पहले T20 में नाबाद 33 और दूसरे T20 में 20 रन। यह दोनों पारियां
तिलक वर्मा की इस सीरीज़ में अभी तक नंबर चार पर खेलते हुए आई थी। तिलक को नंबर तीन पर खेलना पसंद है और यही वजह है कि दूसरे मैच के बाद वह
सूर्यकुमार यादव के कमरे में गए और उनको नंबर तीन पर खिलाने का आग्रह किया और देखिए
तीसरे T20I में उन्होंने यह स्थान केवल मिला नहीं बल्कि उन्होंने इसको अपना बना लिया।
तिलक ने 51 गेंद में अपना शतक पूरा किया और फिर हवा में उछालने के बाद डगआउट की ओर इशारा करते हुए हवा में किस किया, जिन्होंने तिलक के लिए अपना स्थान छोड़ा था। तिलक ने मैच के बाद कहा, "यह हमारे कप्तान सूर्यकुमार के लिए था, क्योंकि उन्होंने मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा दिया।"
"मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करना पसंद है, लेकिन पिछले दो मैचों में मैं नंबर चार पर खेला था। पिछली रात वह मेरे कमरे में आए और कहा 'तुम नंबर तीन पर खेलोगे' और कहा कि यह एक अच्छा मौक़ा है। जो और खु़द को साबित करके दिखाओ। मैंने उनसे कहा, 'आपने मुझे यह मौक़ा दिया है, मैं आपको मैदान में करके दिखाऊंगा'।"
तिलक ने 56 गेंद की अपनी 107 रनों की पारी में सात छक्के और आठ चौके लगाए और वह फुल मेंबर देशों के बीच शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने।
सूर्यकुमार ने मैच के बाद खु़लासा किया कि तुरंत लिया गया फ़ैसला नहीं था। उन्होंने कहा, "पोर्ट एलिज़ाबेथ में वह मेरे कमरे में आया और कहा, 'मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी का मौक़ा दीजिए। मुझे खु़द को साबित करने दीजिए।' हमने इस पर विचार किया और फिर तीसरे मैच से पहले उनसे नंबर तीन पर उतरने के लिए कहा।"
"मैं जानता था कि वह इस काबिल है और उसने कर दिखाया। उसने तीन नंबर पर जाने के लिए पूछा, उसने करके दिखाया और उसने यह मौक़ा कमाया है।"
एक छोर पर अभिषेक शर्मा प्रहार कर रहे थे और दूसरे छोर पर तिलक ने भी आते ही कमान संभाल ली। ब्रांड ऑफ़ क्रिकेट के बारे में तिलक ने कहा, "टीम हमारा समर्थन करती है चाहे हम फ़्लॉप ही क्यों ना हो जाएं। उन्होंने हमसे कहा था कि वही ब्रांड ऑफ़ क्रिकेट खेलना है जिसके लिए हमें जाना जाता है। कप्तान और टीम प्रबंधन ने कहा, "बिंदास खेलना अगर विकेट गिरे तब भी।"
चोट की वजह से तिलक दो अंतर्राष्ट्रीय टी20 सीरीज़ का हिस्सा नहीं हो पाए थे। उन्हें IPL के आखिरी मैच में उंगली में चोट लगी थी जिसके ख़िलाफ़ वह ज़िम्बाब्वे और श्रीलंका के ख़िलाफ़ सीरीज़ का हिस्सा नहीं रहे, लेकिन वह जानते थे कि जब समय आएगा तो वह रन बनाएंगे।
तिलक ने कहा, "IPL के आखिरी मैच में मुझे उंगली में फ़्रैक्चर हुआ था और मैं दो महीने के लिए बाहर हो गया। रिकवरी के दौरान मुझे एक और फ़्रैक्चर हो गया। तो मैंने ज़िम्बाब्वे और फिर श्रीलंका के ख़िलाफ़ दो सीरीज़ गंवा दी।"
"मुझे बुरा लग रहा था कि मैंने दो सीरीज़ गंवा दी। लेकिन मुझे संयम बरतना था, प्रोसेस पर ध्यान देना था और मेहनत करते रहना था। मैं जानता था कि मेरा समय आएगा, जब आएगा तो मैं प्रदर्शन करूंगा।"
"मैं इस मौक़े का इंतज़ार कर रहा था और दुर्भाग्य से पिछले मैच में ऐसा नहीं हो सका लेकिन कप्तान और टीम प्रबंधन ने मेरा समर्थन किया। अब जो परिणाम मुझे मिल रहे हैं वह उनके समर्थन की वजह से ही है।"