दिल्ली की समस्या शॉ और वॉर्नर से ही शुरू हो जाती है
सहायक कोच वॉटसन ने कहा- हमने शॉ से फ़्री होकर खेलने को कहा है

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ मैच में दिल्ली कैपिटल्स के ललित यादव नंबर नौ पर बल्लेबाज़ी करने आए, जिनका टी20 औसत 30.67 और स्ट्राइक रेट 137.82 है। यह दिखाता है कि दिल्ली की टीम में कितनी गहराई है। लेकिन ऐसा नहीं है। ललित को नंबर नौ पर इसलिए रखा गया था ताकि अगर बैटिंग कोलैप्स हो तो वह इतने नीचे आकर भी टीम को बचा सके। इस कारण टीम में सिर्फ़ चार ही गेंदबाज़ थे और उम्मीद की गई कि ललित और मिचेल मार्श पांचवें गेंदबाज़ का कोटा पूरी करें।
हालांकि इससे दिल्ली को कोई फ़ायदा नहीं हुआ। 175 रन का पीछा करने उतरी दिल्ली की टीम का स्कोर पहले तीन ओवर में दो रन पर तीन विकेट था। उनकी आधी टीम 53 रन पर पवेलियन में थी, जबकि 175 रन का पीछा करने उतरी टीम निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 151 रन ही बना सकी। यह उनकी लगातार पांचवीं हार थी और अब उनके प्ले ऑफ़ में जाने की संभावनाएं बिल्कुल कम हैं।
पावरप्ले में विकेट गिरना दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या रही है। इस सीज़न किसी भी टीम ने पावरप्ले में दिल्ली से अधिक विकेट नहीं गंवाया है और सिर्फ़ सनराइज़र्स हैदराबाद को छोड़कर किसी भी टीम का पावरप्ले स्ट्राइक रेट दिल्ली से कम नहीं है।
इसका प्रमुख कारण डेविड वॉर्नर और पृथ्वी शॉ की उनकी सलामी जोड़ी है। फ़िलहाल वॉर्नर 228 रनों के साथ इस सीज़न में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। हालांकि वॉर्नर का स्ट्राइक रेट 116.92 का है और उन्हें अभी भी टूर्नामेंट में अपना पहला छक्का जड़ना है।
यह कहा जा सकता है कि वॉर्नर के सामने लगातार विकेट गिरते रहते हैं, इसलिए वह अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। जब वॉर्नर पारी को तेज़ी देने की कोशिश करते हैं, तब भी वह सफल नहीं हो पाते हैं।
हां या ना : वॉर्नर ने अब तक अक्षर का गेंद और बल्ले दोनों से ही सही इस्तेमाल नहीं किया है
दिल्ली के ख़िलाफ़ बेंगलुरु की जीत से जुड़े अहम सवालों पर अमोल मजूमदार का फ़ैसलादिल्ली के सहायक कोच शेन वॉटसन ने इस मैच से पहले कहा था कि वॉर्नर इस साल टूर्नामेंट में आग लगा देंगे। शनिवार को भी ऐसा संभव था, जब तीन विकेट खोने के बावजूद वॉर्नर एक छोर पर सकारात्मक दिख रहे थे। उन्होंने पारी के पांचवें ओवर में मोहम्मद सिराज पर लगातार तीन चौके जड़े। लेकिन इसके तुरंत बाद वह डेब्यू करने वाले विजयकुमार वैशाख की गेंद पर शॉर्ट मिडविकेट पर कैच दे बैठे।
वॉर्नर का संघर्ष तो सबको दिखता है लेकन शॉ के बारे में कुछ पता नहीं। दिल्ली के प्रमुख कोच रिकी पोंटिंग के अनुसार शॉ नेट्स में अलग ही बल्लेबाज़ दिखते हैं। हालांकि वह पांच पारियों में सिर्फ़ 34 रन ही बना पाए हैं। पिछले तीन मैच से शॉ को इंपैक्ट प्लेयर बनाया जा रहा है और वह मैदान पर सिर्फ़ बल्लेबाज़ी करने के लिए आते हैं। शनिवार को भी वह सिर्फ़ लक्ष्य का पीछा करने दूसरी पारी में उतरे और बिल्कुल भी रंग में नहीं दिखे। पारी की दूसरी गेंद पर दो रन था लेकिन उन्होंने वॉर्नर को वापस भेज दिया। दो गेंद बाद ही वह अनुज रावत के सीधे थ्रो पर रनआउट थे।
इस मैच के बाद वॉटसन ने कहा, "पृथ्वी 20 ओवर बैठने के बाद बल्लेबाज़ी करने आए थे। अगर वह फ़ील्डिंग करके आए होते तो ऐक्टिव रहते और थोड़ा तेज़ दौड़ते। यह इस इंपैक्ट प्लेयर नियम की ख़ामी है। हां, एक टीम के रूप में भी हमें अच्छा करना होगा।"
क्या शॉ से उनके बल्लेबाज़ी के बारे में बात की गई है, इस सवाल के जवाब में वॉटसन ने कहा, "पृथ्वी से कहा गया है कि वह आज़ादी से खेलें और अपने स्किल पर भरोसा करें। वह सभी भारतीय बल्लेबाज़ों जितने ही स्किलफ़ुल हैं। उनसे कहा गया है कि वह बिना किसी डर के अपनी ताक़त पर खेलें। जब वह अपने सर्वश्रेष्ठ पर होते हैं, वह बड़े से बड़े गेंदबाज़ को ज़मीन पर ला सकते हैं। उनके जैसा बल्लेबाज़ पेड़ पर नहीं उगता है, इसलिए हम उनकी हरसंभव मदद करना चाहते हैं।"
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं
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