राठौड़ और जैन ने दिलाया सेंट्रल ज़ोन को दलीप ट्रॉफ़ी ख़िताब
सेंट्रल ज़ोन 511 (राठौड़ 194, पाटीदार 101, जैन 69, गुरजपनीत 4-124) और 66 पर 4 (वाडकर 19*, राठौड़ 13*, गुरजपनीत 2-21) ने साउथ ज़ोन 149 (तन्मय 31, जैन 5-49, कार्तिकेय 4-53) और 426 (अंकित 99, सिद्धार्थ 84*, कार्तिकेय 4-110, जैन 3-130) को छह विकेट से हराया
यश राठौड़ के करियर की सर्वश्रेष्ठ 194 रनों की पारी, सारांश जैन के पहली पारी में बल्ले से 69 रन और 179 रन देकर 8 विकेट लेने के साथ-साथ रजत पाटीदार के तेज़ 101 रनों की बदौलत सेंट्रल ज़ोन ने लगभग 11 सालों में दलीप ट्रॉफ़ी में पहली ख़िताबी जीत दर्ज की। आखिरी दिन सिर्फ़ 65 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सेंट्रल ज़ोन ने चार विकेट गंवा दिए, लेकिन अक्षय वाडकर और राठौड़ ने धैर्य बनाए रखते हुए बेंगलुरु स्थित BCCI सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में साउथ ज़ोन को छह विकेट से हरा दिया।
पांचवें दिन सुबह बाएं हाथ के स्पिनर अंकित शर्मा के लिए गेंद काफ़ी पकड़ और उछाल लेने वाली थी, जबकि तेज़ गेंदबाज़ गुरजपनीत सिंह ने भी साउथ ज़ोन की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए पर्याप्त मूवमेंट हासिल किया। दोनों ने दो-दो विकेट लिए, लेकिन 65 रनों का लक्ष्य कभी भी मुश्किल नहीं होने वाला था।
दानिश मालेवर ने मिडविकेट पर क्लिप लगाकर दो रन बनाए, लेकिन जल्द ही अंकित की एक गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेट के पीछे चली गई। अंकित की यह एक हल्की सी ऊपर की ओर उछाली गई गेंद थी जो पिच हुई और मालेवर से तेज़ी से दूर मुड़ी, जिसे उन्होंने एक अनिश्चित ड्राइव के लिए मजबूर किया।
शुभम शर्मा ने गुरजपनीत की गेंद पर लगातार दो चौके लगाए। पहले उनकी गेंद विकेटकीपर मोहम्मद अज़हरुद्दीन के दाईं ओर गई और फिर गेंद का बाहरी किनारा लेकर गली के पार चली गई। हालांकि, अगली ही गेंद पर शुभम की किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया जब वह गुरजपनीत की फुल लेंथ आउटस्विंगर पर गए, लेकिन गेंद बाहरी किनारा लेकर अज़हरुद्दीन के पास ही पहुंच गई।
चौथे नंबर पर प्रमोशन पर आए जैन ने गुरजपनीत की गेंद को पहले प्वाइंट के ऊपर से खेला, लेकिन अगली ही गेंद पर बल्ले का मोटा अंदरूनी किनारा लेकर उनके पैड पर लग गई, शॉर्ट लेग पर एक आसान कैच लपक लिया गया, जिससे सेंट्रल का स्कोर 24 रन पर 3 विकेट हो गया।
पाटीदार ने शुरुआत में कई बार शॉट खेला और चूके, लेकिन सेंट्रल ने आक्रामक रुख अपनाना जारी रखा, यहां तक कि वाडकर ने अंकित को बैकफुट से मिडविकेट पर खेला और फिर गुरजपनीत को स्क्वायर ड्राइव पर लगाई।
पाटीदार स्टंपिंग के एक मौके़ से बच गए, और सुबह की नमी सूखने के बाद, उन्होंने कुछ और शॉट खेले, ख़ासकर अंकित के खिलाफ मिड ऑफ़ के बाईं ओर दो शानदार ऑन द अप ड्राइव। लेकिन सेंट्रल से 16 रन दूर रहते हुए, अंकित की सीधी गेंद पर स्वीप शॉट को लगाने के प्रयासा में वह मिडऑन पर लपके गए।
वाडकर ने लक्ष्य को दहाई के आंकड़े के नीचे पहुंचाया, लेकिन राठौड़ ने वी कौशिक की गेंद को कवर्स में पंच करके विजयी रन बनाया और खेल 20.3 ओवर में समाप्त हो गया। यह सेंट्रल का सातवां दलीप ट्रॉफ़ी ख़िताब (एक साझा सहित) था, और 2014-15 सीज़न के बाद उनका पहला ख़िताब था, जहां उन्होंने साउथ को भी हराया था।
आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।