तिलक वर्मा के बेमिसाल पहले अंतर्राष्ट्रीय शतक की बदौलत भारतीय टीम ने चार मैचों की टी20 सीरीज़ में 2-1 की बढ़त बनाते हुए 11 रनों की रोमांचक जीत हासिल की। तिलक के शतक की वजह से भारतीय टीम साउथ अफ़्रीका में 219 रन बनाने में क़ामयाब रही, जो उनकी धरती पर भारतीय टीम का सबसे बड़ा स्कोर है। अंत में मार्को यानसान की तेज़ तर्रार पारी मेज़बान टीम के लिए काफ़ी नहीं रही।
इस मैच के हीरो तो तिलक को कहा जाएगा। अभिषेक शर्मा ने अर्धशतक ज़रूर लगाया लेकिन वह अपने इसी अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस मैच में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अपनी नंबर तीन की जगह तिलक के लिए खाली की और वह इसमें सफल होने में क़ामयाब रहे। अभिषेक एक ओर अपना खेल खेल रहे थे तो दूसरी ओर तिलक ने इस बीच अपनी पारी को फ़ीका नहीं पड़ने दिया, वह जब भी मौक़ा मिला बाउंड्री लगाते गए। उन्होंने गिरते विकेटों के बीच कभी भी ऐसा नहीं होने दिया कि भारतीय पारी पर किसी तरह का दबाव आए और पारी के अंत में वह समय आया जब उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने सुनहरे पल को जिया, यानी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक।
मैच का टर्निंग प्वाइंट
इस मैच का टर्निंग प्वाइंट तो मार्को यानसन की पारी को ख़त्म करना कहलाया जाएगा। भले ही मेज़बान टीम इस मैच को नहीं जीत पाई लेकिन यही वह पल था जिसने मैच का पासा पलट दिया था। एक ऐसी पारी जहां पर 17 गेंद में 54 रन लगे, जिसमें चार चौके और पांच छक्के शामिल थे। ऐसी पारी कहीं पर भी मैच का रूख़ बदल सकती थी, लेकिन अर्शदीप के तीन में से यह विकेट बेहद ख़ास था।
क्या रहा मैच का तात्पर्य
इस मैच का तात्पर्य यह है कि सीरीज़ में भले ही साउथ अफ़्रीका की टीम पिछड़ गई है लेकिन यहां पर चौथे मैच में साउथ अफ़्रीका के पास चार मैच की सीरीज़ में बराबरी का मौक़ा है। वहीं भले ही भारत को अजेय बढ़त हासिल हो गई हो लेकिन उसे इस सीरीज़ को जीतने के लिए अंतिम मैच जीतना होगा।