हरमनप्रीत : भारतीय टीम सभी प्रारूपों में दबदबा बनाने से दूर नहीं
राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर मेडल प्राप्त करने के लिए हरमनप्रीत जब पोडियम पर खड़ीं थीं तो उनकी शारीरिक भाषा दूसरी बार विश्व फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने का एक और सुनहरा मौका गंवाने का दुख बयां कर रही थी।
कुछ ही मिनटों बाद मीडिया से बात करने के लिए उन्होंने ख़ुद को संभाला, तो हरमनप्रीत परिणाम को और अधिक स्वीकार कर रही थीं।
हरमनप्रीत ने नौ रन की हार के बाद कहा, "हम जिस तरह से खेले उससे मैं ख़ुश और संतुष्ट हूं। मुझे पता है कि हम गोल्ड जीतने के क़रीब थे, लेकिन कुल मिलाकर हमारा प्रदर्शन शानदार था। पहली बार हमें इस प्रतियोगिता में खेलने का मौक़ा मिला है और हम रजत पदक जीतकर ख़ुश हैं।
"पदक एक ऐसी चीज़ है जिससे लोग प्रेरित होंगे और वे क्रिकेट खेलना शुरू कर सकते हैं। एक टीम के तौर पर हम युवा लड़कियों को प्रेरित करना चाहते हैं। इस मंच पर अच्छा प्रदर्शन करने से बहुत से लोग प्रभावित होंगे।"
भारत ने एक भी गेंद फेंके जाने से पहले अपने कार्यों से बहुत सारे प्रशंसकों का दिला जीत लिया। कोविड पॉज़िटिव पाए जाने के कारण तालिया मैकग्रा का भाग लेने पर संशय बना हुआ था लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के नियमों ने भी उन्हें पर्याप्त रूप से फ़िट माना। यह मामला आने के बाद टॉस में देरी करनी पड़ी लेकिन हरमनप्रीत ने बाद में उस घटनाक्रम को समझाया जिनके कारण उन्हें शामिल किया गया था।
हरमनप्रीत ने कहा, "उन्होंने हमें टॉस से पहले सूचित किया था। यह हमारे नियंत्रण में नहीं था। राष्ट्रमंडल खेल अधिकारीयों को निर्णय लेना था और हमें कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि वह (तालिया मैकग्रा) बहुत बीमार नहीं थी, इसलिए हमने खेलने का फ़ैसला किया। हमें खेल भावना दिखानी थी। मुझे ख़ुशी है कि हमने तालिया को ना नहीं कहा, यह (फ़ाइनल से बाहर होना) उसके लिए और भी कठिन होता।"
एक बार जब ऑस्ट्रेलियाई टीम मैदान पर उतरी तो भारतीय टीम ने कड़ी टक्कर दी। बल्ले से भारत ने चार मैचों में 150 प्लस स्कोर बनाकर पुराने अंदाज़ को पीछे छोड़ दिया। गेंद के साथ युवा आक्रमण झूलन गोस्वामी और शिखा पांडे की अनुपस्थिति में खरा उतरा।
विशेष रूप से रेणुका सिंह अपने लेट स्विंग से बल्लेबाज़ों को परेशान कर रहीं थीं। स्नेह राणा एक किफ़ायती गेंदबाज़ साबित हुईं, जबकि दीप्ति शर्मा और मेघना सिंह ने पैच में प्रभावित किया।
फ़ाइनल में राधा यादव के नेतृत्व में भारत की फ़ील्डिंग शानदार रही। उन्होंने बोलर एंड पर ख़तरनाक मेग लानिंग को रन आउट किया और प्वाइंट पर तालिया मैकग्रा का अद्भुत कैच लपका। इसके बाद दीप्ति ने एक हाथ से लाजवाब कैच लपका और पीछे भागते हुए मेघना ने कैच लपका। सभी ने ऑस्ट्रेलिया को 161 तक रोकने में योगदान दिया।
हरमनप्रीत ने कहा, "अगर आप इस ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना चाहते हैं तो आपको अच्छी फ़ील्डिंग करनी होगी। यदि आप उन्हें आसान रन देते हैं, तो वे आसानी से खेल को दूर ले जा सकती हैं। हमने टीम मीटिंग में इस पर चर्चा की और राधा ने हमारे लिए उदाहरण सेट किया। आज हमने जो एफ़र्ट लगाया वह कुछ ऐसा है जो हम करना चाहते थे।
"मुझे पता है कि (चेज़ में) आख़िरी दो-तीन ओवर हमारे पक्ष में नहीं थे, लेकिन पूरे मैच में जिस तरह से हमने खेला वह देखने लायक था। लंबे समय से हम अपनी फ़ील्डिंग पर काम कर रहे हैं। आज हमने जिस तरह से फ़ील्डिंग किया उससे मैं ख़ुश हूं। एक टीम के रूप में हम यही करना चाहते थे।"
रन चेज़ करते हुए भारत ने दो शुरुआती विकेट खो दिए लेकिन हरमनप्रीत और जेमिमाह रॉड्रिग्स ने 96 रन जोड़कर भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी थी। उसके बाद वे 34 रन पर आठ विकेट गंवाकर मैच हार गए। हरमनप्रीत को लगा कि उनके पास "एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ की कमी है" जिस पर वे काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, "दो महत्वपूर्ण विकेट गंवाने के बाद जिस तरह से मैंने और जेमी ने बल्लेबाज़ी की, उस समय इसकी बहुत ज़रूरत थी। आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखने की ज़रूरत है। हम लगभग जीत के क़रीब थे, हो सकता है कि अगर पूजा (वस्त्रकर) या मैं होती, तो हम मैच जीत सकते थे। लेकिन यह खेल का हिस्सा है; कभी-कभी कुछ चीज़ें आप नियंत्रित नहीं कर सकते। यह हमारे लिए बहुत बड़ी सीख है।
"मैं हमेशा टीम में एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ की तलाश में रहती है। हम उस पर काम कर रहे हैं। एक बार जब हम इसे हासिल कर लेंगे, तो यह (पारी का बिखरना) ख़त्म हो जाएगा। हर बार बड़े फ़ाइनल में, बार-बार हम वही ग़लतियां करते हैं (बल्ले से), इसे हमें सुधारना होगा। हम ये ग़लतियां लीग स्टेज में या द्विपक्षीय मुक़ाबलों में नहीं करते हैं। यह कहीं न कहीं हमारे दिमाग़ को अवरुद्ध कर रहा है।"
यह पूछे जाने पर कि वे एक टीम के रूप में कहां हैं, हरमनप्रीत को लगता है कि भारत सही रास्ते पर है और लानिंग के विचारों को दोहराया कि वे ऑस्ट्रेलिया जैसी ताक़त वाली टीम बनने से बहुत दूर नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "हां, निश्चित रूप से, मुझे पता है कि हम आसानी से गोल्ड जीत सकते थे, लेकिन कुछ नहीं से कुछ बेहतर है, कम से कम हमें सिल्वर मिला। हम इतनी मेहनत के लिए इसके हकदार थे। अगर गोल्ड नहीं, तो आज हमें जो मिला है, उससे हम संतुष्ट हैं।
"(एक टीम के रूप में) हम सही रास्ते पर हैं, हमें बस कड़ी मेहनत करते रहने की ज़रूरत है। जैसा कि लानिंग ने कहा, हम सभी प्रारूपों में दबदबा बनाने से दूर नहीं हैं। हम एक टीम के रूप में सुधार कर रहे हैं और वह समय दूर नहीं है जब हम लगातार जीतना शुरू करेंगे।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।