एडिलेड में सीरीज़ जीतने पर होंगी ऑस्ट्रेलिया की निगाहें
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ऑस्ट्रेलियाई समर सीज़न जिसे संभवतः अब तक का सबसे बड़ा क्रिकेट सीज़न बताया जा रहा है पर्थ में लगातार फुहारों के कारण कुछ फ़ीका पड़ गया, जब पहला वनडे मुक़ाबला लगभग भुला देने लायक साबित हुआ।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर से कम चले मैच में भी पूरी तरह दबदबा बनाए रखा और अब एडिलेड में जीत दर्ज करके तीन मैचों की सीरीज़ अपने नाम करने की कोशिश करेगा। पर्थ की लगातार बारिश से परेशान रहे दर्शकों की याद से भले ही यह मैच मिट जाए, लेकिन दोनों टीमों के लिए कुछ अहम सीखें ज़रूर रहीं।
ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी राहत रही जॉश हेज़लवुड और मिचेल स्टार्क की नई गेंद से शानदार शुरुआत। दोनों ने भारत के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया, इससे पहले कि मौसम ने खेल बिगाड़ा। खासकर हेज़लवुड ने अतिरिक्त उछाल और गति का भरपूर फायदा उठाया उस मैदान पर, जो एक महीने बाद ऐशेज़ का पहला टेस्ट आयोजित करेगा।
पैट कमिंस के ऐशेज़ ओपनर से बाहर रहने की संभावना के चलते हेज़लवुड का महत्व और बढ़ गया है। पिछले कुछ वर्षों की चोटों के बाद वे पूरी तरह फ़िट दिखे और पहले वनडे में अपनी लय में लौटे। भले ही इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में हर बातचीत ऐशेज़ के इर्द-गिर्द घूम रही हो, लेकिन यह सीरीज़ जीतना ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि टीम 50-ओवर क्रिकेट में निरंतरता हासिल करना चाहती है।
वनडे पदार्पण करने वाले मैथ्यू रेनशॉ और मिचेल ओवेन ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि टीम के रडार पर बने रहने वाले खिलाड़ियों मैट कुनमन और जॉश फ़िलिपे ने भी टीम की बेंच स्ट्रेंथ को मजबूती दी, जो 2027 विश्व कप की तैयारी के लिहाज़ से उत्साहजनक संकेत है।
भारत के लिए हालांकि पहले वनडे से बहुत कुछ सकारात्मक नहीं निकला, सिवाय इसके कि डेब्यू करने वाले नीतीश कुमार रेड्डी ने अंत में छोटी लेकिन प्रभावशाली पारी खेली और बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह ने नई गेंद से शानदार स्पेल डाला।
विराट कोहली और रोहित शर्मा अपनी वापसी पर संघर्षरत दिखे, जबकि शुभमन गिल अपने वनडे कप्तानी पदार्पण में असफल रहे। चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बाद भारत की 50-ओवर प्रारूप में यह वापसी थी और जिन खिलाड़ियों ने हाल ही में दिल्ली टेस्ट (जो 14 अक्टूबर को खत्म हुआ) खेला था, उनके लिए यह बेहद समय का आभाव साबित हुई।
एडिलेड में भारत निश्चित रूप से और अधिक चुनौतीपूर्ण रूप में उतरेगा और उतरना भी होगा अगर उसे सीरीज़ को निर्णायक मैच तक ले जाना है। पर्थ की तरह ही, एडिलेड में भी खचाखच भरे स्टेडियम में अधिकतर दर्शक 'ब्लू जर्सी' में दिखेंगे, जो भारत की क्रिकेट ताकत का एक और प्रमाण होगा।
फ़ॉर्म गाइड
ऑस्ट्रेलिया WWLLL (आखिरी पांच पूरे हुए मैच, हालिया सबसे पहले)भारत LWWWW
इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें
जहां ऐशेज़ टीम के खिलाड़ी सुर्खियों में हैं, वहीं मैथ्यू शॉर्ट कुछ हद तक रडार से बाहर रहे हैं। वे लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया की सीमित ओवरों की टीम के दरवाज़े पर हैं, लेकिन अस्थिर प्रदर्शन और हाल की चोटों ने उन्हें पीछे किया है। रेनशॉ और फ़िलिपे के विपरीत, शॉर्ट पहले वनडे में मौक़े का फ़ायदा नहीं उठा पाए। वह 17 गेंदों पर सिर्फ़ 8 रन बनाकर अक्षर पटेल की गेंद पर आउट हो गए। हालांकि, वह अपने पसंदीदा एडिलेड ओवल मैदान पर एक और मौक़ा पाने की उम्मीद में हैं, जहां उन्होंने BBL में एडिलेड स्ट्राइकर्स के लिए शानदार रिकॉर्ड बनाया है। बल्लेबाज़ी क्रम में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच उन्हें बड़ा स्कोर करना ही होगा।
रोहित शर्मा पर्थ में हेज़लवुड की धार के सामने टिक नहीं पाए और 8 रन पर स्लिप में कैच दे बैठे। आईपीएल के बाद मैदान पर वापसी में वह थोड़ा संघर्षरत दिखे, लेकिन दौड़ते समय उनकी फ़िटनेस झलकी। एडिलेड में नेट्स पर वह लगातार अभ्यास कर रहे हैं ताकि पुराने तेवर वापस पा सकें और अगले विश्व कप तक खेलने की अपनी क्षमता पर उठ रहे सवालों को शांत कर सकें।
आंकड़े और रोचक तथ्य
- विराट कोहली को कुमार संगाकारा को पीछे छोड़कर वनडे में सर्वाधिक रनों के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए 54 रन चाहिए।
- ट्रैविस हेड को 3000 वनडे रन पूरे करने के लिए 50 रन की जरूरत है।
- मिचेल स्टार्क 250 वनडे विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली और शेन वॉर्न की सूची में शामिल होने से सिर्फ़ पांच विकेट दूर हैं।
- ऑस्ट्रेलिया ने जनवरी 2008 के बाद से एडिलेड में भारत को किसी भी वनडे में नहीं हराया है। 2011 और 2019 में भारत ने दोनों मौक़ों पर सफ़लतापूर्वक लक्ष्य का पीछा किया था।
Tristan Lavalette is a journalist based in Perth