क्या इशान किशन और संजू सैमसन का टाइम आ गया है?
श्रीलंका के विरुद्ध सीरीज़ से पहले भारतीय टी20 टीम के सामने है ऐसे कई सवाल

साल 2022 भारतीय टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम के लिए काफ़ी विचित्र रहा। भारत ने पिछले साल सर्वाधिक 40 मुक़ाबले खेले और 31 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया। नौ में से आठ द्विपक्षीय सीरीज़ में टीम को जीत मिली लेकिन भारत एशिया कप और टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा। टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में मिली हार का मतलब यह था कि टीम प्रबंधन को साल की शुरुआत उस निराशाजनक टूर्नामेंट की समीक्षा करते हुए करनी पड़ी।
द्विपक्षीय सीरीज़ में मिली सफलता के बावजूद बल्ले के साथ भारत के अंदाज़ की काफ़ी समय से आलोचना हो रही है। अब भारत नववर्ष की शुरुआत श्रीलंका के विरुद्ध सीमित ओवरों की सीरीज़ के साथ करने जा रहा है। 3 जनवरी से मुंबई में टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ का आग़ाज़ होगा। अक्तूबर-नवंबर में घर पर होने वाले वनडे विश्व कप के चलते इस साल टीम का ध्यान वनडे प्रारूप पर होगा और इसी वजह से टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए एक युवा दल को चुना गया है।
रोहित शर्मा, जिन्हें संभवतः आश्वासन दिया गया है कि वे वनडे टीम की कमान संभालना जारी रखेंगे, अभी भी उंगली की चोट से उबर रहे हैं। वहीं विराट कोहली और के एल राहुल को आराम दिया गया है। अब ऐसा प्रतीत होता है कि ऋषभ पंत, जिन्हें इस दौरे के लिए चुना नहीं गया था, एक गंभीर कार दुर्घटना के बाद तत्काल भविष्य में क्रिकेट से बाहर रहेंगे।
इसका अर्थ यह है कि अन्य खिलाड़ियों के पास 2024 में होने वाले अगले टी20 विश्व कप के लिए अपनी दावेदारी पेश करने का मौक़ा है। साथ ही यह टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के लिए हार्दिक पंड्या के रूप में नए कप्तान और वरिष्ठ खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ज़ोर आज़माने का अवसर है।
हर सीरीज़ की तरह इस बार भी कई सवाल है, विशेषकर टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत को पुराने अंदाज़ पर। साथ ही शीर्ष क्रम की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने पर भी ध्यान दिया जाना है। आइए इन सवालों पर एक नज़र डालते हैं।
हार्दिक की कप्तानी
रोहित की अनुपस्थिति में टी20 टीम की कप्तानी हार्दिक को सौंपी गई है। अब आने वाला वक़्त ही बताएगा कि क्या यह 2024 के लिए नियमित कप्तानी की ओर उनका पहला क़दम होगा या नहीं लेकिन यह बिना किसी विश्व कप के दबाव में टीम का नेतृत्व करने का अच्छा अवसर होगा। पिछले साल की शुरुआत में कप्तानी संभालने वाले रोहित को यह मौक़ा नहीं मिला था - उनके पास ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप की तैयारी करने के लिए मात्र आठ महीने थे।
पिछले साल गुजरात टाइटंस की कप्तानी मिलने के बाद से हार्दिक ने बतौर कप्तान अपनी छाप छोड़ी है। खिलाड़ी-सुरक्षा, विशेष रूप से अनकैप्ड खिलाड़ियों को संभालना, निरंतरता और भूमिका की स्पष्टता गुजरात टाइटंस समूह के चारों ओर चर्चा का विषय बन गए और अपने उद्घाटन सत्र में टीम ने एक ऐतिहासिक ख़िताबी जीत दर्ज की।
उसके बाद हार्दिक ने आयरलैंड और न्यूज़ीलैंड में भारतीय टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया है और अगले विश्व कप के लिए उन्हें टी20 टीम की कप्तानी सौंपने पर कई पूर्व खिलाड़ियों ने अपनी हामी भरी है। यह सीरीज़ चीज़ों को और साफ़ कर सकती है।
किशन और सैमसन का टाइम आ गया
जब इशान किशन ने टी20 अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू पर सैम करन, जोफ़्रा आर्चर, क्रिस जॉर्डन, बेन स्टोक्स और आदिल रशीद के गेंदबाज़ी क्रम वाली इंग्लैंड के विरुद्ध 32 गेंदों पर 56 रन बनाए, तब ऐसा लगा कि भारत को टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम की पहेली की एक अहम कड़ी मिल गई। वह 2021 में भारतीय टी20 विश्व कप दल का हिस्सा बने लेकिन प्रभावित नहीं कर पाए। इसके बाद आईपीएल में भी उनका बल्ला शांत रहा। भले ही वह दूसरे दर्जे की भारतीय टीम का हिस्सा बने रहे, उनके फ़ॉर्म पर सवाल उठने लगे।
हालांकि बांग्लादेश में तीसरे वनडे में 210 रनों की पारी खेल वह फिर एक बार नियमित सदस्य बनने की दौड़ में आ गए हैं। अगर रोहित फ़िट होते तो शायद उन्हें वह मैच खेलने का मौक़ा भी नहीं मिलता लेकिन बड़े शॉट लगाने की क्षमता दर्शाने के बाद उन्हें अधिक मौक़े मिल सकते हैं। राहुल भी व्यक्तिगत कारणों से छुट्टी के चलते न्यूज़ीलैंड सीरीज़ से बाहर हो सकते हैं।
किशन की ही तरह संजू सैमसन को श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध नियमित मौक़े मिल सकते है। अगर ऐसा हुआ तो वह 2015 में अपने डेब्यू के बाद से लगातार केवल तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के अपने सिलसिले में इज़ाफ़ा कर सकते हैं। आईपीएल के पिछले तीन सीज़नों में कुल मिलाकर छठे सर्वाधिक रन बनाने वाले सैमसन बल्लेबाज़ी क्रम में किसी भी स्थान पर खेल सकते हैं और विकेटकीपिंग का भार संभालते हैं। वह पहली गेंद से आक्रमण कर सकते हैं और स्पिन को अच्छा खेलते हैं। 16 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों के अपने करियर में उन्होंने केवल एक अर्धशतक जड़ा है। हालांकि यह सीरीज़ उन्हें निरंतरता के अलावा शीर्ष क्रम में खेलने का अवसर दे सकती है जहां वह सबसे घातक साबित होते हैं।
इस सीरीज़ में भारत के पास एक नई सलामी जोड़ी भी होगी जहां पंत की अनुपस्थिति में किशन संभवतः शुभमन गिल या ऋतुराज गायकवाड़ के साथ पारी की शुरुआत करेंगे। गिल ने अब तक कोई टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेला है जबकि गायकवाड़ पिछले साल आयरलैंड दौरे के बाद से इस प्रारूप में नहीं खेले हैं। क्या भारत को आख़िरकार वह विस्फोटक सलामी जोड़ी मिल पाएगी?
ऑलराउंड पावर
2021 के टी20 विश्व कप में छठे गेंदबाज़ का ना होना भारत की एक बड़ी समस्या रही। 2022 में इसे ठीक करने का प्रयास किया गया लेकिन दीपक हुड्डा का गेंद के साथ इस्तेमाल ही नहीं हुआ। हार्दिक का फ़िट होकर गेंदबाज़ी करना टीम के काम आया। हालांकि अब वॉशिंगटन सुंदर पूरी तरह से फ़िट हैं और बल्लेबाज़ी में बेहतर होते जा रहे हैं। इसके चलते भारत के पास तीन ऑलराउंडर हैं जिनमें से दो एकादश का हिस्सा हो सकते हैं। अक्षर पटेल और हर्षल पटेल की बल्लेबाज़ी भी निचले क्रम में टीम के काम आ सकती है।
अर्शदीप पर अधिक ज़िम्मेदारी
अर्शदीप सिंह ने भुवनेश्वर कुमार के साथ बतौर पावरप्ले विशेषज्ञ की तरह अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उनकी ज़िम्मेदारियां बढ़ती चली गई। वह एक भरोसेमंद डेथ गेंदबाज़ भी बन गए हैं जो भारतीय टीम में बाएं हाथ का अलग कोण लेकर आते हैं।
अब वह हर्षल पटेल के अलावा अन्य तीन अनुभवहीन गेंदबाज़ो - उमरान मलिक, मुकेश कुमार और शिवम मावी वाले तेज़ गेंदबाज़ी क्रम का नेतृत्व करेंगे। उमरान के पास घर पर अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का अच्छा मौक़ा है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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