इंग्लैंड 56/4 (बटलर 24*) ने वेस्टइंडीज़ 55 (राशिद 4-2, मोईन 2-17) को छह विकेट से हराया
आज के मैच में उस तरह का रोमांच नहीं था जिस तरीके का रोमांच टी20 विश्व कप 2016 के फ़ाइनल में था। इस का प्रमुख कारण था कि आज वेस्टइंडीज़ के किसी खिलाड़ी ने भी अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेला और गै़र जिम्मेदाराना शॉट खेलते हुए ज़्याादातर बल्लेबाज़ ने अपना विकेट गंवा दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि सिर्फ़ 55 के स्कोर पर पूरी टीम आउट हो गई। मोईन अली और आदिल राशिद ने मिल कर 6.2 ओवर किए जिसमें उन्होंने 19 रन देकर छह विकेट लिया।
हालांकि इंग्लैंड को भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काफ़ी मेहनत करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम ने इस लक्ष्य को 8.2 ओवरों में 4 विकेट गंवा कर प्राप्त किया।
वेस्टइंडीज़ की बल्लेबाज़ी क्रम के ख़राब प्रदर्शन को दर्शाने के लिए सिर्फ़ यह जान लेना काफ़ी है कि उनके 10 में से 9 विकेट चौका या सिक्सर लगाने के चक्कर में गिरा। वहीं कुल 86 गेंदों में 59 गेंदों पर एक भी रन नहीं बना। वेस्टइंडीज़ के किसी भी खिलाड़ी ने साझेदारी बनाने की कोशिश नहीं की।
नई गेंद के साथ मोईन
इंग्लैंड की टीम ने आज मोईन के साथ गेंदबाज़ी की शुरुआत की। उनके लिए दो चीज़े काफ़ी कारगर रही- वेस्टइंडीज़ के शीर्ष छह में चार बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और दाएं हाथ के लेंडल सिमंस वार्म-अप मैंच में ऑफ़ स्पिन के ख़िलाफ़ ही आउट हुए थे। हालांकि एविन लुईस ने पहले ओवर की आख़िरी गेंद पर छक्का लगाकर मोईन के एक किफ़याती ओवर को ख़राब कर दिया लेकिन अगले ओवर में क्रिस वोक्स की धीमी गेंद पर लुईस आउट हो गए।
अगले ओवर में सिमंस ने ठीक उसी ग़लती को दोहराया जो उन्होंने वार्म-अप मैच में मोहम्मद नबी के ख़िलाफ़ किया था। वह आगे निकल कर आए और गेंद को उठा कर डीप मिड विकेट की तरफ मारा लेकिन वहां वो सीमा रेखा पर खड़े फ़ील्डर को कैच थमा बैठे। इसके बाद गेल और हेटमायर ने पलटवार करने का प्रयास किया लेकिन गेल, मिल्स की गेंद पर आउट हो गए और हेटमायर भी मोईन का शिकार बन गए।
पावरप्ले की समाप्ति पर वेस्टइंडीज़ का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 31 रन था। हालांकि इसके बाद भी कोई बल्लेबाज़ टिक कर नहीं खेल पाया और बाद में जब आदिल राशिद गेंदबाज़ी करने आए तो उनकी फिरकी में सभी बल्लेबाज़ धराशायी हो गए। उन्होंने 4 ओवर में 2 रन देकर 4 विकेट लिया, जिसमें कायरन पोलार्ड और रसल का विकेट भी शामिल था।
इंग्लैंड के पास लक्ष्य का पीछा करने के लिए बड़ा स्कोर नहीं होने के बावजूद इस पिच पर बल्लेबाज़ी करना इतना आसान नहीं था। उनके दिमाग में नेट रन-रेट भी था, यही वजह है कि वे आक्रामक बल्लेबाज़ों को पिच पर भेजते रहे। हालांकि जब-जब इन बल्लेबाज़ो ने रनगति को बल देने की कोशिश की तो उनका विकेट गिरता रहा। जॉस बटलर ने अपने 24 रन के लिए 22 गेंदें खेली और यह टीम को जीत दिलाने के लिए काफ़ी था।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब ए़डिटर राजन राज ने किया है।