टीम संयोजन या ख़राब फ़ॉर्म? गिल के विश्व कप दल से बाहर होने की वजह
विश्व कप के लिए दल चुनना कभी-कभी ज़रूरत से ज़्यादा कठिन हो जाता है। पिछले छह महीने से ऐसा माना जा रहा था कि भारत ने विश्व कप के लिए आपने टीम संयोजन तय कर लिया है। इस टीम संयोजन के साथ उन्होंने एशिया कप और दो द्विपक्षीय सीरीज़ भी जीती इसलिए विश्व कप दल में चौंकाने वाले बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही थी।
इस संयोजन में शुभमन गिल उपकप्तान थे और अपने बचपन के मित्र अभिषेक शर्मा के सलामी जोड़ीदार थे। रिंकू सिंह का टीम से बाहर होना दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि उन्होंने कोई ख़राब प्रदर्शन नहीं किया था।
लेकिन अंतिम समय पर सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में 517 रन बनाकर झारखंड को पहली बार यह ख़िताब दिलाने वाले इशान किशन को विश्व कप दल में जगह मिल गई। गिल को अपने एक अन्य मित्र किशन के लिए जगह बनानी पड़ी। इस फ़ैसले के कारण रिंकू के लिए भी दरवाज़े खुल गए और जितेश शर्मा को दल से बाहर जाना पड़ा।
गिल को इस साल चोटों का भी सामना करना पड़ा लेकिन वह घर पर विश्व कप का हिस्सा ज़रूर बनना चाहते रहे होंगे। जितेश ने भी विकेटकीपिंग से लेकर बल्लेबाज़ी में अपना 100 फ़ीसदी दिया इसलिए यह उनके लिए भी दुखद फ़ैसला होगा। यशस्वी जायसवाल के बारे में भी सोचिए जो पिछले विश्व कप दल का हिस्सा थे लेकिन सीनियर बल्लेबाज़ों के चलते उनकी जगह नहीं बन पाई। जब आगामी विश्व कप के लिए दल के निर्माण की शुरुआत हुई तो उनके ऊपर गिल को तरजीह दी गई और अब किशन इस रेस में उनसे आगे निकल गए।
चयन होने के बाद दिल तो टूटते ही हैं वो भी भारत जैसे देश में जहां तीन चार खिलाड़ियों को छोड़कर लगभग हर खिलाड़ी के विकल्प के तौर पर पर्याप्त विकल्प मिल जाते हैं। इसलिए यह निर्णय वाले लोग भावनाओं में नहीं बह सकते। क्योंकि इस प्रारूप में किसी भी अन्य प्रारूप की तुलना में फ़ॉर्म कहीं अधिक मायने रखता है।
कप्तान और मुख्य चयनकर्ता ने कहा कि वह चाहते थे कि दोनों विकेटकीपर एक ही स्थान पर बल्लेबाज़ी कर पाएं ताकि भारत रिंकू सिंह की सेवा से वंचित न हो सके। उन्होंने गिल को बाहर करने का यही कारण गिनाया। हालांकि T20I की पिछली 15 पारियों में गिल ने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है।
अगर गिल ने अपने IPL प्रदर्शन (150.87 के स्ट्राइक रेट से 650 रन) को दोहरा दिया होता तो संभव है कि उन्हें रिंकू की ज़रूरत महसूस नहीं हुई होती। एशिया कप में भी टीम मैनेजमेंट ने मध्य क्रम में रिंकू से ऊपर संजू सैमसन से बल्लेबाज़ी कराई थी।
घरेलू क्रिकेट में T20 में किशन की फ़ॉर्म ने गिल को बाहर करने का कारण दिया है लेकिन यह स्पष्ट है कि गिल को उनकी मौजूदा फ़ॉर्म के चलते ही विश्व कप दल से बाहर रखा गया है। यह ऐसी बातें हैं जिन्हें अनकहा ही रहना चाहिए क्योंकि इस समय ख़ुद कप्तान सूर्यकुमार यादव का फ़ॉर्म अच्छा नहीं है।
हालांकि गिल की तुलना में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूर्यकुमार का रिकॉर्ड बेहतर है और इसके अलावा सूर्यकुमार जैसा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी बहुत कम हैं। गिल के स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा भी अधिक है। उदाहरण के तौर पर सैमसन पहले से ही दल में मौजूद थे।
इसलिए टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं ने गिल के मौजूदा फ़ॉर्म को देखते हुए ही यह निर्णय लिया है। सैमसन ने वापसी करते हुए अपनी पारी से सभी को प्रभावित किया है। लेकिन वह अपने खेल को लेकर उठ रही सभी चिंताओं को दूर नहीं कर पाए। जब फ़ील्ड आगे थी तब सैमसन ने तेज़ी से रन बनाए जैसा कि हमेशा से होते आया है लेकिन पावरप्ले के बाद उन्होंने नौ गेंदों पर सिर्फ़ 10 रन बनाए। पावरप्ले के बाद लगातार रन बनाने की गिल की क्षमता ने ही उन्हें सैमसन और जायसवाल से आगे रखा था।
भारत अभी भी कहीं बेहतर T20 दल है और वह आगामी विश्व कप के प्रबल दावेदार के तौर पर विश्व कप की शुरुआत करेगी। या ऐसा कह सकते हैं कि एक ऐसे अस्थिर प्रारूप में जहां ओस की वजह से मुक़ाबला और अस्थिर हो जाता है, उस प्रारूप में भारत उतनी मज़बूत निश्चित तौर पर है जितना कोई टीम हो सकती है। यह एक चयन से बदल नहीं जाता लेकिन वह गिल की उच्च क्षमता को छोड़ने के लिए तैयार हैं ताकि वह जितेश की जगह रिंकू को शामिल कर सकें और जितना संभव हो लाभ उठा सकें। ऐसी स्थिति में रिंकू या जितेश में से किसी एक की जगह बन सकती थी क्योंकि छठे गेंदबाज़ के रूप में वॉशिंगटन सुंदर या शिवम दुबे के विकल्प के साथ भारत समझौता नहीं कर सकता। और छह महीने पहले गिल के साथ बड़ा दांव खेलने के विपरीत यह एक फ़ैसला है जिससे वह पीछे नहीं हट सकते।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के वरिष्ठ लेखक हैं।