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मर्फ़ी: नेथन लायन का उत्तराधिकारी बनने की रेस आसान नहीं और इसका मुझे एहसास है

विक्टोरिया के ऑफ़ स्पिनर मर्फ़ी, कुनमन और रॉकीचॉली के साथ उस प्रतिस्पर्धा में हैं, जिसमें तय होना है कि टेस्ट क्रिकेट में लायन के अलावा ऑस्ट्रेलिया का पक्का नंबर 2 स्पिन विकल्प कौन होगा

Daya Sagar
दया सागर
24-Sep-2025 • 3 hrs ago
All eyes will be on Todd Murphy and whether or not Australia pick him for the fifth Test, London, July 25, 2023

ऑस्ट्रेलिया ए के साथ भारत दौरे पर आए हैं मर्फ़ी  •  Getty Images

ऑस्ट्रेलियाई ऑफ़ स्पिनर टॉड मर्फ़ी ने 2023 के नागपुर टेस्ट में डेब्यू करते हुए सात विकेट लेकर अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शानदार शुरूआत की थी। उस दौरे के चार मैचों में उनके नाम 25.21 की औसत से 14 विकेट थे और वह आर अश्विन, रवींद्र जाडेजा, नेथन लायन जैसे दिग्गजों के बाद सीरीज़ के चौथे सबसे सफल गेंदबाज़ बने थे। हालांकि इसके बाद अगले दो सालों में मर्फ़ी को केवल तीन टेस्ट मैच खेलने का मौक़ा मिला।
मर्फ़ी को इस बात का एहसास है कि लायन के रहते हुए उन्हें आगे भी ऑस्ट्रेलियाई दल में कम ही मौक़े मिलेंगे और वह इसको लेकर किसी भी भ्रम की स्थिति में नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया ए टीम के साथ भारत दौरे पर आए मर्फ़ी ने ESPNcricinfo से बातचीत में कहा, "मुझे इस बारे में कोई गलतफ़हमी नहीं है। जब आपके पास नेथन लायन जैसा खिलाड़ी हो, तो आपको पता होता है कि आपको मौके़ बहुत कम ही मिलेंगे। लेकिन इन पिछले दो सालों में मैंने अपने ट्रेनिंग का लुत्फ़ उठाने और लगातार ख़ुद को बेहतर करने की कोशिश की है, ताकि अगर मुझे मौक़ा मिले तो मैं उसके लिए पूरी तरह से तैयार रहूं।"
भारत दौरे के बाद जब ऑस्ट्रेलियाई टीम उसी साल इंग्लैंड दौरे पर ऐशेज़ सीरीज़ के लिए गई तो मर्फ़ी को लायन की अनुपस्थिति में दो टेस्ट मैच खेलने का मौक़ा मिला, जहां उन्होंने ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में चार विकेट भी लिए। लेकिन इसके बाद उन्हें अगले मौक़े के लिए लगभग डेढ़ साल का इंतज़ार करना पड़ा।
इस साल की शुरूआत में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जब श्रीलंका का दौरा किया तो पहले टेस्ट में मर्फ़ी टीम का हिस्सा थे, लेकिन स्पिनरों की मददग़ार पिच पर वह दो पारियों में सिर्फ़ एक विकेट ही ले पाए और अगले टेस्ट में उनकी जगह कूपर कॉनली ने ले ली। हालांकि इस दौरान उनके साथ ही भारत दौरे पर डेब्यू करने वाले बाएं हाथ के स्पिनर साथी मैथ्यू कुनमन ने दो मैचों में 16 विकेट लिए और वह अब ऑस्ट्रेलिया के दूसरे नंबर के स्पिनर हैं। उन्हें इस साल के वेस्टइंडीज़ दौरे पर लायन के साथ दूसरे स्पिनर के रूप में ऑस्ट्रेलियाई दल में चुना गया था।
मर्फ़ी को इस बात का अंदाज़ा है कि लायन (37 वर्ष) के संन्यास लेने के बाद भी उनके लिए एकादश में जगह बनाना आसान नहीं होगा क्योंकि उनके साथ कई दूसरे स्पिनर भी इस होड़ में लगे हुए हैं। हालांकि वह इसे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा मानते हैं।
उन्होंने कहा, "गैज़ (लायन) के नीचे भी कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं। (मैथ्यू) कुनमन ने श्रीलंका में बहुत अच्छा किया था, रॉक्स (कॉरी रॉकीचॉली) शील्ड क्रिकेट में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं। हमारे पास स्पिनरों का अब एक अच्छा समूह बन रहा है और मुझे लगता है कि हम सब गैज़ (लायन) के नीचे लगातार बेहतर बनने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हममें से किसी को जब भी मौका मिले, तो वह उसे पूरी तरह निभा पाए।"
रॉकीचॉली ने अभी ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू तो नहीं किया है, लेकिन वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से खेलने वाला यह ऑफ़ स्पिनर 2024-25 के शेफ़ील्ड शील्ड के नौ मैचों में 38 विकेट लेकर सीज़न का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर बना था। पिछले चार शील्ड सीज़न में वह सर्वाधिक 83 विकेट लेने वाले स्पिनर हैं, जिसमें 56 विकेट वाका की तेज़ पिच पर आए हैं। जहां मर्फ़ी भारत ए के ख़िलाफ़ पहले अनाधिकृत टेस्ट में विकेटों के लिए तरसते रहें, वहीं रॉकीचॉली ने एकमात्र पारी में तीन विकेट लिए।
रॉकीचॉली ने इस साल के काउंटी सीज़न में भी शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने वारविकशायर के लिए खेलते हुए चार मैचों की सात पारियों में दो पंजों सहित कुल 16 विकेट लिए थे। वहीं मर्फ़ी ने ग्लॉस्टरशायर के लिए खेलते हुए चार मैचों की छह पारियों में 56.27 के महंगे औसत से 11 विकेट लिए, जिसमें कोई भी पंजा शामिल नहीं था।
काउंटी चैंपियनशिप के अनुभवों पर बात करते हुए मर्फ़ी ने कहा, "यह मेरे लिए UK (इंग्लैंड) में कूकाबूरा गेंद से चार मैच खेलने का एक बेहतरीन मौक़ा था। वहां भी काफ़ी रन बने, लेकिन मैं लगातार सीखने की कोशिश कर रहा हूं। मैं अलग-अलग परिस्थितियों में और अलग-अलग खिलाड़ियों के विरूद्ध सीखने के लिए तैयार हूं। वहां से मुझे बहुत कुछ अच्छी चीज़ें सीखने को मिलीं। मुझे लगता है कि एक ऑफ़ स्पिनर के तौर पर कंसिस्टेंट बने रहना और लंबे समय तक बल्लेबाजों को चुनौती देना बहुत ज़रूरी है।"
फ़िलहाल मर्फ़ी एक बार फिर से उसी भारत दौरे पर हैं, जहां से उन्होंने अपने टेस्ट करियर की बेहतरीन शुरूआत की थी। वह अब अपने कंधे की चोट से भी पूरी तरह से उबर चुके हैं, जिसके कारण उनका पिछला एक-डेढ़ साल थोड़ा निराशाजनक और चुनौतीपूर्ण भी रहा और उन्हें कुछ घरेलू मैचों से बाहर भी बैठना पड़ा। हालांकि उनका मानना है कि यह सब खेल का हिस्सा है और इससे उबरकर वह लगातार अपने आपको बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दौरे की बाबत उन्होंने कहा, "पहले मैच का पिच, पिछले दौरे से बहुत अलग था। यह स्पिन होने की बजाय कुछ अधिक ही पाटा थी। यह भी एक तरह की चुनौती है कि हम पाटा विकेटों पर कैसी गेंदबाज़ी करें? इस पूरे दौरे का उद्देश्य भी लगभग यही है कि इन परिस्थितियों के अनुसार हम ख़ुद को कैसे ढालें। कैसे हम अपने कप्तान के साथ योजनाएं बनाएं, जिससे बल्लेबाज़ दबाव में आए औरअपना विकेट दें। कभी-कभी इसका सबसे अच्छा तरीका यही होता है कि स्कोरबोर्ड को रोकने की कोशिश करें ताकि बल्लेबाज कुछ अलग तरह की शॉट खेलने की कोशिश करे।
"हालांकि ऐसा भी नहीं है कि हम यहां पर स्पिन की मददग़ार पिचों की उम्मीद लेकर आए थे। मुझे पता है कि यहां पर या तो बहुत ज़्यादा स्पिन की मददग़ार पिचें मिल सकती हैं या फिर कुछ इस तरह कि पिचें मिलेंगी, जिस पर ढेरों रन बने। पहला मैच थोड़ा कठिन और चुनौतीपूर्ण था। काफ़ी गर्मी और उमस भी थी, लेकिन फिर भी वे बहुत अच्छे अनुभव थे। व्यक्तिगत तौर पर मैं अपनी गेंदबाज़ी से ख़ुश हूं। जाहिर है, मैं कुछ विकेट लेना पसंद करता, लेकिन वो नहीं हो पाए। उम्मीद है कि दूसरे मैच के दौरान हमें थोड़ी स्पिन भी मिलेगी ताकि मैं अपने खेल से ज़्यादा असर डाल पाऊं। हालांकि मैं ज़्यादा कुछ कोशिश नहीं करूंगा और इन हालातों में जो मैं बेहतर कर सकता हूं, उसी पर ध्यान दूंगा।"
ग़ौरतलब है कि लखनऊ में खेले गए पहले अनाधिकृत टेस्ट में दोनों टीमों ने 500-500 से ऊपर का स्कोर खड़ा किया था और कुल चार शतक और पांच अर्धशतक बने थे। इस दौरान एकमात्र पारी में मर्फ़ी ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से 35 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 102 रन दिए थे और उन्हें कोई भी विकेट नहीं मिल पाया था।
मर्फ़ी को इस भारत दौरे के बाद नई शील्ड सीज़न की शुरूआत करनी है, जिसमें वह अच्छा प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलियाई टीम में फिर से अपने जगह पर दावा कर सके। मर्फ़ी इस नए घरेलू सीज़न के लिए पूरी तरह से उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि जब आप नई शील्ड सीज़न की शुरुआत करते हैं तो पहली उम्मीद यही होती है कि जितना ज़ोर लगा सकते हो उतना लगाकर शील्ड जीतने की कोशिश करो। विक्टोरिया टीम में मेरी भूमिका इस जीत में योगदान देना है, जिसे मैं अपनी तरफ़ से निभाने की पूरी कोशिश करूंगा। हमारे पास तेज़ गेंदबाज़ों का एक बहुत अच्छा समूह है, जिसमें मेरी अपनी अलग भूमिका है। उम्मीद है कि मैं व्यक्तिगत तौर पर भी अच्छे प्रदर्शन कर पाऊं, ताकि आगे बढ़ता रहूं। लेकिन मेरा लक्ष्य टीम में अपनी भूमिका को अच्छी तरह से निभाना है क्योंकि मुझे पता है कि उससे मेरे प्रदर्शन अपने आप आते रहेंगे।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95