टी20 क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज़ी में निःस्वार्थ होने और अत्यधिक जोख़िम उठाने में बहुत कम अंतर होता है। इस अंतर के बीच का सफ़र
फ़िल सॉल्ट लगभग हर पारी में तय करते हैं जब वह गम चबाते हुए क्रीज़ पर आते हैं।
जब चीज़ें आपके पक्ष में होती हैं तो गेंद इनफ़ील्ड को चीरती हुई सीमा रेखा के पार जाती रहती है और आप एक नायक बनकर उभरते हैं। हालांकि इसी शैली से अगर आप आउट हुए तो आपकी आलोचना भी होती है। इस बात पर विवाद छिड़ता है कि क्या आपको जोख़िम भरा शॉट मारना चाहिए था? बावजूद इसके कि टी20 प्रारूप का मतलब ही है हर गेंद पर आउट होने का ख़तरा।
सॉल्ट के लिए पाकिस्तान में पहली पांच पारियां निराशाजनक रहीं थीं। उनके 59 रनों के योग में पिछले दो मुक़ाबलों में 8 और 3 के स्कोर थे, जिन मैचों को हारकर इंग्लैंड सीरीज़ में 3-2 से पिछड़ गया था। ऐसे में 170 का लक्ष्य पाकर सॉल्ट के लिए सबसे आसान रवैय्या होता धैर्य के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए टी20 विश्व कप के लिए ख़ुद को फ़ॉर्म में लाने की कोशिश करना।
लेकिन सॉल्ट इंग्लैंड की नई पीढ़ी के आक्रामक बल्लेबाज़ हैं जिनकी सोच बिलकुल अलग होती है। उन्होंने कहा, "मेरे खेलने की शैली ही आक्रामक है और मैं इंग्लैंड की जर्सी पहनकर सारे मैच जीतना चाहता हूं। हम हमेशा मैदान पर उतरते ही फ़्रंट फ़ुट पर रहना चाहते हैं ताकि विपक्ष पर पूरा दबाव डालें।"
शुक्रवार को उनकी पूरी बल्लेबाज़ी ही पांचवें गियर में नज़र आई। पारी की पहली गेंद पर शॉर्ट थर्ड के पास से स्लैश मारकर चार रन बटोरे गए तो दो गेंदों के बाद मिड-ऑन के पास से चार और बने। उनकी पारी के छठे और सातवें गेंदों पर भी मिड-ऑफ़ और फ़ाइन लेग की दिशा में बाउंड्री मिले।
पांचवें ओवर तक इंग्लैंड ने अपने टी20 अंतर्राष्ट्रीय इतिहास में सर्वाधिक पावरप्ले स्कोर बना लिया था। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के फ़ोरकास्टर पर इंग्लैंड के जीत की संभावना पारी के शुरुआत में 53.6% थी, जो पांच ओवर में 74 पर एक विकेट के स्कोर के चलते फुदककर 90.9% तक पहुंच गई थी। सॉल्ट ने अपना पचासा 19 गेंदों में पूरा किया, इंग्लैंड के लिए पुरुष टी20आई में तीसरा सबसे तेज़ अर्धशतक। कप्तान मोईन अली ने कहा, "हमने शुरुआत में ही स्पर्धा को ख़त्म कर दिया।" पाकिस्तान के गेंदबाज़ी कोच शॉन टेट बोले, "उन्होंने केवल आक्रमण ही किया। ऐसा लगा वह हर गेंद पर बाउंड्री मारना चाहते थे।"
पाकिस्तान ने पावरप्ले में बाएं हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज़ का उपयोग किया है, और इस शैली के विरुद्ध सॉल्ट पारंपरिक तौर पर कमज़ोर रहे हैं। इससे जूझने के लिए उन्होंने लाहौर क़लंदर्स में रहते भी काफ़ी मेहनत की है। लेकिन इस सीरीज़ में नवाज़ के विरुद्ध सिंगल लेकर स्ट्राइक से हटने के बजाय उन्होंने नवाज़ को अटैक करने का प्रयास किया है।
शुक्रवार को उन्होंने नवाज़ की 15 गेंदों पर 32 रन बनाए। क्रीज़ का उपयोग करके रूम बनाकर उन्होंने उन पर तेज़ी से प्रहार किया। जैसे ओस का असर तेज़ गेंदबाज़ों पर भी दिखा, उन्होंने उन को भी इस पारी में नहीं बख्शा। सॉल्ट को लेग साइड पर शॉट लगाना पसंद है लेकिन उन्होंने इस पारी में ऑफ़ साइड को भी निशाना बनाया और मिड-ऑफ़ से लेकर एक्स्ट्रा कवर की दिशा में कई शॉट लगाए। नवाज़ की गेंद पर एक सीधा छक्का शायद शाम का सबसे लुभावना स्ट्रोक था।
आख़िर में 41 गेंदों पर 88 की नाबाद पारी में उन्होंने क़लंदर्स के लिए पिछले सीज़न सात पारियों के कुल योग को पार कर लिया था। पारी के आख़िर में अधिक संयम के साथ बल्लेबाज़ी करने के बावजूद उनका स्ट्राइक रेट 214.63 का था। सॉल्ट शायद टी20 विश्व कप के शुरुआत में बैक-अप ही रहेंगे।
ऐलेक्स हेल्स ने शायद इस दौरे पर बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं किया लेकिन उन्होंने भी निःस्वार्थ बल्लेबाज़ी करते हुए 12 गेंदों पर 27 की पारी खेली। जॉस बटलर के साथ सलामी बल्लेबाज़ के रूप में इनमें किसी एक का ही चयन होगा।
अगर हेल्स को उनके ऑस्ट्रेलिया में अच्छे रिकॉर्ड के आधार पर प्राथमिकता मिलती है तो सॉल्ट आदर्श बैक-अप होंगे। उन्होंने टी20 करियर के शुरुआत में एक से सात में बल्लेबाज़ी करते हुए अर्धशतक बनाए हैं। वह आउटफ़ील्ड में ग़ज़ब ढाने के अलावा इस दौरे पर बैक-अप विकेटकीपर के रूप में भी प्रभावशाली रहे हैं। लेकिन उनकी सबसे बड़ी ताक़त यह है कि वह इंग्लैंड टीम की विचारधारा के प्रतीक हैं - पहले मारो, फिर सोचो।