कुल-चा के आक्रमण के बाद धवन, किशन और शॉ ने दिलाई भारत को जीत
भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में दर्ज की 80 गेंद रहते सात विकेट से जीत
ऐंड्रयू फिडेल फर्नांडो
18-Jul-2021
इशान किशन के डेब्यू वनडे में अर्धशतक पूरा करने के बाद उनकी हौसलाअफजाई करते कप्तान शिखर धवन • ISHARA S. KODIKARA/AFP/Getty Images
भारत 263 पर 3(धवन 86*, किशन 59,शॉ 43) ने श्रीलंका 262 पर 9 (करुणारत्ने 43*, शनका 39, कुलदीप 2-48, चहल 2-52) को सात विकेट से हराया
पृथ्वी शॉ (43) के ऑफ साइड पर शॉट कमाल के थे, तो वनडे में पदार्पण कर रहे इशान किशन (59) अपने जन्मदिन पर मैदान के हर ओर शॉट लगाकर उन्होंने अपने अपने डेब्यू मैच में अर्धशतक लगा दिया और शिखर धवन शुरुआत से लेकर अंत तक इस लक्ष्य के पीछा करते हुए नींव की भूमिका में थे। यही कारण रहा कि भारतीय टीम कोलंबो में खेले गए पहले वनडे में 80 गेंद शेष रहते मेजबान टीम (262/9) को सात विकेट से रौंदने में कामयाब रही। वैसे बल्लेबाजी में गहराई ही इस टीम के जीतने से ज्यादा खास वजह रही। श्रीलंका के गेंदबाज पूरी तरह से इस बल्लेबाजी क्रम को रोकने में नाकामयाब रहे।
वैसे जब श्रीलंका के बल्लेबाज क्रीज पर उतरे तो युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और क्रुणाल पंड्या ने पारी के मध्य ओवरो में पकड़ बना ली थी और किसी भी साझेदारी को आसमान छूने से पहले जमीं पर ला दिया था। चहल और कुलदीप ने दो-दो विकेट चटकाए और दोनों ने मिलकर एक समय श्रीलंका का स्कोर तीन विकेट पर 89 रन कर दिया। इस दौरान श्रीलंका के बल्लेबाज मुश्किल से ही गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचा सके, लेकिन वह विकेट के बीच में दौड़ भी नहीं लगा पा रहे थे। वह अपने कौशल के मुताबिक खेल रहे थे, वैसे गेंदबाजी भी उम्दा थी। छह बल्लेबाज 20 का स्कोर पार करने के बाद आउट हो गए, लेकिन वह सिर्फ चामीरा करुणारत्ने ही थे तो 40 के पार पहुंचे, जिन्होंने अंत में पारी के अंत में कुछ अच्छे शॉट लगाए। हालांकि, एक टीम के तौर पर मेजबान टीम ने 157 खाली गेंद इस पारी में निकाली।
इसके बाद जो धुंआधार पारी भारतीय बल्लेबाजों ने खेली वह देखने लायक थी। किशन ने अर्धशतक लगाया और धवन भी 95 गेंद में 86 रन बनाकर मैच के सर्वोच्च स्कोरर रहे, लेकिन यह शॉ थे जो आज की शाम जीत ले गए थे, जिन्होंने भारतीय टीम की जीत की नींव रखी। उन्होंने चामीरा की गेंद को एक ओवर में दो बार एक्स्ट्रा कवर की दिशा में बाउंड्री के पार भेजा। इसके बाद उन्होंने इसुरु उदान को भी नहीं छोड़ा। उनकी लगातार तीन गेंद पर उन्होंने प्वाइंट और कवर के बीच से चौके निकाले। यह एक-एक शॉट देखने लायक था।
जब शॉ 24 गेंद में 43 रन बनाकर आउट हुए तो किशन ने यह सुनिश्चित किया कि स्कोरिंग रेट कम ना हो जाए। यह 10वां ओवर था और किशन अपने वनडे करियर की पहली गेंद का सामना कर रहे थे, उन्होंने धनंजय डि सिल्वा की पहली ही गेंद को उनके सिर के ऊपर से छक्के के लिए भेज कदिया। वह यहीं नहीं रूके अगली ही गेंद पर उन्होंने कवर प्वाइंट पर चौका लगा दिया। इसके बाद सिल्वा के अगले ओवर में उन्होंने लगातार तीन गेंद पर तीन चौके जड़ दिए। असलंका की गेंद पर उन्होंने चौका लगाकर 33 गेंद में अर्धशतक पूरा कर लिया। वह लक्षण संडकैन की गेंद पर 42 गेंद पर 59 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
धवन भी जब कछुए की चाल चल रहे थे। जब भारतीय टीम मात्र पांचवे ओवर में 50 रन तक पहुंची, वह मात्र सात रन बनाकर क्रीज पर थे। जब टीम ने 13 ओवर में 100 रन पूरे किए वह उस वक्त 16 रन पर थे। यहां तक की पहली 57 गेंद में धवन ने मात्र एक ही बाउंड्री लगाई, वह मात्र जगह देखकर स्ट्राइक बदल रहे थे। मात्र मनीष पांडे (26) के साथ साझेदारी के दौरान ही उन्होंने अपने हाथ खोले। इस दौरान धवन ने ही बाउंड्री पर गेंद भेजी। 37वें ओवर में जब उन्होंने टीम के लिए विजयी रन लिाय तो वह छह चौके और एक छक्का अपनी पारी में लगा चुके थे।
इससे पहले की बात करें तो श्रीलंका ने अच्छी शुरुआत की, वह नौ ओवर में बिना किसी नुकसान के 49 रन बना चुके थे, लेकिन अविष्का फर्नांडो चहल के पहले ओवर की पहली गेंद पर ही गलती कर बैठे, जब वह एक्स्ट्रा कवर पर कैच दे बैठे। वैसे अविष्का भी रन लेने के बजाए बाउंड्री से ही नाता जोड़ते नजर आए और एक फुल लेंथ गेंद पर उस समय आउट हो गए जब मेजबान टीम 300 रनो के पार का स्कोर खड़ा कर मेहमान टीम को चुनौती दे सकती थी।
चहल ने पहला विकेट दिलाया, तो 2019 के बाद से इस मैच में वापसी कर रही कुलचा की जोड़ी के दूसरे सदस्य यानि कुलदीप यादव ने मेहमान टीम को अगले दो विकेट दिला दिए, यह विकेट थे भानुका राजापक्षा जो स्लॉग स्वीप के प्रयास में लपके गए और दूसरे मिनोद भानुका जिन्होंने 27 रन शांति के साथ पूरे किए, लेकिन स्लिप में पकड़े गए। क्रुणाल ने भी पारी में अहम विकेट डि सिल्वा का लिया जो लांग ऑफ पर लपके गए।
जिस तरह से श्रीलंका ने विकेट गंवाए उनका अंतिम ओवरों में रन बनाना मुश्किल था। 40वें ओवर में उन्होंने दो विकेट और तेजी से रन बनाने के चक्कर में गंवा दिए और जल्द ही अपने कप्तान दसून शनका (39) का विकेट भी। उनके विकेट के साथ ही श्रीलंका का स्कोर 44 ओवर तक सात विकेट पर 205 रन हो गया था।
नंबर 8 पर आए चमिका करुणारत्ने (39), जिन्होंने इसुरु उदान (8) के साथ बाउंड्री में ही नाता जोड़कर 17 रन की साझेदारी की, वहीं नंबर 10 पर आए दुष्मंता चामीरा (13) के साथ मिलकर उन्होंने आखिरी दो ओवर में गेम चेंज कर दिया। चामीरा ने हार्दिक की लगातार दो गेंद पर एक चौका और एक छक्का लगाया। इसके बाद करुणारत्ने ने भी 50वें ओर में भुवनेश्वर की गेंद पर डीप मिडविकेट पर दो हेलीकॉप्टर शॉट लगाकर टीम को 250 रनों के पार पहुंचा दिया। श्रीलंका की टीम आखिरी 12 गेंद में 32 रन जोड़ने में कामयाब हो गई, लेकिन जैसे ही भारतीय टीम ने अपनी पारी की शुरुआत की यह रन टुकड़ों में बिखर गए।
ऐंड्रयू फिडेल फर्नांडो ESPNcricinfo's के श्रीलंका में तैनात संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एसोसिएट सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।