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रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम के सामूहिक प्रयास ने एक बेजान मैच में डाली जान

जहां गेंदबाज़ों ने जल्द से जल्द बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों को आउट करने की कोशिश की, वहीं बल्लेबाज़ों ने पहले ही गेंद से अपने इरादे स्पष्ट कर दिए

भारत-बांग्लादेश कानपुर टेस्ट का जब दो से अधिक दिन बारिश और ख़राब मौसम के कारण बर्बाद हुए तो किसी ने भी इस मैच के परिणाम की उम्मीद नहीं की होगी। लेकिन मैच के चौथे दिन भारतीय टीम तो उम्मीद नहीं एक अलग इरादे के साथ मैदान में उतरी थी। दिन के खेल के बाद भारत के गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मॉर्केल ने भी इस बात को स्वीकारा।
उन्होंने कहा, "हमें शुरू से ही पता था कि हमें जीत के लिए जाना है और यह स्पष्ट संदेश हमने सुबह में ही सबको दे दिया था। मैच में दो दिन खोने के बाद हम इस सकारात्मक सोच के साथ मैदान पर उतरे थे कि जिस तरह से पहला टेस्ट मैच 3 दिन और कुछ घंटे में समाप्त हुआ, उससे भी समझा जा सकता है कि अभी इस मैच में पर्याप्त समय बाक़ी है। बस यह ज़रूरी था कि हम अपने इरादे दिखाए और लड़कों ने वह दिखाया भी।"
दिन का खेल जब शरू हुआ तो सबसे पहले भारतीय गेंदबाज़ों ने बांग्लादेशी टीम को अगले 40 ओवरों में सिर्फ़ 233 के स्कोर पर ऑलआउट किया, वहीं जब बल्लेबाज़ी की बारी आई तो वे T20 क्रिकेट को भी पीछे छोड़ते नज़र आए।
जहां यशस्वी जायसवाल ने पहले ही ओवर में हसन महमूद पर लगातार तीन चौके जड़े, वहीं रोहित शर्मा ने ख़ालिद अहमद का स्वागत लगातार दो छक्कों से किया। वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के सिर्फ़ ऐसे चौथे बल्लेबाज़ बने, जिन्होंने अपनी पारी की शुरुआत लगातार दो छक्कों से की हो।
भारतीय टीम ने सिर्फ़ तीन ओवरों में 50 रन पूरे किए। यह किसी भी फ़ॉर्मैट में भारत का सबसे तेज़ पचासा था। इससे पहले T20 क्रिकेट में भी भारत ने कभी 20 गेंदों में 50 रन नहीं पूरे किए थे। इसके बाद भारत ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ 100 और 200 रन पूरा करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान भारत ने लगातार विकेट भी गंवाए, लेकिन शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल से लेकर आकाश दीप तक ने अपना इरादा दिखाया।
मॉर्केल ने बताया कि यह टीम की योजना का हिस्सा था कि सभी सामूहिक रूप से ऐसा करेंगे, लेकिन यह सुखद है कि कप्तान रोहित ने सामने से ख़ुद इसका नेतृत्व किया।
मॉर्केल ने कहा, "एक बल्लेबाज़ी समूह के रूप में यह हमारा सामूहिक निर्णय था कि हम कितनी तेज़ी से इस मैच को आगे ले जाएं। लेकिन इसके लिए भी आपको एक नेतृत्व की ज़रूरत होती है, जो काम रोहित ने किया। जिस तरह से उन्होंने शुरुआत की और बिना पिच और परिस्थितियों की परवाह किए पहली ही गेंद पर छक्के के लिए गए, यह दिखाता है कि वह ज़िम्मेदारी लेना चाहते थे। यह देखना सुखद था कि कप्तान ख़ुद सामने से अगुवाई कर रहा है और ज़िम्मेदारी लेना चाह रहा है। इससे सामने और आगे आने वाले बल्लेबाज़ों को भी बल मिला।"
मॉर्केल प्रशंसको के लिए भी ख़ुश दिखे, जो लगातार दो दिन एक भी गेंद का खेल ना होने के कारण असंतुष्ट और निराश थे। मॉर्केल का मानना है कि दर्शकों को एक टेस्ट मैच में T20 क्रिकेट का लुत्फ़ मिल गया।
फ़िलहाल अभी भारतीय टीम मैच में आगे दिख रही है, लेकिन उन्हें आख़िरी दिन की सुबह जल्द से जल्द आठ विकेट निकालने होंगे ताकि जब उनकी दूसरी पारी आए तो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उनके पास पर्याप्त ओवर और समय रहे।
मॉर्केल इसको लेकर उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा, "पहले गेंदबाज़ी ने दबाव बनाया और विकेट निकाले, फिर बल्लेबाज़ों ने बल्ले से इरादा दिखाया। अब हम फिर से गेंद से अपने इरादे जाहिर कर रहे हैं। यह हमारी योजना का हिस्सा था कि कैसे हम मैच में परिणाम ला सकते हैं और कल हम उसी को अमली-जामा पहनाने की कोशिश करेंगे।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95