स्टोक्स : 'ऐसी पिच पर आप खेलना नहीं चाहते'

ESPNcricinfo स्टाफ़

मैच के बाद स्टीव स्मिथ और बेन स्टोक्स ने अपने विचार रखे © Getty Images

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि जिस तरह की पिच MCG में देखने को मिली, वैसी अगर दुनिया के बाक़ी जगहों पर रहे तो काफ़ी हल्ला होगा और पिच को लेकर मैच रेफ़री को वह ज़्यादा अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देंगे। मैच के बाद पिच को लेकर स्टोक्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

"अगर सच कहूं तो ऐसी पिच पर आप खेलना नहीं चाहते। बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच को आप दो दिन में ख़त्म होते नहीं देखना चाहते। लेकिन एक बार मैच शुरू होने के बाद आप कुछ नहीं कर सकते और जैसी पिच आपको मिली है उसी के मुताबिक़ खेलना होता है। लेकिन यह तय है कि अगर किसी और जगह ऐसा होता तो काफ़ी हल्ला मचता। पांच दिन का मैच अगर इतनी जल्दी ख़त्म हो रहा है तो ये सही नहीं है लेकिन अंत में आपको परिणाम से मतलब रहता है।"

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने भी MCG की पिच को लेकर अपने विचार रखे। स्मिथ ने कहा," हां, यह काफ़ी मुश्किल था। दो दिन के अंदर 36 विकेट बहुत ज़्यादा हैं। ग्राउंड्समैन के तौर पर यह काफ़ी मुश्किल है। मेरे हिसाब से वह हमेशा सही प्रकार का संतुलन देने की कोशिश करते हैं। पिछले साल की पिच बहुत अच्छी थी और मैच पांचवें दिन तक गया था। इस बार भी अगर 10 मिमी की जग़ह 8 मिमी रखते तो सही रहता। लेकिन ग्राउंड्समैन हमेशा सीखते हैं और इस मैच से उन्हें काफ़ी कुछ सीखने को मिलेगा।"

MCG के क्यूरेटर मैट पेज ने इस बार 7-8 मिमी घास की जग़ह 10 मिमी घास रखी थी और अंत में इसी कारण से मैच सिर्फ़ दो दिन के अंदर खत्म हो गया।

स्मिथ ने आगे कहा," जिन पिचों पर सीम गेंदबाज़ों को ज़्यादा मदद मिलती है, वहां स्पिन खेलना आसान होता है और ऐसे में आप यही सोचते हैं कि इस तरह की पिच पर स्पिनर को खिलाकर 30-40 रन अतिरिक्त क्यों देना है। पर्थ में भी हमने स्पिनरों का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं किया था। पिंक बॉल टेस्ट में भी स्पिनरों का उपयोग नहीं किया गया था। एडिलेड में पिच अलग थी इसलिए वहां मामला अलग था। इस मैच में भी स्पिन गेंदबाज़ों को गेंद देने की ज़रूरत नहीं लगी। मुझे मैच में स्पिनरों का योगदान अच्छा लगता है लेकिन जहां ज़रूरत नहीं है, वहां मतलब नहीं बनता।"

टेस्ट इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने पूरे मैच में किसी स्पिनर से गेंद नहीं करवाई। चार मैचों में अभी तक दो मैच में ऑस्ट्रेलिया ने चार तेज़ गेंदबाज़ खिलाए और पर्थ टेस्ट में भी नाथन लायन ने सिर्फ़ दो ओवर ही गेंदबाज़ी की थी।

इंग्लैंड ने दो दिन के अंदर ऐशेज़ का चौथा टेस्ट जीता और यह इस सीरीज़ का दूसरा दो दिन वाला टेस्ट मैच था। इससे पहले 1912 में एक सीरीज़ में एक से ज़्यादा दो दिन के टेस्ट खेले गए थे और ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ़ चार बार दो दिन के टेस्ट मैच खेले गए हैं। इस सीरीज़ से पहले 1931 में मेलबर्न और 2022 में ब्रिस्बेन में यह रिकॉर्ड बना था।

पिछले 20 सालों में MCG की पिच ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाज़ी के लिए सबसे मुश्किल पिच थी। इसी कारण से 1932 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट में अर्धशतक नहीं लगा। टेस्ट में सिर्फ़ 852 गेंदें खेली गई और इससे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा क्योंकि तीसरे दिन लगभग 90,000 दर्शक मैच देखने आने वाले थे और साथ ही चौथे दिन के लिए भी अच्छे ख़ासे टिकट बिके थे।

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