एमपी के लिए नीरस पिच पर दाते और अग्रवाल ने फूंकी जान
बेंगलुरु में शुरू हुई रणजी ट्रॉफ़ी के चार क्वार्टर-फ़ाइनल मैचों में पंजाब और मध्य प्रदेश का मैच सबसे लो-प्रोफ़ाइल माना जा रहा था। इसकी झलक मैदान पर पहुंचते ही मिली जब इसे कवर करने के लिए कुल मिलाकर तीन पत्रकार ही मौजूद थे। जहां कर्नाटका-उत्तर प्रदेश और मुंबई-उत्तराखंड के मैच को दर्शक बाउंड्री वॉल पर बैठकर देख रहे थे, वहीं इस मैच के लिए दर्शकों में भी कोई उत्साह नहीं दिख रहा था।
अलूर के तीन मैदानों में यह मैच जिस मैदान पर खेला जाना था, वह सबसे नीचे था। इसलिए रात की बारिश से गीले हुए मैदान में यह मैच सबसे देर 11.30 बजे से शुरू हो सका। हालांकि सिर्फ़ मैदान ही गीला था, पिच में ऐसा कुछ नहीं था जिसे देखकर कोई भी कप्तान टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला करे। पंजाब के कप्तान अभिषेक शर्मा ने भी टॉस जीतकर अपने मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम और बेजान पिच को देखते हुए पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया।
एमपी के तेज़ गेंदबाज़ों ने पहले ही कुछ ओवर में पिच को पढ़ लिया। पिच पर स्विंग उपलब्ध ना पाते उन्होंने अपनी लेंथ में बदलाव किया और बैक ऑफ़ लेंथ और छोटी गेंदों पर फ़ोकस करने लगे। इसके अलावा उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में अच्छा मिश्रण किया और लेंथ में अचानक बदलाव करते हुए भी बल्लेबाज़ों को चकमा देते हुए विकेट लिए।
सबसे पहले शुभमन गिल पर आते हैं जिनके पास बर्मिंघम टेस्ट से पहले अभ्यास करने का पूरा मौक़ा था। गुजरात टाइटंस के लिए आईपीएल ख़िताब जीतकर आ रहे शुभमन ने एक स्ट्रेट ड्राइव और कलाईयों के सहारे डीप फ़ाइन लेग पर फ़्लिक लगाकर बड़ी पारी खेलने इरादा जताया लेकिन पांचवे ही ओवर में दो साल बाद प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे पुनीत दाते की लेंथ गेंद को पढ़ने में गच्चा खा गए। अंदर आती गेंद को उन्होंने बल्ला उठाकर छोड़ने की ग़लती की और गेंद उनका ऑफ़ स्टंप उड़ा ले गई। यह किसी भी गेंदबाज़ के लिए एक ड्रीम गेंद और ड्रीम विकेट होता है।
पंजाब कप्तान और सलामी बल्लेबाज़ अभिषेक अपने आईपीएल फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हुए अच्छा खेल दिखा रहे थे। उन्होंने 65 गेंदों में पांच चौकों और दो गगनचुंबी छक्कों की मदद से 47 रन बनाकर बेहतरीन शुरूआत की जब उन्हें दाते ने बेहतरीन योजना के साथ आउट किया। पारी के 24वें ओवर में पुनीत ने अभिषेक को ज़्यादातर शॉर्ट और बैक ऑफ़ लेंथ से गेंदबाज़ी की और ओवर के पांचवी गेंद पर एक बेहतरीन बाउंसर भी मारा। छठी गेंद पर उन्होंने एक फ़ुल लेंथ गेंद फेंकी, जिसे लालच में आकर अभिषेक ड्राइव करने गए, बाहरी किनारा लगा और पहले स्लिप में रजत पाटीदार ने गेंद को कैच करने में कोई ग़लती नहीं की।
आईपीएल से अच्छे फ़ॉर्म में आ रहे पाटीदार के लिए मैदान में यह एक साधारण दिन था और उन्होंने स्लिप में दो कैच टपकाए। अभिषेक के अलावा उन्होंने पारी के 33वें ओवर में कुमार कार्तिकेय की गेंद पर स्लिप में ही गुरकीरत सिंह का भी कैच टपकाया। कुल मिलाकर फ़ील्ड में एमपी की पूरी टीम के लिए भी यह ख़राब दिन था और उन्होंने चार कैच टपकाए। आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए प्रभावित करने वाले कार्तिकेय सबसे दुर्भाग्यशाली रहे और उनकी गेंदों पर दो कैच टपके।
दाते ने अभिषेक की तरह ही पंजाब के अनुभवी अनमोलप्रीत सिंह को भी छकाते हुए पहले उन्हें छोटी और बैक ऑफ़ लेंथ गेंदों से परेशान किया और फिर एक ऊपर गेंद डालकर ड्राइव के लिए ललचवाते हुए मिड ऑफ़ पर लपकवा दिया। यह बल्लेबाज़ की हार से अधिक गेंदबाज़ की जीत थी। दाते के खाते में अब पंजाब के शीर्ष तीन बल्लेबाज़ों के विकेट थे।
जहां पहले सत्र में दाते छाए रहे, वहीं दूसरा व तीसरा सत्र एक और तेज़ गेंदबाज़ अनुभव अग्रवाल के नाम रहा। एमपी की तरफ़ से गेंदबाज़ी की शुरुआत अनुभव और दाते ने की थी। अनुभव ने अपने पहले स्पेल में कुल तीन ओवर किए, लेकिन इस स्पेल में उनकी लय कुछ ख़ास नहीं थी और वह बल्लेबाज़ों को किसी तरह से भी परेशान भी नहीं कर पाए। हालांकि गेंद जैसे-जैसे पुरानी होती गई, इस पिच पर दोहरा उछाल और गति देखने को मिला। अनुभव ने इसका पूरा फ़ायदा उठाते हुए तीन विकेट झटके। 30वें ओवर में पहले उन्होंने मंदीप सिंह को एक लेंथ गेंद पर आउट किया और फिर सनवीर सिंह को स्लिप में कैच आउट कराया। इसके बाद उन्होंने बलतेज सिंह को कीपर के हाथों कैच आउट करवा कर पंजाब की पारी को समाप्त किया।
अगर स्कोरकार्ड को देखें तो एमपी के सबसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ गौरव यादव को सिर्फ़ एक विकेट मिला, लेकिन किसी ने सच ही कहा है कि कई बार आंकड़ें पूरा सच नहीं बोलते। पहले सत्र के जिस ओवर में अभिषेक का कैच छूटा था, उस ओवर में गौरव ने अभिषेक और अनमोलप्रीत दोनों को अपनी स्विंग से परेशान किया और कम से कम तीन बार बल्ले का भीतरी या बाहरी किनारा लगा। हालांकि उन्हें अपने पहले व दिन के एकमात्र विकेट के लिए शाम तक का इंतज़ार करना पड़ा, जब पारी के 62वें ओवर में उन्होंने मयंक मार्कंडेय का डंडा उड़ाया।
पारी के ब्रेक के दौरान बात करते हुए गौरव ने बताया कि पिच में कुछ ख़ास नहीं है और यह एकदम फ़्लैट है। गेंदबाज़ों को विकेट लेने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ रहे हैं।
एमपी के तेज़ गेंदबाज़ों की इस सफलता के पीछे उनके कप्तान आदित्य श्रीवास्तव का भी पूरा योगदान था, जिन्होंने अपने सभी गेंदबाज़ों से छोटे-छोटे स्पेल में गेंदबाज़ी कर रहे थे। तीनों तेज़ गेंदबाज़ों को जब भी गेंद थमाई गई, ऐसा लगा ही नहीं कि वे थके हुए हैं। ऐसे में तेज़ गेंदबाज़ों ने कभी भी बल्लेबाज़ों को खुल कर शॉट लगाने का मौक़ा नहीं दिया और पूरे निरंतरता के साथ सटीक गेंदबाज़ी की। कुल मिलाकर यह एमपी के ऐसी गेंदबाज़ी क्रम का दिन था, जिन्होंने अनुभवी ईश्वर पांडे और आईपीएल के नए सितारे कुलदीप सेन की चोट के कारण अनुपस्थिति में भी टीम को पहले ही दिन विजयपथ पर ला खड़ा कर दिया है।
दया सागर और राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं