनाकर टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन अंततः जब इंग्लैंड को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे, वह रन आउट हो गईं और भारत ने झूलन गोस्वामी को विजयी विदाई दी।

मांधना और हरमनप्रीत के बीच हुई बड़ी साझेदारी © BCCI

भारत ने साउथ अफ़्रीका को 4 रनों से हराया

दूसरा वनडे, बेंगलुरु, 2024

इस मैच में चार शतक लगे और कुल 646 रन बने और नतीजा आख़िरी गेंद पर तय हुआ। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए स्मृति (136) और हरमनप्रीत (103*) की बदौलत 325/3 का स्कोर खड़ा किया।

लौरा वुलफ़ार्ट और मरिज़ान काप ने 184 रनों की साझेदारी से मैच रोमांचक बना दिया, लेकिन पूजा वस्त्राकर ने आख़िरी ओवर में दो विकेट लेकर जीत दिला दी।

हरमनप्रीत और जेमिमाह ने बनाई रखी रनों की गति © ICC/Getty Images

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया

दूसरा सेमीफ़ाइनल, डीवाई पाटिल, विश्व कप 2025

भारत ने महिलाओं के वनडे इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल रन चेज़ कर ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड कप विजयी रफ्तार को थाम दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया 350 के पार जाने की राह पर थी। फ़ीबी लिचफ़ील्ड के शानदार शतक, और एलिस पेरी व एश्ली गार्डनर के अर्धशतकों ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने अंतिम चरण में जोरदार वापसी की और 118 रनों के भीतर आठ विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया को 338 रनों तक सीमित कर दिया।

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत ठंडी रही और पावरप्ले में टीम 60 पर दो विकेट गंवा चुकी थी। इसी समय जेमिमाह रॉड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मिलकर एक संतुलित साझेदारी बनाई। एक तरफ संयम, दूसरी ओर आक्रामकता। कप्तान के आउट होने के बाद भी जेमिमाह डटी रहीं और नाबाद 127 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली।

दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष और अमनजोत कौर की तेज़ पारियों ने रन गति बनाए रखी और भारत ने रिकॉर्ड रन चेज़ पूरा कर एक और विश्व कप फ़ाइनल में जगह बना ली। यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार सफलताओं में दर्ज हो गई।

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