तीसरे दिन ही भारत को मिली साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पारी की बड़ी हार
भारत दूसरी पारी में मेज़बान टीम से 163 रन पीछे था
नवनीत झा
28-Dec-2023
साउथ अफ़्रीका (408/9, डीन एल्गर 185, बुमराह 69/4 ) ने भारत को (245/10 और 131/10, कोहली 76, बर्गर 33/4) पारी और 32 रन से हराया।
भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच सेंचुरियन में खेला गया पहला मैच तीन दिन भी नहीं चल पाया। पहले दो दिन बारिश और ख़राब रोशनी के कारण प्रभावित होने के बावजूद भारत तीसरे दिन ही हार गया। तीसरे दिन साउथ अफ़्रीका ने स्कोरबोर्ड पर 408 रन बना दिए थे। दूसरी पारी में जब भारत की बल्लेबाज़ी की बारी आई, तब मेज़बान टीम के पास 163 रन की बढ़त थी। लेकिन विराट कोहली को छोड़कर कोई अन्य भारतीय बल्लेबाज़ दूसरी पारी में प्रभावित नहीं कर पाया। कोहली एक छोर पर डटे रहे और भारत को पारी की हार से बचाने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन भारत की पूरी पारी 131 के स्कोर पर सिमट गई। तीसरे दिन कुल 14 विकेट गिरे, जिसमें दस विकेट भारतीय पारी के थे। भारत दूसरी पारी में सिर्फ़ 34.1 ओवर की खेल पाया।
दूसरी पारी में कप्तान रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल से एक बड़ी शुरुआत की उम्मीद थी और कगिसो रबाडा की पहली ही गेंद पर यशस्वी को जीवनदान मिला, जब गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप की तरफ़ चली गई थी। हालांकि पहली पारी की तरह रबाडा ने जहां रोहित को अपना शिकार बनाया तो वहीं नांद्रे बर्गर ने यशस्वी को पवेलियन भेजा। रोहित टेस्ट में रबाडा के 50वें भारतीय शिकार भी बने।
अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहे बर्गर और मार्को यानसन ने भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को तहस-नहस कर दिया। दोनों बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों ने राउंड द विकेट आकर एंगल का इस्तेमाल किया, जिसका उन्हें फ़ायदा भी मिला। भारतीय बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाने के लिए पहली पारी की तरह ही शॉर्ट लेग के साथ अटैकिंग फ़ील्ड लगाई गई। हालांकि भारतीय गेंदबाज़ी के दौरान शॉर्ट लेग और सिली प्वाइंट का इस्तेमाल कम ही किया गया।
रोहित के आउट होने के बाद बल्लेबाज़ी करने आए शुभमन गिल ने आक्रामक शुरुआत की और रबाडा को उन्होंने दो चौके भी जड़े लेकिन वह अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। कोहली को पहली पारी की तरह ही इस बार भी जीवनदान मिला, जब वह सिर्फ़ आठ के निजी स्कोर पर थे। हालांकि कोहली ने इसके बाद संभलकर बल्लेबाज़ी की। वह अंतिम विकेट के रूप में आउट हुए और भारत की दूसरी पारी का इकलौता सकारात्मक पहलू रहे।
अय्यर को भी 4 के निजी स्कोर पर टी ब्रेक होने से ठीक पहले यानसन की गेंद पर स्लिप में जीवनदान मिला था। टी ब्रेक होने तक भारत 62 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा चुका था। पारी को संभालने की ज़िम्मेदारी अब कोहली और अय्यर के ऊपर थी। लेकिन अय्यर जीवनदान के बाद एक रन भी अपने खाते में नहीं जोड़ पाए। पहली पारी के शतकवीर राहुल पर एक बार फिर उम्मीदों का बोझ आ गया लेकिन वह इस बार एक ख़राब शॉट खेलकर आउट हो गए। बर्गर ने अगली ही गेंद पर अश्विन को भी चलता कर दिया और भारत पर पारी की हार का खतरा मंडराने लगा।
शार्दुल भी जीवनदान का फ़ायदा नहीं उठा पाए। 28वें ओवर की अंतिम गेंद पर बर्गर की गेंद पर उनका स्लिप में कैच छूटा था। हालांकि ठीक दो गेंद बाद ही शार्दुल स्लिप में कैच थमा बैठे। कोहली क्रीज़ पर डटे हुए थे, लेकिन पहले बुमराह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हुए और फिर सिराज के आउट होने के बाद मैच में महज़ औपचारिकताएं ही बची रह गईं।
इससे पहले दिन का खेल जब शुरू हुआ, तब साउथ अफ़्रीका के पास भारत के ऊपर 11 रन की बढ़त थी। ख़राब रोशनी के चलते जब दूसरे दिन का खेल समाप्त हुआ था, तब तक साउथ अफ़्रीका ने पांच विकेट के नुकसान पर 256 रन बना लिए थे। एल्गर शतक तो मार्को यानसन अर्धशतक बनाकर नाबाद थे। पहले सत्र में भारतीय गेंदबाज़ों ने आक्रामक अंदाज़ में गेंदबाज़ी शुरू की। मोहम्मद सिराज शॉर्ट पिच गेंदों से लगातार दोनों बल्लेबाज़ों को टेस्ट करते रहे।
हालांकि जसप्रीत बुमराह दिन की शुरुआत में एल्गर के लिए उसी रणनीति के साथ गए जिसका उन्हें पिछले दिन अच्छा परिणाम नहीं मिला था। बुमराह लगातार ओवर द विकेट लेग स्टंप के बाहर से स्विंग तलाशने की कोशिश करते रहे, लेकिन इससे एल्गर कोई ख़ास परेशान नज़र नहीं आए। पहले सत्र के पहले घंटे में ही भारत ने अपने सभी गेंदबाज़ों का इस्तेमाल कर लिया था।
पारी में 81.3 ओवर होने के बाद रोहित ने सिराज को नई गेंद थमाई, लेकिन भारत को दिन की पहली सफलता साउथ अफ़्रीका की पारी के 91वें ओवर में मिली, जब शार्दुल ठाकुर ने एल्गर को अपना शिकार बनाया। एल्गर के आउट होने के बाद अश्विन ने कोएत्ज़ी को अपना शिकार बनाया। अंतिम दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों रबाडा और बर्गर को बुमराह ने राउंड द विकेट आकर क्लीन बोल्ड किया। तीन चार मौक़े ऐसे आए जब शॉर्ट गेंद एल्गर के बल्ले और दस्ताने पर लगकर शॉर्ट लेग पर गई थीं, लेकिन वहां कोई फ़ील्डर तैनात नहीं था।
एल्गर भले ही दोहरे शतक से चूक गए लेकिन उनकी 185 रनों की पारी में बेडिंघम और यानसन के साथ शतकीय साझेदारियां भी शामिल थीं, जिनकी बदौलत साउथ अफ़्रीका 408 के स्कोर तक पहुंचा और भारत पर एक बड़ी बढ़त लेने में सफल हो पाया। वह भी तब जब वह अपने कप्तान के चोटिल होने के चलते एक कम बल्लेबाज़ के साथ खेल रहा था।