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राहुल: श्रेयस को आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाज़ी करते देख ड्रेसिंग रूम में मची खलबली शांत हुई

श्रेयस अय्यर चौथे दिन रोमांचक मोड़ पर स्पिन के विरुद्ध ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की

Shreyas Iyer showed the right attitude at a tricky juncture, Bangladesh vs India, 2nd Test, Dhaka, 4th day, December 25, 2022

मुश्किल मोड़ पर श्रेयस अय्यर ने सही रवैया दिखाया  •  Associated Press

आर अश्विन ने भारत की तीन विकेट से जीत के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में अपनी प्लेयर ऑफ़ द मैच ट्रॉफ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा, "अगर श्रेयस प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ नहीं बनते, तो मैं निश्चित रूप से उनके साथ यह पुरस्कार साझा करता, लेकिन वह बने हैं, इसलिए मैं इसे ले जाऊंगा।"
अब या तो अंतिम समय में बदलाव को लेकर अश्विन को सूचित कर दिया गया था या वह निर्णयकर्ताओं को सही काम करने के लिए कह रहे थे क्योंकि श्रेयस अय्यर वाक़ई प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ के हक़दार थे। 74 रन पर 7 विकेट के नुक़सान पर श्रेयस का साथ देने आए अश्विन ख़ुद 145 रन के कठिन चेज़ में शीर्ष स्कोरर रहे, लेकिन उन्हें पता था कि श्रेयस ने बेहतर पारी खेली है, जिसने सभी को ढाढस बंधाई।
श्रेयस 28वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने आए, जिसका मतलब है कि भारत उस समय के क़रीब था जब गेंद सॉफ़्ट हो जाती और पहले की तुलना में धीमी व्यवहार करती, लेकिन फिर भी उन्होंने खेले 46 गेंदों में से केवल चार गेंदों पर ही ग़लती की। इस पूरे टेस्ट में कोई भी श्रेयस की बल्लेबाज़ी निपुणता के क़रीब नहीं आ पाया। अश्विन ने उनके साथ बल्लेबाज़ी करते हुए 62 गेंदों में 12 बार ग़लती की। श्रेयस ने जिस तरह से बल्लेबाज़ी की, उसमें सब कुछ शानदार था: लेंथ को परखना, आगे या पीछे खेलना, बेहिसाब जोख़िम उठाए बिना हमेशा रनों की तलाश में रहना।
यह सिर्फ़ मैदान में ही नहीं था। कप्तान के एल राहुल ने बताया कि कैसे श्रेयस के बल्लेबाज़ी शुरू करने के बाद ड्रेसिंग रूम में मची खलबली शांत हो गई। राहुल ने कहा, "जब कोई लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है तो यह बहुत ख़ुशी की बात होती है और श्रेयस लंबे समय से टीम के साथ हैं और उन्हें वाक़ई अपने मौक़े का इंतज़ार करना पड़ा। और यह देखकर बहुत ख़ुशी हुई कि जब उन्हें मौक़े मिले हैं तो वह वाक़ई उन्हें दोनों हाथों से लपक रहे हैं और वह टीम के लिए अच्छा कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जिस तरह से उन्होंने आज बल्लेबाज़ी की वह अद्भुत थी। उन्होंने बल्लेबाज़ी को काफ़ी आसान बना दिया। काफ़ी दबाव था, ड्रेसिंग रूम में थोड़ी खलबली थी, लेकिन जब हम श्रेयस को बल्लेबाज़ी करते देख रहे थे तो ऐसा नहीं लग रहा था कि कोई खलबली है। अश्विन के साथ उनकी साझेदारी काफ़ी बढ़िया थी।"
"वह ऐसे शख़्स हैं जो डेढ़-दो सालों से काफ़ी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें चोट लग गई और वह थोड़े समय के लिए खेल से दूर हो गए। उसके बाद उन्हें फिर से अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ा। वह इस सब के बीच काफ़ी धैर्यवान रहे हैं। ज़ाहिर तौर पर उनका सफर आसान नहीं रहा है, टीम में किसी का भी सफर आसान नहीं रहा है।"
राहुल
इस पर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए क्योंकि श्रेयस अपने डेब्यू के समय से दिखा रहे हैं कि वह स्पिन के विरुद्ध कितने अच्छे हैं, उन्होंने पिछले साल कानपुर में डेब्यू किया था और भारत को 106 पर 3 और 51 पर 5 से उबारा था। स्पिन के विरुद्ध उनकी औसत 68.67 और पेस के विरुद्ध 42.4 की है। श्रेयस को अभी एशिया के बाहर खेलना बाक़ी है लिहाज़ा हमें फ़ैसला सुरक्षित रखना चाहिए, लेकिन मददगार परिस्थितियों में स्पिन के विरुद्ध वह और ऋषभ पंत उनके डेब्यू के बाद से भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ रहे हैं।
राहुल ने कहा, "वह ऐसे शख़्स हैं जो डेढ़-दो सालों से काफ़ी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें चोट लग गई और वह थोड़े समय के लिए खेल से दूर हो गए। उसके बाद उन्हें फिर से अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ा। वह इस सब के बीच काफ़ी धैर्यवान रहे हैं। ज़ाहिर तौर पर उनका सफर आसान नहीं रहा है, टीम में किसी का भी सफर आसान नहीं रहा है। वह जिस तरह से बल्लेबाज़ी कर रहे हैं वह शानदार है, उम्मीद है कि वह ऐसा करना जारी रखेंगे और बेहतर होते रहेंगे।"
राहुल ने जो कहा वह उस काम की भी स्वीकार्यता है जो श्रेयस को घरेलू क्रिकेट में टेस्ट डेब्यू करने के लिए करना पड़ा था। वह 50 से अधिक की औसत और 80 से अधिक के स्ट्राइक रेट से 4000 से अधिक रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में आए। चूंकि क्रिकइंफ़ो गेंद दर गेंद रिकॉर्ड रखता रहा है, इसलिए हम ऐसा सबूत के साथ कह सकते हैं कि कोई भी बल्लेबाज़ ऐसा नहीं कर पाया है। और उनके ज़्यादातर रन रणजी ट्रॉफ़ी में आए जहां आपको काफ़ी स्पिन का सामना करना पड़ता है।
स्पिन के बोलबाला वाली सीरीज़ में श्रेयस ने स्पिनरों की 244 गेंदों में से केवल 24 गेंदों पर ग़लती की। उन्होंने जो तीन पारियां खेलीं, उनमें जब वह बल्लेबाज़ी के लिए आए तो 112 पर 4, 94 पर 4 और 71 पर 6 का स्कोर था। यह श्रेयस के करियर के अनुरूप है: 592 स्पिन गेंदों में केवल 54 ग़लतियां।
स्पिन के विरुद्ध आप कितनी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे हैं इसका एक अच्छा दृश्य माप यह है कि आप कितनी बार न तो आगे जाते हैं और न ही पीछे, जिससे आप गेंद को मिसविहेव करने का मौक़ा देते हैं और अगर ऐसा होता है तो आप ख़ुद को संभलने का कोई मौक़ा नहीं देते। श्रेयस शायद ही कभी ऐसा करते हैं।
अगला इंडिकेटर यह है कि कैसे एक बल्लेबाज़ अच्छी गेंदों पर अपेक्षाकृत जोख़िम मुक्त रन बनाने में सफल होता है। श्रेयस की बल्लेबाज़ी में अब तक जो एक ख़ासियत दिखी है, वह है स्पिन के विरुद्ध क्लासिक ट्रिक, ख़ासकर नीची रहने वाली पिचों पर: अगले पांव पर आते हुए गेंद को दबाने के लिए देखें, लेकिन थोड़ी सी भी शॉर्ट ऑफ़ लेंथ पर झपट्टा मारने के लिए तत्पर रहें।
ये शॉट श्रेयस ने दोनों पारियों में एक-एक बार खेला, जो लंबे समय तक गूंजते रहेंगे। दोनों मौक़ों पर थोड़ी छोटी गेंद पर वह जल्दी से पीछे गए और बाएं हाथ के स्पिनर को मिडविकेट के ऊपर से पुल कर दिया। दूसरी पारी में उस शॉट ने खलबली के अंत का संकेत दिया।
श्रेयस को भले ही प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार न मिला हो, जो अश्विन ने सोचा था कि वह होंगे या होने चाहिए, लेकिन इससे बेहतर कोई उपहार नहीं हो सकता है कि उन्होंने अपनी आश्वासित बल्लेबाज़ी से ड्रेसिंग रूम में घबराहट को शांत कर दिया।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।