प्रयोग और स्पष्ट भूमिकाओं से मज़बूत होती भारतीय टी20 टीम
रोहित और राहुल के प्रयोग टीम इंडिया में नई गहराई ला रहे हैं
Rohit Sharma: 'As captain, I want to make sure there is no confusion on roles'
What does Rohit Sharma expect of himself as a leader? Among other things, to make sure his players have clarity, he tells <b>Star Sports</b>2022 में भारतीय टीम ने सर्वाधिक 21 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं और सर्वाधिक 27 खिलाड़ियों को मौक़ा दिया है। वेस्टइंडीज़ के हालिया दौरे पर ही भारतीय टीम ने कुल 17 खिलाड़ियों को मैदान में उतारा। अब जब एशिया कप नज़दीक आ रहा है भारतीय टीम विश्व कप से पहले अपना अंतिम एकादश निश्चित करना चाहती है।
इस दौरान खिलाड़ियों का ऑलराउंड अप्रोच देखने के लिए मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें अलग-अलग भूमिकाएं दी हैं और टी20 टीम को रोहित शर्मा से लेकर हार्दिक पंड्या और ऋषभ पंत जैसे कप्तान मिले हैं। हालांकि सभी कप्तानों को टीम के आक्रामक रूख़ के बारे में पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है।
हाल ही में ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए नियमित कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, "पिछले टी20 विश्व कप के बाद ही हमने स्पष्ट कर दिया था कि हमें अपना अप्रोच बदलने की ज़रूरत है। सभी खिलाड़ियों को इस बारे में स्पष्ट संदेश दिए गए और वे इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार भी थे। अगर कोच और कप्तान की तरफ़ से संदेश स्पष्ट हो तो खिलाड़ी भी उसी रास्ते पर चलते हैं। हां, इसके लिए उन्हें आज़ादी और स्पष्टता की ज़रूरत होती है, जो उन्हें हम देने की कोशिश कर रहे हैं।"
नए ओपनिंग विकल्प
सूर्यकुमार यादव और ऋषभ पंत उन सात सलामी बल्लेबाज़ों में से हैं, जिन्होंने इस साल भारत के लिए ओपन किया। पंत को यह मौक़ा इंग्लैंड और सूर्यकुमार को वेस्टइंडीज़ में मिला। यह इसलिए किया गया ताकि पंत और सूर्यकुमार, दोनों को पिच पर समय बिताने का मौक़ा मिले। इससे एशिया कप और टी20 विश्व कप के लिए टीम में और गहराई भी मिलेगी।
सूर्यकुमार और पंत को अब एक बैक-अप ओपनर के तौर पर भी देखा जा सकता है जो कि ज़रूरत पड़ने पर रोहित या केएल राहुल की जगह ले सके। सूर्यकुमार ने वेस्टइंडीज़ में चार पारियों में ओपन करते हुए 168.75 के स्ट्राइक रेट से 135 रन बनाए, जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 76 रन था। वहीं राहुल के आने और इशान किशन के हटने के बाद ऋषभ पंत शीर्ष छह में बल्लेबाज़ी करने के एकमात्र बाएं हाथ के विकल्प हैं।
इस दौरान दीपक हुड्डा को भी कुछ मौक़ों पर रिज़र्व ओपनर के तौर पर इस्तेमाल किया गया। हुड्डा भारतीय एकादश को एक अलग गहराई देते हैं। उन्होंने अब तक सात टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हुए 161 के स्ट्राइक रेट से 274 रन बनाए हैं। इसके अलावा वह ज़रूरत पड़ने पर ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी भी कर लेते हैं।
चोट से लौटने के बाद तो हार्दिक पंड्या अलग ही रंग में नज़र आए हैं। उन्होंने भी नंबर तीन से नंबर सात तक अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाज़ी की है और वह फ़िनिशर की भूमिका भी निभा सकते हैं।
रोहित कहते हैं, "मैं ऐसे बल्लेबाज़ों को टीम में चाहता हूं जो किसी भी क्रम पर बल्लेबाज़ी कर सके। मैं टीम में ये लचीलापन चाहता हूं।"
तेज़ गेंदबाज़ी क्रम की मज़बूती
सेंट किट्स के दूसरे टी20 में वेस्टइंडीज़ को अंतिम ओवर में दस रन चाहिए था। रोहित ने अनुभवी भुवनेश्वर कुमार का ओवर शेष रहते हुए आवेश ख़ान को गेंदबाज़ी की ज़िम्मेदारी दी ताकि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव से जूझ सकें। हालांकि भारत वह मैच नहीं जीत सका लेकिन आवेश ने इस मैच से बहुत कुछ सीखा।
इसकी झलक हमें फ़्लोरिडा के चौथे टी20 में देखने को मिली, जब आवेश ने अपने चार ओवरों में सिर्फ़ 17 रन देते हुए दो विकेट झटके। उन्होंने इस प्रदर्शन का श्रेय टीम प्रबंधन को दिया, जिन्होंने ख़राब लय के बावज़ूद आवेश पर भरोसा जताया था। आवेश की जगह अब एशिया कप में है।
वहीं जब से अर्शदीप सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार डेब्यू किया है। वह नई गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करा सकते हैं और डेथ में सटीक यॉर्कर फेंक सकते हैं। इसके अलावा उनकी बाएं हाथ की गेंदबाज़ी एक अलग विविधता देती है। आईपीएल 2021 से अर्शदीप ने डेथ ओवरों में 8.50 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है, जो कि बुमराह के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ है। इस साल आईपीएल में अर्शदीप सिंह की डेथ ओवर इकॉनमी सिर्फ़ 7.58 थी।
सामान्यतया अर्शदीप पावरप्ले और फिर डेथ ओवर में गेंदबाज़ी करते हैं, लेकिन वेस्टइंडीज़ में रोहित ने सीरीज़ जीतने के बाद उनसे मध्य ओवरों में भी गेंदबाज़ी कराई ताकि उन्हें उन परिस्थितियों का भी अंदाज़ा हो। 6.58 की इकॉनमी और सात विकेट के साथ अर्शदीप वेस्टइंडीज़ में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ थे।
अक्षर, जाडेजा का विकल्प
अक्षर पटेल को एशिया कप की 15-सदस्यीय दल में जगह नहीं मिली है और वह तीन स्टैंड बाई खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन भारतीय टीम प्रबंधन को पता है कि वह रवींद्र जाडेजा के एक मज़बूत विकल्प हैं।
वेस्टइंडीज़ में हुए दूसरे वनडे में 312 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अक्षर ने 35 गेंदों में 64 रन मारे और अपनी टीम को पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ मिलकर जीत दिलाई। हालांकि इसके बाद अगले कुछ मैचों में उन्हें ठीक से बल्लेबाज़ी करने का समय नहीं मिला, लेकिन जब भी उन्हें मौक़ा मिला उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की। उन्होंने चौथे टी20 में आठ गेंदों में 20 रन मारे और धीमे मध्य ओवरों से उबारते हुए अपनी टीम को 190 के स्कोर तक पहुंचाया।
वहीं अपनी गेंदबाज़ी में भी अक्षर अब नई विविधता ला रहे हैं। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अंतिम टी20 मैच में उन्होंने पहला ओवर फेंका और पावरप्ले के दौरान ही तीन विकेट झटक लिए। उस मैच में कप्तान रहे हार्दिक ने कहा, "मैं चाहता था कि अक्षर नई गेंद से गेंदबाज़ी करे ताकि उन्हें आत्मविश्वास मिल सके। वह जिस तरह का गेंदबाज़ है, हमेशा मौक़े बनाए रखता है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं
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