मेरे मन में कई बार संन्यास लेने का विचार आया था : अश्विन
'मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि बाहर बैठे लोग मेरे बारे में क्या बोल रहे हैं'
अभ्यास सत्र में गेंदबाज़ी करते हुए भारतीय ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन • ICC via Getty
"2018 और 2020 के बीच कई बार मेरे मन में ख़्याल आया है कि अब मुझे इस खेल को त्याग देना चाहिए। मुझे लगता था कि मैं अपनी तरफ़ से कोशिश तो भरपूर कर रहा हूं लेकिन इसका फल मुझे नहीं मिल रहा। विशेष रूप से एथलेटिक प्यूबल्जिया और पेटेलर टेंडोनाइटिस के साथ - मैं छह गेंदें फेंकता था और फिर मैं हांफने लगता था। इसके बाद मेरा पूरा शरीर मानो दर्द से टूटने लगता था, जब घुटने का दर्द तेज़ होता, तो अगली गेंद पर मेरा जंप भी कम हो जाता था। जब मैं कम कूदता था, तो कंधों और पीठ के ज़रिए मुझे ज़्यादा ज़ोर लगाना होता था। और फिर ऐसा करने से मैं और भी तक़लीफ़ में ख़ुद को डाल देता था। यही वह समय था जब लगता था कि अब मुझे इस खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए।"आर अश्विन, गेंदबाज़, भारत
"2018 में इंग्लैंड श्रृंखला के ठीक बाद और फिर उसी साल ऑस्ट्रेलिया में सिडनी टेस्ट से पहले और एडिलेड टेस्ट के बाद मेरे ज़ेहन में संन्यास की बात आई। मैं जिस एकमात्र व्यक्ति से बात कर रहा था वह मेरी पत्नी थी। लेकिन मेरे पिता को मुझपर काफ़ी भरोसा था, वह यही कहते थे तुम सीमित ओवर क्रिकेट में फिर वापसी करोगे। उनकी इन बातों ने मुझे प्रेरित किया और मैंने अपना इरादा बदल दिया।"आर अश्विन, गेंदबाज़, भारत
"मैं जानता हूं कि अगर कोई बल्लेबाज़ मेरे ख़िलाफ़ आगे निकलकर खेलने की कोशिश करता है या फिर स्वीप करना चाहता है तो उसके लिए उसे कुछ अलग और काफ़ी तेज़ करना होगा। क्योंकि मैं उन स्पिनरों में से नहीं हूं जिनकी गेंद हवा में धीमी आती है, मैं तेज़ गति से गेंदबाज़ी करता हूं और इसके लिए आपको भी चपलता दिखानी होगी। अगर आपने फूर्ति दिखाई भी तो मैं अंतिम लम्हों में बल्लेबाज़ के खेलने के तरीक़े और उसके आक्रमण के हिसाब से अपनी गेंद में बदलाव ला सकता हूं।"आर अश्विन, गेंदबाज़, भारत
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।