फ़िंच के बल्ले का बोलना भी ज़रूरी है
यदि गुरुवार की प्रेस वार्ता नेट सत्र होती तो ऐरन फ़िंच गेंदों को अच्छी तरह से देखकर हिट कर रहे थे। इंग्लैंड के विरुद्ध मैच शुरू होने से पहले फ़िंच से एक पत्रकार ने एक मुश्किल सवाल पूछा जिसका उन्होंने कुछ ऐसा जवाब दिया जिसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती।
रिपोर्टर ने फ़िंच से सीधा पूछा, "आपने अपने बल्लेबाज़ी पायदान के बारे में क्या बात की है?" रिपोर्टर ने अपने सवाल में यह भी जोड़ा की ऐलन बॉर्डर की राय में स्टीवन स्मिथ को फ़िंच की जगह पर खेलने का मौक़ा दिया जाना चाहिए।
फ़िंच ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "फिर तो मैं ख़ुशक़िस्मत हूं कि मैं ही टीम चुनता हूं।" फ़िंच ने तुरंत ही स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "हम कुछ लोग हैं जो साथ बैठते हैं और टीम को लेकर चर्चा करते हैं। हालांकि हर किसी के पास अपना मत होता है। यह मायने नहीं रखता कि वह क्या सोचते हैं, मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। मैं इसे निजी तौर पर नहीं लेता।"
उन्होंने इस सवाल का जवाब ऐसे ही दिया था जैसे उन्होंने गेंद पर बैट का पूरा चेहरा खोलते हुए गेंद वापस गेंदबाज़ के पाले में डाल दी हो। हालांकि प्रेस वार्ता नेट सत्र नहीं होती।
फ़िंच ने मंगलवार को यह स्वीकारा की श्रीलंका के विरुद्ध खेली गई उनकी पारी उतनी ख़ास नहीं थी। फ़िंच ने अपनी उस पारी के बारे में कहा, " यह अन्य दिनों में से ही किसी एक दिन की तरह था। मैंने फ़ील्डर की तरफ़ एक अच्छा पुल शॉट खेला था और उसी ओवर में एक और शॉट कवर पर खेला।"
ऑस्ट्रेलिया कप्तान ने कहा, "जब मैक्सी (ग्लेन मैक्सवेल) ने बड़े शॉट लगाने शुरू किए तो मैं वापस थोड़ा अपनी शैली में लौट आया। मैं स्ट्राइक बदलने की कोशिश कर रहा था। मैं घेरे के अंदर सिंगल चुराने का प्रयास कर रहा था जो महीश थीक्षना जैसे स्पिनर के सामने कभी भी आसान नहीं होता और यह एक ऐसी चीज़ है जिसमें मैं अगली बार ज़रूर बदलाव लाऊंगा। मुझे लगता है कि मैं 100 के स्ट्राइक रेट तक पहुंचने से सिर्फ़ एक या दो बाउंड्री ही दूर था।"
इस बात पर विमर्श जारी है कि भले ही फ़िंच ने एक धीमी पारी खेली हो लेकिन उस पारी ने ऑस्ट्रेलिया के मध्य क्रम के लिए एक मज़बूत नींव तैयार की। जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी करने आए तब वह 24 गेंदों में 20 रन बनाकर खेल रहे थे और उन्होंने अपने मध्य क्रम के मैच विनर को पावरप्ले में नई गेंद से सुरक्षित रखने के लिए ख़ुद के पास ही ज़्यादा स्ट्राइक रखी। नतीजतन मैक्सवेल को अपने पहले दो ओवर में धनंजय डिसिलवा और वनिंदु हसरंगा का सामना करने को मिला। उन्होंने अपनी पहली छह गेंदों पर ताबड़तोड़ 22 रन बना डाले जिसने ऑस्ट्रेलियाई टीम के ऊपर से दबाव को काफ़ी कम कर दिया।
फ़िंच ने कहा, "हमने पारी की शुरुआत में ही यह तय कर लिया था कि हम अति आक्रामक रुख़ नहीं अपनाएंगे और ना ही मिडल ऑर्डर को जल्दी क्रीज़ पर आने देंगे। इससे पावरप्ले में दो या तीन विकेट खोने का ख़तरा बना रहता है और मुक़ाबले में वापस आने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। मुझे लगता है पहले 10 ओवर में काफ़ी डॉट गेंद थीं हालांकि मैं अच्छा खेल रहा हूं।"
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के साथ समस्या यहीं है। पहली नज़र में यह एक अच्छी रणनीति मालूम पड़ती है कि आप पर्थ और मेलबर्न की तेज़ और उछाल भरी पिचों पर ख़ुद को शुरुआत में समय दें लेकिन इसके बाद गियर बदलने में उनकी अक्षमता विशेषकर घरेलू परिस्थितियों में बड़ा बोझ बन जाती है। मार्च से लेकर अब तक फ़िंच ने कुल 14 टी20 पारियों में 30.91 की औसत से तीन अर्धशतक तो लगाए हैं लेकिन इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट महज़ 124.49 का रहा है। ऐसा समझा जा रहा था कि वह घरेलू परिस्थितियों में अच्छा खेलेंगे लेकिन विदेशों के उनके आंकड़े अलग ही गवाही देते हैं।
2020 के बाद से उन्होंने विदेशों में खेली 23 पारियों में 37 की औसत और 138 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं इसी अवधि में घरेलू सरज़मीं पर खेले कुल 14 मैचों में महज़ 98 के स्ट्राइक रेट और 19 की औसत से रन बनाए हैं। श्रीलंका के विरुद्ध खेली गई उनकी पारी टी20 इतिहास की सबसे धीमी पारी थी जिसमें बल्लेबाज़ ने 40 या उससे अधिक गेंदों का सामना किया हो।
फ़िंच ने पगबाधा से निजात पाने के लिए लगातार मेहनत की है जो आंकड़ों में नज़र भी आता है। वह 2020 से टी20 अंतर्राष्ट्रीय में सिर्फ़ दो बार पगबाधा के शिकार हो रहे हैं।
फ़िंच से किसी एक अन्य पत्रकार ने पूछा कि क्या वह अपने कंधों पर दुनिया का भार महसूस कर रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, " मैं किसी दबाव में नहीं हूं, आपके ऊपर सबसे बड़ा दबाव तब पड़ता है जब आप ख़ुद से उम्मीद लगाते हैं।" एक और कठिन सवाल का बेहतरीन जवाब लेकिन फ़िंच के बल्ले का बोलना भी उतना ही ज़रूरी है।
ऐलेक्स मैलक्म ESPNcricinfo के असोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।