कुलदीप की जांबाज़ी से दिल्ली को मिली चौथी जीत
दिल्ली कैपिटल्स 150 पर 6 (वॉर्नर 42, पॉवेल 33*) ने कोलकाता नाइट राइडर्स 146 पर 9 (राणा 57, श्रेयस 42, कुलदीप 4-14, मुस्तफिज़ुर 3-18) को 4 विकेट से हराया
कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहते हुए पिछले साल कुलदीप यादव को एक भी आईपीएल मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। कारण था कि वह पिछले दो आईपीएल में 45 ओवर में केवल पांच विकेट ही ले पाए थे। इस साल कोलकाता के ख़िलाफ़ मात्र सात ओवर करते हुए कुलदीप ने आठ विकेट निकाल लिए और उन्हें दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ सीज़न दूसरी हार के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, यह भी चर्चा का विषय हो सकता है कि उन्हें अभी भी एक ऐसे कप्तान का साथ चाहिए जो उनका पूरा इस्तेमाल कर सके : उन्होंने चार विकेट लेने के बाद भी केवल तीन ही ओवर डाले क्योंकि उस वक़्त दो बायें हाथ के बल्लेबाज़ क्रीज़ पर थे।
इस पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर का नितीश राणा ने जमकर इस्तेमाल किया और उन्हें एक लय मिल गई। नतीज़ा रहा कोलकाता 30 गेंद में 50 रन बनाने में क़ामयाब रहे और कोलकाता 146 रन तक पहुंच गया, लेकिन यह दिल्ली की पावर पैक बल्लेबाज़ी क्रम के लिए ज़्यादा नहीं था। डेविड वॉर्नर ने अच्छी शुरुआत दिलाई और 26 गेंद में 42 रन बनाए। जब लग रहा था कि वह इस लक्ष्य का आसानी से पीछा कर लेंगे, उस समय पर दिल्ली ने लगातार विकेट दिलाए। अंत में रोवमन पॉवेल और अक्षर पटेल की साझेदारी ने दोबारा से दिल्ली को मैच में ला दिया और टीम एक ओवर रहते जीत गई।
शुरुआती स्विंग
मुस्तफिज़ुर रहमान और चोटिल खलील अहमद की जगह टीम में शामिल गए चेतन साकरियाा ने नई गेंद से स्विंग कराई, जिससे कोलकाता के बल्लेबाज़ों को मूमेंटम नहीं मिल पाया। वेंकटेश अय्यर दोबारा से ओपनिंग पर लौटे और यहां भी संघर्ष करते दिखे। दूसरे ओपनर ऐरन फ़िंंच, साकरिया पर दबाव बनाना चाहते थे लेकिन एक शानदार इनस्विंग उनके स्टंप्स ले उड़ी। जब वेंकटेश आख़िरकार पैडल स्वीप लगा पाए तो गेंद सीधा शॉर्ट फ़ाइन लेग के हाथों में चली गई। 4.3 ओवर में कोलकाता 22 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी।
कुलदीप का जादू
जब कुलदीप गेंदबाज़ी करने आए तो कोलकाता का स्कोर सात ओवर में दो विकेट पर 35 रन था, जिसका मतलब था कि बल्लेबाज़ पहले से ही पूरी तरह से दबाव में थे। डेब्यू कर रहे बाबा इंद्रजीत ने उन पर लांग ऑन पर छक्का लगाना चाहा लेकिन वह गेंद के इतने क़रीब पहुंच गए कि वह लांग ऑन को पार नहीं कर सके। अभी भी पारी में तेज़ी लाने की ज़रूरत थी और कोलकाता ने सुनील नारायण को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा लेनिक कुलदीप ने गुगली पर उन्हें फंसा लिया, वह डिफेंस करने जा रहे थे लेकिन मिस कर गए और गेंद सीधा पैड पर जा लगी। इसके बाद राणा ने फ्रंटफुट डिफेंस करके कुलदीप की हैट्रिक नहीं होने दी।
11वें ओवर तक केवल तीन ही बाउंड्री लगी थी, ये सभी चौके थे। जैसे ही कोलकाता ने अगले दो ओवर रन बनाना शुरू किया तो दिल्ली दोबारा से कुलदीप को ले गाए। 13वें ओवर में ललित यादव को गेंदबाज़ी देने के फ़ैसले पर सवाल उठा सकते हैं लेकिन 14वें ओवर में उन्होंने बेहतरीन कीपिंग की। कुलदीप की बाहर जाती गेंद पर श्रेयस दूर से ही कट करने गए लेकिन यह गेंद नीची रही और गेंद बल्ले का निचला किनारा लेती हुई विकेट के पीछे गई, जहां पर पंत ने एक हाथ से यह कैच लपका।
तीन गेंद के बाद आंद्रे रसल भी आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलने गए और यह गेंद भी गुगली थी, लेकिन पीछे पंत गेंद को लपक तो नहीं सके लेकिन गेंद उनके हाथ से छिटककर सीधा स्टंप्स पर लग गई और कानूनी तौर पर रसल स्टंपिंग हो गए। अब 14 ओवर तक कोलकाता का स्कोर छह विकेट पर 83 रन था।
राणा ने दिलाई उम्मीद
ऐसे 26 ही मौक़े हैं जब एक स्पिनर को पहले तीन ओवर में तीन या उससे ज़्यादा विकेट मिल जाते है लेकिन दो बार ही ऐसा हुआ है जब उन्हें चौथा ओवर नहीं दिया गया। कुलदीप ऐसे दूसरे गेंदबाज़ बने क्योंकि बायें हाथ के बल्लेबाज़ राणा और रिंकू सिंह के क्रीज़ पर होने की वजह से पंत ने उन्हें चौथा ओवर नहीं सौंपा। राणा ने पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर ललित यादव को जमकर थकाया। राणा को लय मिल गई और इसके बाद 19वें ओवर में शार्दुल की गेंदों पर 16 रन निकाले। इसी वजह से कोलकाता छह विकेट पर 144 रन बनाने में क़ामयाब रही।
आख़िरी ओवर मुस्तफिज़ुर ने कमाल का डाला और तीन विकेट देते हुए केवल एक ही रन दिया।
वॉर्नर की आक्रामक पारी
दिल्ली हमेशा ही लक्ष्य का पीछा ज़ल्दी कर लेती है, ख़ासतौर पर अपने ओपनरों की वजह से लेकिन कोलकाता ने शुरुआती दो ओवर में दो विकेट निकाल लिए थे। उमेश यादव की पहली ही गेंद पर पृथ्वी शॉ फ्लिक करने गए लेकिन बल्ला जल्दी बंद कर लिया और गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई गेंदबाज के बायीं ओर हवा में उछल गई, जहां उमेश ने शानदार कैच लपक लिया। दूसरे ओवर में मिचेल मार्श डेब्यू कर रहे गेंदबाज़ हर्षित राणा पर फ्लिक करने गए लेकिन डीप स्क्वायर लेग पर कैच थमा बैठे।
डेविड वॉर्नर ने एक बार दोबारा बताया कि वह क्यों आईपीएल के दिग्गज बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वह इस वर्ष पावरप्ले में सबसे तेज़ी से रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। वह बिना ज़्यादा रिस्क लिए बाउंड्री निकाल रहे थे, जबकि दूसरे छोर पर ललित यादव रन बनाने के लिए जूझ रहे थे। वह नारायण पर भी पैडल लगाने पर क़ामयाब रहे और जब नितीश राणा ने अपना ओवर ख़त्म किया तो दिल्ली को बस 11 ओवर में 67 रन की ज़रूरत थी।
उमेश और नारायण ने कराई वापसी
कोलकाता के पास अब कोई विकल्प नहीं था। 10वें ओवर में वे उमेश को लेकर आए और एक बेहतरीन बाउंसर पर उन्होंने वॉर्नर का विकेट दिला दिया। 11वें ओवर में नारायण ने ललित को एलबीडब्ल्यू कर दिया। श्रेयस दोबारा उमेश के साथ गए और उन्होंने इस बार पंत का विकेट दिला दिया। अब दिल्ली ने 84 रन पर ही पांच विकेट गंवा दिए थे।
अक्षर और पॉवेल ने दिलाई जीत
ज़रूरी रन रेट अभी भी ज़्यादा नहीं हुआ था और श्रेयस पांचवें गेंदबाज़ का कोटा कराने के लिए रसल और अन्य पार्ट टाइमरों पर उलझे हुए थे। रसल के ओवर में अक्षर ने एक चौका और एक छक्का लगाया तो कोलकाता की परेशानी बढ़ गई थी। इस ओवर की अंतिम गेंद पर अक्षर रन आउट हो गए लेकिन तब भी दिल्ली की जीत के दरवाज़े खुले थे।
पॉवेल और शार्दुल ठाकुर ने नारायण का आख़िरी ओवर ध्यान से खेला, लेकिन हर्षित चोट की वजह से मैदान से बाहर जा चुके थे। ऐसे में श्रेयस ने वेंकटेश से गेंद कराई लेकिन उन्होंने भी एक चौका और एक छक्का खाते हुए ओवर से कुल 14 रन दे दिए। इसके बाद पॉवेल ने साउदी और श्रेयस के ओवर में छक्के लगाते हुए जीत दिला दी।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।