कॉन्स्टास के बाद फ़िलिपे ने भी लगाया शतक, दूसरा दिन भी ऑस्ट्रेलिया ए के नाम
भारत ए 116/1 (जगदीशन 50*, ईश्वरन 44, स्कॉट 9/1), ऑस्ट्रेलिया ए (फ़िलिपे 123*, कॉन्सटास 109, दुबे 3/141) से 416 रन पीछे
भारत ए-ऑस्ट्रेलिया ए के बीच लखनऊ में चल रहे पहले अनाधिकृत टेस्ट मैच का दूसरा दिन भी ऑस्ट्रेलिया ए और उनके बल्लेबाज़ों के नाम रहा। सैम कॉन्सटास के बाद मैच के दूसरे दिन उनके विकेटकीपर बल्लेबाज़ जॉश फ़िलिपे ने भी शानदार आतिशी शतक लगाया और अपने टीम को 500 के पार ले गए। तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर लियन स्कॉट (81) और जेवियर बार्टलेट (39) ने उनका बख़ूबी साथ दिया, जिनके साथ फ़िलिपे ने क्रमशः 81 और नाबाद 118 रनों की साझेदारी हुई।
दिन की शुरूआत नियत समय से आधे घंटे पहले हुई ताकि पहले दिन के खेल के नुक़सान को पाटा जा सके। बादल से घिरे दिन में स्कॉट ने अपने कल के स्कोर 47 से आगे खेलना शुरू किया और दिन के दूसरे ओवर में हर्ष दुबे की गेंद पर एक रन लेकर 85 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। वहीं फ़िलिपे ने शुरूआत में थोड़ी सजगता दिखाई और धीमी गति से अपनी पारी को आगे बढ़ाया।
पारी के 80 ओवर समाप्त होने के बाद दिन के आठवें ओवर के दौरान भारत ए ने नई गेंद ली और अपने प्रमुख गेंदबाज़ों प्रसिद्ध कृष्णा और ख़लील अहमद को गेंद थमाई। ख़लील को फ़िलिपे का विकेट मिल जाता, जब वह सिर्फ़ 26 रन पर थे। लेकिन उनकी राउंड द विकेट कोण से बाहरी किनारा लगी गेंद को विकेटकीपर नारायण जगदीशन कैच नहीं कर सके। मैच के पहले दिन भारत ए की तरफ़ से ध्रुव जुरेल ने कीपिंग की थी, लेकिन दूसरे दिन जगदीशन दस्ताने में नज़र आए।
इस मिले जीवनदान का फ़िलिपे ने पूरा फ़ायदा उठाया और भारत ए के किसी भी गेंदबाज़ को नहीं बख़्शा। उन्होंने सिर्फ़ 55 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और उसके बाद उन्होंने अपनी पारी की रफ़्तार को और भी तेज़ कर दिया। उनका ख़ास निशाना पहले दिन के सबसे सफल गेंदबाज़ हर्ष दुबे रहे, जिन पर उन्होंने 93वें ओवर में एक छक्का और तीन चौके सहित कुल 19 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान स्लॉग स्वीप को अपना प्रमुख हथियार बनाया और मिडविकेट की दिशा में बाउंड्रीज़ बटोरे।
अगले ओवर में उन्होंने तनुष कोटियान पर एक छक्के और दो चौके सहित कुल 14 रन जोड़े और अपने स्कोर को 99 तक ले गए। फिर 95वें ओवर में दुबे की गेंद को ऑफ़ साइड में कवर की दिशा में एक रन के लिए भेज अपना शतक पूरा किया। उन्होंने अपने दूसरे 50 रन के लिए सिर्फ़ 22 गेंदें लीं और 16 चौकों और दो छक्कों के साथ अपना शतक पूरा किया। इस दौरान तेज़ गेंदबाज़ ज़ेवियर बार्टलेट ने उनका बख़ूबी साथ दिया और छह रन पर ख़लील अहमद द्वारा फ़ाइन लेग पर कैच छूटने के बाद ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की। उन्होंने अपनी 39 रनों की पारी के लिए सिर्फ़ 24 गेंदें ली और पांच चौके व दो गगनचुंबी छक्के जड़े।
भारत की तरफ़ से गुरनूर बराड़ को दिन की एकमात्र सफलता मिली, जब 88वें ओवर में उनकी फ़ुलर गेंद को ड्राइव करने के चक्कर में स्कॉट उसे नीचे नहीं रख सके और भारत ए के कप्तान श्रेयस अय्यर ने मिड ऑफ़ पर आसान कैच लपका। बराड़ को दिन का दूसरा विकेट भी मिल जाता, लेकिन बार्टलेट की मिसटाइम पुल शॉट को ख़लील डीप फ़ाइन लेग पर नहीं पकड़ सके। उस समय बार्टलेट सिर्फ़ छह रन पर खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया ए ने लंच से ठीक पहले छह विकेट पर 513 रन पर अपनी पारी घोषित की।
भारत ए को उनके सलामी बल्लेबाज़ों अभिमन्यु ईश्वरन और नारायण जगदीशन ने धीमी शुरूआत दी। दोनों ने ऑफ़ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को कीपर के लिए छोड़ा और स्टंप पर आती गेंदों को बल्ले से सम्मान दिया। पारी के दूसरे ओवर में बार्टलेट की एक गेंद को ईश्वरन आफ़ साइड में ब्लॉक कर रन लेने के लिए दौड़े, लेकिन कवर की दिशा से आया सीधा थ्रो नॉन स्ट्राइकर एंड पर लग गया। हालांकि वह भाग्यशाली रहें और थर्ड अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया। लंच तक भारत का स्कोर तीन ओवर में तीन रन था।
लंच के ठीक बाद पहले ओवर में जगदीशन ने पारी का पहला चौका लगाया, जब बार्टलेट की पैड पर आती लेंथ गेंद को उन्होंने मिड ऑन के बायीं ओर से ऑन ड्राइव किया। ईश्वरन ने छठे ओवर में पहली बार हाथ खोले और बार्टलेट की फ़ुलर गेंद को कवर की दिशा में ड्राइव करते हुए चौके के लिए भेजा। इसके बाद उन्होंने फ़र्गस ओ'नील की अंदर आती फ़ुलर गेंद को मिड विकेट और मिड ऑन के बीच फ़्लिक करते हुए चौका हासिल किया। दोनों बल्लेबाज़ बेहद ही सहजता से खेल रहे थे और लग रहा था कि ये दोनों बल्लेबाज़ भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों की तरह बड़ी पारियां खेलेंगे।
इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ए ने 10वें ओवर में ऑफ़ स्पिनर टॉड मर्फ़ी और 15वें ओवर में कोरी जे को भी आक्रमण पर लगाया, लेकिन दोनों बल्लेबाज़ों ने इनको भी बहुत आसानी से खेला। जगदीशन ने तो कोरी जे को मिडविकेट पर स्लॉग स्वीप करते हुए एक छक्का भी मारा, लेकिन 22वें ओवर में अभिमन्यु, स्कॉट की एक अंदर आती गेंद को ठीक से खेलने से चूक गए और अंदरूनी किनारा लेकर गेंद विकेटों पर लग गई। इस तरह से वह एक अच्छी शुरूआत को बड़े स्कोर में बदलने से रह गए और 44 रन पर निराश होकर पवेलियन वापस लौटे।
अभिमन्यु के आउट होने के बाद जगदीशन को उनके राज्य के साथी साई सुदर्शन का पूरा साथ मिला। उन्होंने टी से ठीक पहले 95 गेंदों पर पांच चौकों और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि 27 गेंदों में तीन चौकों की मदद से से 20 रन बनाकर सुदर्शन उनका साथ दे रहे थे। दोनों के बीच अब तक 53 गेंदों में नाबाद 28 रनों की साझेदारी हो चुकी है।
टी की घोषणा होते ही ज़ोरदार बारिश शुरू हो गई और खिलाड़ियों को दौड़कर पवेलियन जाना पड़ा। बारिश इतनी तेज़ थी कि दिन में आगे का खेल नहीं हो सका और तीसरे दिन फिर से एक बार खेल आधे घंटे जल्दी से शुरू होगा। भारत ए के बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया ए के पहाड़ से स्कोर के क़रीब पहुंचना चाहेंगे, वहीं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों की नज़रें जल्द से जल्द विकेट हासिल कर बड़ी बढ़त लेने पर होगी।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95