भारतीय कोच
गौतम गंभीर का कहना है कि भले ही क्रिकेट कैलेंडर बहुत व्यस्त है, लेकिन फिर भी जिस तरह से खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को महत्व दे रहे हैं और उसकी तैयारी के लिए घरेलू क्रिकेट और ए सीरीज़ खेल रहे हैं, उसे देखना सुखद है।
ग़ौरतलब है कि
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ से ठीक पहले भारतीय टेस्ट दल के 15 सदस्यों में से आठ ने ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़
अनाधिकृत टेस्ट सीरीज़ में हिस्सा लिया था। जबकि इसके अलावा कप्तान शुभमन गिल और अनुभवी जसप्रीत बुमराह सहित कुछ अन्य खिलाड़ी उस समय एशिया कप में व्यस्त थे।
2-0 से सीरीज़ जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गंभीर ने कहा, "व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर होना खिलाड़ियों के लिए बहुत कठिन है, ख़ासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो तीनों फ़ॉर्मेट खेल रहे हैं। लेकिन जिस तरह से इस सीरीज़ की तैयारियों के लिए कुछ टेस्ट खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ ए सीरीज़ खेला, वह बहुत महत्वपूर्ण है।
"इसी तरह से इन खिलाड़ियों का साउथ अफ़्रीका सीरीज़ से पहले रणजी ट्रॉफ़ी खेलना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यह कुछ ऐसी चीज़ है, जिसे इन खिलाड़ियों ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से अपने ऊपर लागू किया है। वे टेस्ट क्रिकेट की तैयारी सही ढंग से कर रहे हैं और वह परिणामों में भी दिख रहा है। मुझे लगता है कि जो भी खिलाड़ी सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा हैं, उनके लिए घरेलू क्रिकेट खेलना बहुत ज़रूरी है, बजाय इसके वह सिर्फ़ NCA जाए और अपने स्किल पर काम करें।"
यह
शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की पहली टेस्ट सीरीज़ जीत थी। इससे पहले उन्होंने इंग्लैंड में पांच मैचों की सीरीज़ को 2-2 से ड्रॉ कराया था। गिल की कप्तानी पर बात करते हुए गंभीर ने कहा, "उन्होंने इंग्लैंड में ही कप्तानी की परीक्षा को पास कर लिया है। यह घर से दूर पांच मैचों की एक कठिन टेस्ट सीरीज़ थी। हमारे लिए हर टेस्ट मैच बहुत महत्वपूर्ण है। मैंने उनसे बस इतना कहा है कि वह जैसे हैं, वैसे बने रहें।
"उनको कप्तान बनाकर किसी ने कोई फ़ेवर नहीं किया है। वह इसे डिज़र्व करते हैं और उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की है। वह हर बॉक्स को टिक करते हैं। एक कोच के रूप में मुझे ऐसा कप्तान चाहिए जो चीज़ों को सही ढंग से करे, सही चीज़ें बोलें, कठिन मेहनत करे, एक वर्क एथिक्स लाए और मैदान पर सबसे पहले उपस्थित हो। एक कोच के रूप में आपको क्या चाहिए होता है। यह एक कठिन काम है, लेकिन उन्होंने इसे बख़ूबी निभाया है।"
लेकिन क्या उनके लिए तीनों फ़ॉर्मैट खेलना एक कठिन काम नहीं है और क्या उन्हें मेंटल कंडिशनिंग कोच की ज़रूरत नहीं है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जब तक वह रन बना रहे हैं, उन्हें शायद इसकी ज़रूरत नहीं है। वह एक अच्छे स्पेस में हैं। पूरी टीम एक अच्छे माइंडसेट में है। जब तक आपको परिणाम मिलते हैं, तब तक आप अच्छे माइंडसेट में रहते हो। वहीं जब आपको परिणाम नहीं मिलते हैं तो पूरे ग्रुप को सही स्पेस में रखना मेरा काम है। इसके अलावा वर्तमान में बने रहना भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि आगे बहुत व्यस्त शेड्यूल है। इसलिए 2027 (WTC फ़ाइनल) में क्या होगा, इसे सोचकर कोई फ़ायदा नहीं होने वाला। यह अभी बहुत दूर है।"
गंभीर ने 2027 का हवाला इस सवाल के भी जवाब में भी दिया, जब उनसे पूछा गया कि क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा 2027 विश्व कप की योजनाओं का हिस्सा हैं? जब यही सवाल नए वनडे कप्तान शुभमन गिल से इस मैच से पहले पूछा गया था तो उन्होंने बिना किसी टूर्नामेंट का नाम लेते हुए कहा था कि इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों के टीम में रहने से निश्चित रूप से टीम को फ़ायदा होगा। वहीं गंभीर ने भी विश्व कप को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी।
उन्होंने कहा, "50 ओवर विश्व कप अभी भी ढाई साल दूर है। इसलिए वर्तमान में रहना ज़रूरी है। निश्चिच रूप से वे दोनों एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और वापसी भी कर रहे हैं। उनका अनुभव ऑस्ट्रेलिया में बहुक महत्वपूर्ण होगा। उम्मीद है कि उनके लिए यह एक सफल दौरा हो और टीम के लिए भी।"
हर्षित राणा के तीनों फ़ॉर्मैट में चयन पर लगातार हो रहे आलोचनाओं पर भी गंभीर ने कठोरता से जवाब दिया। राणा घरेलू टेस्ट सीरीज़ में भारतीय दल का हिस्सा तो नहीं थे, लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे और T20 दोनों दल का हिस्सा हैं। पूर्व भारतीय कप्तान और पूर्व प्रमुख चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत सहित कई अन्य लोगों ने राणा के चयन की अपने यूट्यूब चैनल पर आलोचना की थी और कहा था कि उनका चयन सिर्फ़ इसलिए हुआ है क्योंकि वह गंभीर के बहुत क़रीब हैं।
गंभीर ने कहा, "यह शर्मनाक है। आप अपना यूट्यूब चैनल चलाने के लिए किसी 23-वर्षीय बच्चे को निशाना नहीं बना सकते। राणा के पिता चयनकर्ताओं के कोई पूर्व चेयरमैन या कोई पूर्व क्रिकेटर या कोई NRI नहीं हैं। आप किसी की आलोचना उसके प्रदर्शन पर करिए और इसके लिए भी कोच और चयनकर्ता बैठे हुए हैं। लेकिन आप सोशल मीडिया पर ऐसे किसी युवा खिलाड़ी को निशाना बनाते हैं, तो इससे आप ख़ुद सोचिए कि उसके माइंडसेट का क्या होगा। अगर आपका बेटा क्रिकेट खेल सकता है तो किसी का भी बेटा क्रिकेट खेल सकता है।
"आप इसके लिए मेरी आलोचना करिए, मैं उसे झेल सकता हूं। लेकिन एक 23 साल का बच्चा, 23 साल का बच्चा है। इसलिए कुछ भी कहने से पहले हमें बहुत सजग रहना चाहिए। सभी की भारतीय क्रिकेट के प्रति नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। इसलिए आलोचना करें लेकिन किसी की व्यक्तिगत आलोचना ना करें।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95