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सूर्यकुमार यादव : मुझे उम्मीद है कि तिलक हर प्रारूप में अच्छा करेंगे

तिलक वर्मा ने कहा कि उन्हें नंबर तीन पर खेलना पसंद है लेकिन वह टीम के लिए ज़रूरत पड़ने पर कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं

Suryakumar: Hope to see Tilak perform like this in all formats for India

Suryakumar: Hope to see Tilak perform like this in all formats for India

The India captain was all praise for India's new No. 3 in T20Is

साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 3-1 से श्रृंखला जीत में तिलक वर्मा के धमाकेदार प्रदर्शन पर भारतीय T20I कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यह उम्मीद जताई है कि तिलक हर प्रारूप में भारत के लिए अच्छा करेंगे।

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सूर्यकुमार ने मैच के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "यह (तिलक को नंबर तीन पर भेजने पर) मेरे ज़ेहन में काफ़ी समय से चल रहा था। भारत के लिए लंबे समय तक एक खिलाड़ी ने नंबर तीन पर निरंतरता के साथ बल्लेबाज़ी की है और अच्छा प्रदर्शन किया है। तिलक जैसे युवा खिलाड़ी के लिए यह सही समय था और हम दोनों ने आपस में इस पर चर्चा भी की थी। जिस तरह से तिलक ने सुपरस्पोर्ट पार्क और यहां बल्लेबाज़ी की वह अविश्वसनीय है। मुझे उम्मीद है कि वह ना सिर्फ़ T20 में बल्कि हर प्रारूप में ऐसा प्रदर्शन करेंगे।"

चौथे T20I में तिलक और संजू सैमसन के बीच दूसरे विकेट के लिए हुई ताबड़तोड़ 210 रनों की साझेदारी ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। तिलक को तीसरे T20I में नंबर तीन का स्थान दिया गया था और उन्होंने इस अवसर को चौथे T20I में भी शतक जड़कर दोनों हाथों से भुनाया। तिलक लगातार दो T20I शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ों की दुर्लभ सूची में भी शामिल हो गए। तिलक ने ख़ुद भी कहा कि उनके पास इस एहसास को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।

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तिलक ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने देश के लिए लगातार दो शतक लगाऊंगा, वो भी साउथ अफ़्रीका की चुनैतिपूर्ण स्थितियों में। मैं काफ़ी ख़ुश हूं और इस समय मैं इस एहसास को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।"

पिछले एक साल में तिलक के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सफ़र उतार चढ़ाव भरा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू के बाद तिलक को दोबारा टीम में अपनी जगह बनाने के लिए शिवम दुबे के चोटिल होने का इंतज़ार करना पड़ा। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घरेलू T20 श्रृंखला में तो तिलक को खेलने का मौक़ा नहीं मिला जबकि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले दो मैच में नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने आए तिलक अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। हालांकि नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिलते ही तिलक का एक अलग रूप देखने को मिला।

नंबर तीन पर आगे भी खेलते रहने के सवाल पर तिलक ने कहा, "मेरे हाथ में तो कुछ नहीं है, मुझे नंबर तीन पर खेलने का मौक़ा सूर्या भाई से ही मिला है। मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करना पसंद है लेकिन मैं टीम के लिए ज़रूरत पड़ने पर कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार हूं।"

विशेष तौर पर सैमसन के बेहतरीन प्रदर्शन ने ओपनिंग के विकल्प को लेकर नया विमर्श खड़ा कर दिया है। क्योंकि इस प्रारूप में भारत की नियमित सलामी जोड़ी यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल दोनों ही T20 दल का हिस्सा नहीं हैं। सैमसन के नाम एक कैलेंडर ईयर में T20I में सर्वाधिक तीन शतक हैं, ऐसे में जायसवाल और गिल की वापसी की स्थिति में ओपनिंग स्लॉट के लिए सैमसन की दावेदारी को दरकिनार करना आसान नहीं रहने वाला है। हालांकि ख़ुद भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार इसे टीम के लिए एक अच्छा सिरदर्द मानते हैं।

सूर्यकुमार ने कहा, "मैंने उतने दूर का सोचा नहीं है, मैं पल में जीने में विश्वास रखता हूं। हम इस पर बाद में आराम से चर्चा करेंगे। यह मुश्किल है लेकिन अच्छा सिरदर्द है। यह काफ़ी अच्छा है कि आपके पास 20-25 खिलाड़ियों का विकल्प है और उसमें से 10-12 खिलाड़ियों को चुनना है। यह स्थिति हर टीम के लिए अच्छी होती है।"

श्रृंखला के पहले दो मैच में भारतीय गेंदबाज़ी विभाग की कमान स्पिनरों के हाथों में थी, 17 विकेटों में से 12 विकेट स्पिन जोड़ी (वरुण चक्रवर्ती और रवि बिश्नोई) ने चटकाए थे। हालांकि अंतिम दो मैच में गेंदबाज़ी विभाग की बागडोर अर्शदीप सिंह के कंधों पर आई और उन्होंने अगले दोनों मैच में तीन-तीन विकेट चटका कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। अर्शदीप ने श्रृंखला में 15.37 की औसत से आठ विकेट चटकाए और श्रृंखला में वरुण (12) के बाद सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी रहे। भारत के लिए T20I में सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में अब सिर्फ़ युजवेंद्र चहल ही अर्शदीप से आगे हैं।

सूर्यकुमार ने कहा, "अर्शदीप इस टीम का अहम हिस्सा रहे हैं उन्होंने हमेशा ज़रूरत पड़ने पर बढ़िया गेंदबाज़ी की। जब हम पिछली बार यहां आए थे उसकी तुलना में विकेट अधिक अलग नहीं थी। बल्लेबाज़ी के बाद तेज़ गेंदबाज़ों ने बल्लेबाज़ों के साथ चर्चा की कि यहां कौन सी लेंथ पर गेंदबाज़ी करना सही रहेगा और जिस तरह से पहले छह ओवर में हमारे गेंदबाज़ों ने गेंदबाज़ी की, मैच वहीं पर लगभग समाप्त हो चुका था।"

इस श्रृंखला में भारत के लिए कई सकारात्मक पहलू रहे लेकिन रिंकू सिंह अपने बल्ले से कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए। रिंकू को तीन बार बल्लेबाज़ी का मौक़ा मिला लेकिन वह 9.33 की औसत और 82.35 के स्ट्राइक रेट से 28 रन ही बना पाए। सूर्यकुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रिंकू आगे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

सूर्यकुमार ने कहा, "श्रृंखला तो मेरे लिए भी अच्छी नहीं गई (हंसते हुए)। यह हमने सोचना छोड़ दिया है। अगर आप एक टीम स्पोर्ट खेल रहे हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि हर खिलाड़ी का अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होगा नहीं तो फिर हर टीम T20 में 400 रन बनाती रहेंगी। यह मुश्किल ज़रूर है लेकिन किसी ने कहा है कि अच्छे लोगों के साथ हमेशा अच्छा होता है और मुझे उम्मीद है कि रिंकू आगे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"

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