भारतीय स्पिन ने बुझाई ऑस्ट्रेलिया की 'पावर प्ले' आग

गोल्ड कोस्ट में खेले गए चौथे T20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारतीय स्पिनरों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट झटके

ग्लेन मैक्सवेल को वरुण चक्रवर्ती ने किया क्लीन बोल्ड © Cricket Australia via Getty Images

भारत से गोल्ड कोस्ट में मिली हार ने ऑस्ट्रेलिया के लिए एक दिलचस्प आंकड़ा बनाया। यह पहला मौक़ा था जब उन्होंने 2024 टी20 विश्व कप से बाहर होने के बाद लगातार दो T20 अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले गंवाए हैं। तब भी सुपर आठ के मैच में अफ़ग़ानिस्तान से हारने के बाद उनकी हार भारत के ही हाथों सेंट लूसिया में हुई थी।

यह आंकड़ा बताता है कि ऑस्ट्रेलिया इस फ़ॉर्मेट में अब तक काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। उस विश्व कप के बाद उन्होंने अपने 21 पूरे हुए T20 मुक़ाबलों में से 17 जीते हैं। लेकिन गुरुवार की हार ने उनके खेल के एक पुराने कमजोर क्षेत्र की झलक फिर से दिखा दी। धीमी पिचों पर मददगार हालात में विश्वस्तरीय स्पिन गेंदबाज़ी का सामना करना। वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर ने करारा ओवल पर मिलकर 9.2 ओवर में सिर्फ़ 49 रन देकर छह विकेट चटकाए।

मैच के बाद नेथन एलिस ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमने आज कुछ ज़्यादा गलत किया। हमने वाकई अच्छा क्रिकेट खेला, लेकिन कुछ अहम मौक़ों पर हम नाकाम रहे और यही T20 क्रिकेट की हकीकत है। हमें अलग-अलग पिचों पर अलग हालात मिलेंगे। दो रात बाद गाबा की विकेट बिल्कुल अलग होगी। चाहे जीत हो, हार या ड्रॉ हर मैच से कुछ न कुछ सीखना होता है, आज भी ऐसा ही रहा।"

जुलाई के अंत में वेस्टइंडीज़ से शुरू हुई इस लंबी T20 स्ट्रीक में ऑस्ट्रेलिया ने पूरी तरह आक्रामक रणनीति अपनाई है। शुरुआती ओवरों में हमला और टिम डेविड की बल्लेबाज़ी क्रम में तरक्की ने इस टीम को अब तक का सबसे विस्फोटक T20 बल्लेबाज़ी क्रम बना दिया है। वेस्टइंडीज़ में कुछ लड़खड़ाहट और साउथ अफ़्रीका में थोड़ी मुश्किलों के बावजूद, वे ज्यादातर मुकाबलों में आगे ही बढ़ते रहे।

वेस्टइंडीज़ के स्पिनरों ने पांच मैचों में सिर्फ़ सात विकेट लिए और 9.66 की इकॉनमी से रन ख़र्च किए। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ स्पिनरों पर उन्होंने 8.93 रन प्रति ओवर बनाए और तीन पारियों में सिर्फ़ पांच विकेट गंवाए। न्यूज़ीलैंड में तो घरेलू गेंदबाज़ों ने तीन मैचों में छह ओवर स्पिन के फेंके बिना किसी विकेट के और 60 रन देकर।

लेकिन भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़, स्वाभाविक रूप से अलग कहानी साबित हो रही है। भारत के पास T20 क्रिकेट के सबसे गहरे और विविध स्पिन संसाधन हैं। इस कदर कि वे सीरीज़ के बीच में ही कुलदीप यादव को रिलीज़ कर सकते हैं और फिर भी तीन विशेषज्ञ स्पिनर (जिनमें से दो बल्लेबाज़ भी हैं) खेलने के लिए मौजूद रहते हैं।

कैनबरा में बारिश से प्रभावित शुरुआत के बाद भारतीय स्पिनरों ने सीरीज़ पर अपना असर छोड़ दिया। तीन मैचों में उन्होंने 7.71 की इकॉनमी रेट से 12 विकेट लिए हैं। MCG में हार के बावजूद, विश्व नंबर 1 वरुण चक्रवर्ती ने टिम डेविड के ख़िलाफ़ मानसिक जंग जीती। होबार्ट में उन्होंने मिच ओवेन को पहली ही गेंद पर बोल्ड कर अपनी क्लास दिखाई।

फिर गोल्ड कोस्ट पर यह स्पिन तिकड़ी पूरी तरह साथ आई। अक्षर ने शुरुआती दबाव बनाया और अहम विकेट लिए, चक्रवर्ती ने ग्लेन मैक्सवेल को उलझाकर मैच लगभग खत्म कर दिया और वॉशिंगटन सुंदर ने निचले क्रम को समेटा।

एलिस ने कहा, "यह पिच तो लगभग भारतीय विकेट जैसी लगी। उनके गेंदबाज़ों को श्रेय देना चाहिए। उन्होंने बेहतरीन गेंदबाज़ी की। मुझे लगता है शुभमन (गिल) ने भी ऐसी पारी खेली जो आजकल T20 क्रिकेट में कम देखने को मिलती है। उन्होंने शुरुआत में धैर्य दिखाया और अंत में टीम को तेज़ी से आगे बढ़ने का मंच दिया।"

अभी यह तय नहीं है कि अगले साल फ़रवरी में भारत और श्रीलंका में होने वाले T20 विश्व कप में स्पिनरों की भूमिका कितनी अहम होगी। गुरुवार को ICC ने अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई के साथ कैंडी और कोलंबो को संभावित स्थलों के रूप में चुना है। हालांकि शेड्यूल अब तक तय नहीं हुआ है। फिर भी यह मान लेना मुश्किल नहीं कि इतने लंबे टूर्नामेंट में कुछ पिचें ऐसी ज़रूर होंगी जो ऑस्ट्रेलिया की रणनीति और तकनीक की सख़्त परीक्षा लेंगी।

एंड्रयू मैकग्लाशन ESPNcricinfo में डिप्यूटी एडिटर हैं

Comments