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रणजी ट्रॉफ़ी जीतकर नौ साल बाद घर लौटने से अब केवल दो क़दम दूर कुमार कार्तिकेय

क्वार्टर फ़ाइनल में पंजाब को रौंदने में कार्तिकेय ने गेंद के साथ करिश्माई प्रदर्शन दिखाया

ऐक्शन में कुमार कार्तिकेय  ESPNcricinfo Ltd

कुमार कार्तिकेय जब पंद्रह साल के थे तो एक बड़ा क्रिकेटर बनने का सपना लिए घर से निकले थे। इससे पहले वह अपने गृहजनपद कानपुर में भी क्रिकेट खेल रहे थे लेकिन उन्हें कुछ आगे (भविष्य) का दिख नहीं रहा था। इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों ना सपनों के शहर दिल्ली चला जाए, जहां सबके सपने पूरे होते हैं।

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जब वह घर छोड़ रहे थे तब उनके पापा ने कहा था कि 'कुछ करके ही वापस लौटना'। पापा से किए गए इस वादे के कारण ही कार्तिकेय आज तक नहीं घर लौटे। उन्हें अब तक लगा ही नहीं कि उन्होंने ऐसा कुछ किया है कि पापा के सामने वापस जा सकें। लेकिन अब आईपीएल का एक सीज़न खेलने और रणजी ट्रॉफ़ी में अपनी टीम मध्य प्रदेश को सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाने के बाद कार्तिकेय को लगता है कि अब घर जाया जा सकता है। हालांकि इससे पहले वह रणजी ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम करना चाहते हैं।

रणजी क्वार्टर फ़ाइनल में मध्य प्रदेश ने पंजाब को दस विकेट के बड़े अंतर से हराकर छह साल बाद सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई। इस जीत में कार्तिकेय ने दूसरी पारी में छह विकेट लेकर पंजाब के मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम को ध्वस्त कर दिया। मैच के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए कार्तिकेय ने कहा, "सेमीफ़ाइनल में पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन हमारा लक्ष्य सिर्फ़ सेमीफ़ाइनल में पहुंचना ही नहीं बल्कि रणजी ट्रॉफ़ी जीतना है। इसके लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं और मुझे 100 प्रतिशत उम्मीद है कि इस बार हम रणजी ट्रॉफ़ी जीतेंगे। सिर्फ़ बड़े नाम होने से मैच नहीं जीता जाता, अच्छा क्रिकेट खेलने से मैच जीता जाता है और मुझे लगता है कि हम अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं।"

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि टीम में अभी भी बहुत सुधार की ज़रूरत है। कार्तिकेय ने कहा, "सुधार का मौक़ा हमेशा ही होता है। हमने मैच के दौरान अच्छी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी तो की लेकिन पहली पारी में कुछ कैच भी टपकाए। फ़ील्डिंग के अलावा निचला मध्य क्रम भी ठीक से बल्लेबाज़ी नहीं कर सका। मैच के बाद टीम मीटिंग में चंदू सर (मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित) ने इन सभी मुद्दों पर बात की और सबसे कहा कि इन ग़लतियों पर काम किया जाए। जो अच्छा हुआ वो तो सबको दिखता है, लेकिन जो ग़लत हुआ वो हमको दिखता है। हमें उसी पर काम करना है।"

अपनी गेंदबाज़ी के बारे में कार्तिकेय ने कहा, "टी20 में वैरिएशन की ज़रूरत होती है, इसलिए मैं आईपीएल में ज़रूरत के हिसाब से फ़िंगर और रिस्ट स्पिन दोनों तरह की गेंदबाज़ी कर रहा था। लेकिन यहां पर मुझे एक टप्पे पर निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी करनी थी, इसलिए मैंने बिना कोई वैरिएशन लाए अपनी गेंदबाज़ी जारी रखी। मैं प्रमुखतः लेफ़्ट आर्म स्पिनर ही हूं और रिस्ट स्पिन करना मेरा वैरिएशन है।"

उन्होंने इस प्रदर्शन का पूरा श्रेय कोच पंडित को दिया जिनकी योजना को टीम ने मैदान पर बस अंजाम दिया। कार्तिकेय ने कहा, "कब किस लाइन-लेंथ और एंगल से गेंदबाज़ी करनी है, कब क्या फ़ील्ड रखना है, सब उनका ही प्लान था। दूसरी पारी में विकेट स्पिनरों की मदद कर रही थी और जब गेंद घूमती है तो बल्लेबाज़ भी थोड़ा रक्षात्मक हो जाता है। इसका भी मुझे फ़ायदा मिला। दूसरी पारी में मैंने अपना एंगल भी बदला और डायगनल आने की बजाय राउंड द विकेट से सीधी गेंदबाज़ी की। इसके अलावा सबसे अधिक ज़रूरी होता है एक जगह पर गेंदबाज़ी करना। मैंने वही किया और विकेट मिलते चले गए।"

कार्तिकेय ने दूसरी पारी में पंजाब के कप्तान अभिषेक शर्मा, भारतीय टेस्ट ओपनर शुभमन गिल सहित मनदीप सिंह और गुरकीरत सिंह के विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने विकेट पर टिककर खेल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज़ अनमोल मल्होत्रा और तेज़ गेंदबाज़ सनवीर सिंह को भी पवेलियन भेजा। कार्तिकेय ने कहा, "मैं विरोधी टीम को नहीं देखता कि वहां कौन से बड़े नाम हैं, बस अपनी प्रक्रिया और योजना पर ध्यान देता हूं। इसके बाद चीज़ें आपके पक्ष में होने लगती हैं। हर दिन बल्लेबाज़ का होता भी नहीं है और यह कुछ ऐसा ही दिन था। मैं अपनी इसी प्रक्रिया और योजना को आगे आने वाले मैचों में भी जारी रखूंगा।"

सेमीफ़ाइनल में मध्य प्रदेश को संभवतः बंगाल से भिड़ना पड़ सकता है, जिसके सभी शुरुआती नौ बल्लेबाज़ों ने झारखंड के ख़िलाफ़ क्वॉर्टर फ़ाइनल में अर्धशतक लगातार एक विश्व रिकॉर्ड कायम कर दिया है। हालांकि कार्तिकेय इससे तनिक भी विचलित नहीं हैं। उनका मानना है कि अगर आप अपनी योजनाओं पर काम करते हैं तो विपक्षी टीम को घुटने पर लाया जा सकता है।

Kumar KartikeyaIndiaPunjab vs M. PradeshRanji Trophy

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं @dayasagar95