उथप्पा ने अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की
भारत के बल्लेबाज़ रॉबिन उथप्पा ने विदेशों टी20 लीग में खेलने के लिए आईपीएल सहित अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। उथप्पा ने केरल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त कर लिया है।और अगले साल की शुरुआत में साउथ अफ़्रीका और संयुक्त अरब अमीरात में नई टी20 लीग आने के साथ ही वह अन्य विदेशी लीग में खेलने के लिए स्वतंत्र होंगे।
उथप्पा ने 2006 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने कुल 46 वनडे और 13 टी20 मैच खेले। वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2007 में साउथ अफ़्रीका में पहला टी20 विश्व कप जीता था। उन्होंने कर्नाटक के साथ कई घरेलू खिताब भी जीते और दो बार आईपीएल जीता। 2014 में वह आईपीएल जीतने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स और 2021 में ख़िताब जीतने वाली टीम चेन्नई के साथ थे।
उथप्पा ने अपने घरेलू करियर की शुरुआत 2002-03 में कर्नाटक के साथ की थी और 2020-21 सीज़न में केरल के साथ इसे समाप्त किया। उन्होंने 2017-18 से 2018-19 तक दो सत्रों के बीच सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व भी किया। उन्होंने 142 प्रथम श्रेणी मैच में 9446 रन बनाए, जिसमें 22 शतकों शामिल हैं। उस दौरान उनका औसत 41 का था। साथ ही 203 वनडे मैचों(घरेलू) में 35.31 के औसत से 16 शतकों के साथ 6534 रन बनाए। वहीं 291 टी20 मैचों में उन्होंने 133.08 की स्ट्राइक रेट से 7272 रन बनाए।
It has been my greatest honour to represent my country and my state, Karnataka. However, all good things must come to an end, and with a grateful heart, I have decided to retire from all forms of Indian cricket.
— Robin Aiyuda Uthappa (@robbieuthappa) September 14, 2022
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उन्होंने आईपीएल के सभी 15 सीज़न खेले और टूर्नामेंट में छह टीमों का प्रतिनिधित्व किया: चेन्नई, कोलकाता, मुंबई इंडियंस, पुणे वारियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स। उन्होंने 205 आईपीएल खेलों में 130.35 के स्ट्राइक रेट और 27.51 की औसत से 4952 रन बनाए।
उथप्पा को उनकी हार्ड-हिटिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता था। उन्होंने 2006 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था, लेकिन 2008 में ख़राब फ़ॉर्म के कारण 2007 के टी20 विश्व कप के तुरंत बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था। 2015 में भारत के लिए अपने आख़िरी कुछ मैच खेलने से पहले, उन्होंने 2013-14 में कर्नाटक के साथ रणजी ट्रॉफ़ी, ईरानी कप और विजय हजारे ट्रॉफ़ी जीतकर एक दुर्लभ रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद उन्होंने 2014 में नाइट राइडर्स के लिए 660 रन बनाकर अग्रणी स्कोरर रहे।
उन्हें 2014 और 2015 में बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे के दौरों के साथ भारतीय टीम में वापसी का इनाम मिला था। हालांकि उन्होंने इन मौक़ों का कुछ ख़ास लाभ नहीं उठाया।