भारत 445 ( रोहित 134, जाडेजा 112, वुड 114 पर 4) और 430 पर 4 ( जायसवाल 214* और गिल 91) ने इंग्लैंड 319 ( डकेट 153 और सिराज 84 पर 4) और 122 (वुड 33, जाडेजा 41 पर 5) को 434 रन से हराया
विशाखापटनम टेस्ट के तीसरे दिन के खेल की समाप्ति के बाद
जेम्स एंडरसन की इच्छा के अनुरूप ही इस बार भी भारत ने इंग्लैंड को 600 से कम का ही टारगेट दिया था।
इंग्लैंड के सामने 556 का लक्ष्य हासिल करने के लिए डेढ़ दिन का समय था लेकिन इंग्लैंड चौथे दिन का अंत आते आते एक शर्मनाक हार झेल गया। इंग्लैंड को भारत ने 434 रन से हराया है जो कि टेस्ट में रनों के लिहाज़ से भारत की सबसे बड़ी जीत भी है। इससे पहले भारत ने न्यूज़ीलैंड को 2021 में मुंबई में 372 रन से हराया था।
भारत की इस बड़ी जीत के सबसे बड़े हीरो लोकल ब्वॉय
रवींद्र जाडेजा रहे जिन्होंने पहली पारी में शतक लगाया और चौथी पारी में उन्होंने इंग्लैंड की आधी टीम को पवेलियन लौटाया। जाडेजा ने राजकोट के मैदान पर पहली बार पंजा लिया है। जाडेजा के अलावा भारत की ओर से दोहरा शतक लगाने वाले
यशस्वी जायसवाल ने भी अहम भूमिका निभाई। जायसवाल के अलावा चौथी पारी में
शुभमन गिल की अर्धशतकीय पारी और दोनों पारियों में
सरफ़राज़ ख़ान के तेज़ अर्धशतक ने भी जीत की आधारशिला रखी। हालांकि पहली पारी में ख़ुद भारतीय कप्तान
रोहित शर्मा की शतकीय पारी इस जीत की सूत्रधार थी क्योंकि रोहित ने ही पहले दिन भारत को संकट से उबारा था।
18/2
यह आज की तारीख़ तो थी ही लेकिन रविवार को राजकोट में जब टी ब्रेक हुआ तब यही इंग्लैंड का स्कोर भी था। दिन के खेल का एक सत्र बाक़ी था और इंग्लैंड पर आज ही के दिन हार का ख़तरा मंडराने लगा था। टी ब्रेक के बाद रवींद्र जाडेजा और कुलदीप यादव ने मिलकर इंग्लैंड को हार के ओर नज़दीक ला खड़ा कर दिया। पहली पारी और इस पूरी सीरीज़ की ही तुलना में इंग्लैंड अपनी पहचान के विपरीत बल्लेबाज़ी कर रहा था।
दूसरे सत्र में ड्रिंक्स के तुरंत बाद ही भारत ने अपनी पारी घोषित कर दी थी। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने दोनों छोर से ऐसा दबाव बनाया कि बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली के बीच गफ़लत हुई और पहली पारी के शतकवीर डकेट को पवेलियन लौटना पड़ गया। हालांकि विकेटों के बीच गफ़लत भारतीय पारी के दौरान भी हुई थी।
"पहले मत भागना..."
जायसवाल ने सरफराज़ को जब हिदायत दी थी तब वह 199 के स्कोर पर खेल रहे थे। चौथे दिन के खेल में भारत के दृष्टिकोण से अगर कोई ग़लती हुई थी तो विकेटों के बीच बल्लेबाज़ों के बीच गफ़लत ही थी। जायसवाल द्वारा सरफराज़ को यह हिदायत दी जाने से पहले दोनों बल्लेबाज़ दो बार इस गफ़लत का शिकार हो चुके थे। सरफराज़ जब 47 के स्कोर पर थे तब डीप प्वाइंट पर शॉट मारकर दूसरे रन के लिए आना चाहते थे लेकिन जायसवाल ने मना कर दिया। जायसवाल जब 198 के स्कोर पर थे तब सरफराज़ ने सिंगल लेने से मना कर दिया।
हालांकि डकेट और क्रॉली की तरह इन दोनों में से कोई रन आउट तो नहीं हुआ लेकिन पहले सत्र में कुलदीप और गिल के बीच हुई गफ़लत के चलते गिल अपने शतक से चूक गए। नॉन स्ट्राइकर एंड से दौड़े गिल मिड ऑन की दिशा में गेंद की तरफ़ देखते रहे और ख़ुद को बचाने के प्रयास में डाइव लगाने के बावजूद उन्हें पवेलियन वापस लौटना पड़ा।
"ये लोग मार ही नहीं रहे..."
इंग्लैंड की धीमी बल्लेबाज़ी की चर्चा भारतीय खेमे में भी थी। बुमराह ने 11वें ओवर की अंतिम गेंद डालने के बाद रोहित से यही कहा था। उस समय इंग्लैंड अपने तीन विकेट गंवा चुका था और स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 28 रन ही जुड़ पाए थे। एक बड़े स्कोर का पीछा करने उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों पर दबाव साफ़ तौर पर झलक रहा था लेकिन अलग करने के प्रयास में भी वे अपने विकेट गंवा रहे थे। लेकिन इसकी शुरुआत ख़ुद बुमराह ने टी से पहले क्रॉली को पवेलियन भेज कर की थी। इस सीरीज़ में इंग्लैंड के जितने खिलाड़ियों ने बल्लेबाज़ी की है, उनमें अब बस शोएब बशीर ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका विकेट बुमराह ने नहीं लिया है।
भारत ने चौथे दिन का खेल शुरु किया था तब भारत के पास 322 रन की बढ़त थी। पहले सत्र में ही क्रीज़ पर मौजूद गिल और कुलदीप ने इरादे स्पष्ट कर दिए थे।
चौथे दिन के पहले सत्र में भारत के लिए दो दो खुशखबरी आई थी। रविचंद्रन अश्विन अपने पारिवारिक मेडिकल एमरजेंसी से लौट आए थे तो वहीं तीसरे दिन जायसवाल की पीठ की मांसपेशियों में आया खिंचाव भी ठीक हो गया था। गिल के आउट होने के बाद जायसवाल दोबारा बल्लेबाज़ी के लिए आए और उन्होंने इस रफ़्तार को कम पड़ने नहीं दिया। जायसवाल को रोकने के लिए एंडरसन ने ऑफ़ साइड में सात फील्डरों का जाल बिछाया लेकिन जायसवाल ने उसी ओवर में लगातार तीन छक्के जड़ दिए। एंडरसन के अब तक के 185 टेस्ट मैचों के करियर में यह पहला मौक़ा था जब किसी बल्लेबाज़ ने उन्हें लगातार तीन छक्के जड़े थे।
जायसवाल ने अपनी पारी में कुल 12 छक्के लगाए और यह विश्व टेस्ट इतिहास में किसी एक पारी में किसी बल्लेबाज़ द्वारा संयुक्त तौर पर लगाए गए सर्वाधिक छक्के भी हैं। यह उपलब्धि हासिल करते हुए जायसवाल ने वसीम अकरम की बराबरी कर ली। जायसवाल का यह दोहरा शतक रिकॉर्ड दोहरा शतक भी है। वह विनोद कांबली और विराट कोहली के बाद एक ही टेस्ट सीरीज़ में दो दोहरे शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज़ भी बन गए, जबकि वह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दो दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय भी हैं।
जायसवाल के किए ऑफ़ साइड में जाल बिछाया गया था तो सरफ़राज़ को रोकने के लिए ऐसा ही जाल लेग साइड पर बुना गया था। सरफ़राज़ ने अपनी पारी की तेज़ शुरुआत की थी, हालांकि बीच में वह धीमे पड़े लेकिन एक बार फिर लय में आए और ताबड़तोड़ अर्धशतक लगाया। जायसवाल के नाम रिकॉर्ड दोहरा शतक था तो सरफ़राज़ के लिए भी यह अर्धशतक एक रिकॉर्ड था। वह अपने टेस्ट डेब्यू की दोनों पारियों में 50 से अधिक स्कोर बनाने वाले चौथे भारतीय बन गए।
इंग्लैंड के पास भारतीय बल्लेबाज़ी का कोई जवाब नहीं था। एक मौक़ा ज़रूर कुलदीप को एलबीडब्ल्यू आउट करने के आया लेकिन उन्होंने रिव्यू नहीं लिया। सरफ़राज़ स्वीप का प्रयास करते हुए चूक गए थे लेकिन ऑली पोप ने आगे की तरफ़ डाइव लगाते हुए गेंद को भी लपका था। हालांकि इंग्लैंड के लिए यह रिव्यू असफल साबित हो गया। इंग्लैंड ने इस सीरीज़ में अब तक कुल 16 रिव्यू लिए थे, जिनमें उनके 14 रिव्यू असफल साबित हुए थे। चौथी पारी में बल्लेबाज़ी के दौरान भी इंग्लैंड ने पोप, जो रूट और बेन स्टोक्स के के विकेट के रूप में तीन और असफल रिव्यू लिए लेकिन मार्क वुड ने ज़रूर अंतिम विकेट के रूप में जाडेजा की गेंद पर सफल रिव्यू लिया।