साफ़ सोच, स्पष्ट लक्ष्य और कमाल का आत्मविश्वास - विदर्भ के उभरते सितारे दानिश मालेवार

दलीप ट्रॉफ़ी में दोहरा शतक लगाने वाले 21 वर्षीय विदर्भ के बल्लेबाज़ ने सिर्फ़ 16 पारियों में नौ बार अर्धशतकीय पारी खेली है

दानिश मालेवार ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की 16 पारियों में नौ बार अर्धशतकीय पारी खेली है © PTI

दानिश मालेवार शांत स्वभाव के हैं। लेकिन इस शांत खिलाड़ी का बल्ला बिल्कुल भी शांत नहीं है और इसका सबूत वह अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही दे चुके हैं। सिर्फ़ 21 साल की उम्र और 10 प्रथम श्रेणी मैचों के अनुभव में ही उन्होंने जो स्पष्टता, विविधता और परिपक्वता दिखाई है, वह इस युवा खिलाड़ी के बारे में काफ़ी कुछ बयां करती है।

उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी के क्वार्टर फ़ाइनल मैच में सेंट्रल ज़ोन की ओर से दोहरा शतक लगाया।

मालेवार को भले ही बड़े शॉट्स लगाना पसंद है लेकिन वह रक्षात्मक खेल की अहमियत को भी समझते हैं। उनका मानना है कि उनकी सबसे बड़ी ताक़त फ्रंट फ़ुट से खेलना है, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी देखने के बाद पता चलता है कि बैकफ़ुट पर भी वह काफ़ी अच्छी तरह से खेलने में सक्षम हैं। उनका पंच और पुल शॉट भी काफ़ी मजबूत है।

बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में मालेवार के यह सारे गुण देखने को मिले। उन्होंने घरेलू सीज़न के पहले दिन धमाकेदार पारी खेलते हुए नाबाद 198 रन बनाए और दूसरे दिन सुबह प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अपना पहला दोहरा शतक पूरा किया। उन्होंने यह उपलब्धि कवर की दिशा में एक बेहतरीन चौका लगाते हुए हासिल किया। दूसरे दिन खेल ख़त्म होने के बाद उन्होंने जिस तरह से अपनी बातें रखीं, वह साफ़ बता रही थी कि उन्हें क्या चाहिए।

उन्होंने कहा, "जब मैंने बल्लेबाज़ी शुरू की, पिच पर नमी थी। मैं चाह रहा था कि नई गेंद को पहले आराम से देख लिया जाए और लंच के बाद विकेट थोड़ा आसान हो गया। मैंने जो भी अभ्यास किया था, उस पर मुझे पूरा भरोसा था।"

दानिश मालेवार ने शुक्रवार को अपना पहला प्रथम श्रेणी दोहरा शतक लगाया Himanshu Agrawal / © ESPNcricinfo Ltd

मालेवार ने पिछले सीज़न रणजी ट्रॉफ़ी में विदर्भ की टीम से पदार्पण किया था और 16 पारियों में 61.62 की औसत से रन बनाए। इस दौरान उन्होंने नौ बार उन्होंने पचास या उससे अधिक रन बनाए, और उनमें से तीन पारियों को शतक में भी तब्दील किया गया। अगर सिर्फ़ इस पारी की बात की जाए तो उन्होंने 150 रन चौकों से बनाए और 91.44 की स्ट्राइक रेट से रन बटोरे। पिछले सीज़न विदर्भ ने रणजी ट्रॉफ़ी ख़िताब अपने नाम किया था, जिसमें मालेवार ने काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नौ मैचों में 783 रन बनाकर वह विदर्भ के तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। मालेवार यश राठौड़ को बेहद सम्मान की नज़रों से देखते हैं।

उन्होंने कहा, "मैं लंबे समय से यश भैया को देख रहा हूं। मैंने उनसे सीखा है कि स्टंप की लाइन में आती गेंद को कैसे डिफेंड करना है। मैं नेट्स में अक्सर उनके साथ अभ्यास करता हूं और देखता हूं कि वह ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद को कैसे छोड़ते हैं और ड्राइव कैसे लगाते हैं। मुझे लगता है कि हमारी बल्लेबाज़ी शैली काफ़ी मिलती-जुलती है।"

करुण नायर पिछले सीज़न तक विदर्भ की टीम में थे लेकिन इस सीज़न वह कर्नाटका की टीम में लौट आए हैं। इसलिए अब विदर्भ की टीम में मालेवार की ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है।

मालेवार ने कहा, "मैंने पिछले साल अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि मैं नंबर 3 अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकता हूं। (नायर की गैरमौजूदगी) का मतलब है कि मुझ पर और ज़्यादा ज़िम्मेदारी है। शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ के तौर पर मुझे ठोस नींव रखनी होगी। मुझे नई गेंद का सामना करना होगा और प्रयास करना होगा कि लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करूं।"

मालेवार 16 पारियों में से आठ बार 100 से ज़्यादा गेंदों का सामना किया है। वह अपनी खु़द की बल्लेबाज़ी शैली विकसित करना चाहते हैं। उन्हें सभी तरह के शॉट्स अच्छे लगते हैं। उनके तीन आदर्श हैं, और वह अच्छी तरह जानते हैं कि किससे क्या पूछना है।

"सचिन तेंदुलकर सर, विराट कोहली और केएल राहुल मेरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं। मैंने सचिन सर को दूर से देखा है, लेकिन अब तक मुलाक़ात नहीं हुई। मुझे पता है कि जब भी मुझे इनसे बात करने का मौक़ा मिलेगा तो मैं सचिन सर से ड्राइव के बारे में पूछूंगा, केएल राहुल से अपनी समग्र बल्लेबाज़ी पर सलाह लूंगा, और विराट भैया से मानसिक मजबूती के बारे में पूछूंगा। मैं अच्छी तैयारी करके ही उनसे मिलने जाऊंगा!"

यानी साफ़ सोच, स्पष्ट लक्ष्य और बेहतरीन आत्मविश्वास - यही है युवा दानिश मालेवार की असल पहचान

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