भारत बनाम इंग्लैंड : आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉकआउट मैचों की दास्तान
पहले विश्व कप के पहले मैच में सुनील गावस्कर की हद से ज़्यादा धीमी पारी से लेकर युवराज सिंह के स्टुअर्ट ब्रॉड पर लगाए गए छह छक्कों तक भारत और इंग्लैंड विश्व कप में जब भी भिड़े हैं, मुक़ाबला रोचक ही हुआ है। ऐसे ही कुछ मुक़ाबलों पर ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की नज़र।
1983 विश्व कप सेमीफ़ाइनल - भारत छह विकेट से जीता
1983 विश्व कप के नॉकआउट दौर में पहुंचने के बाद कपिल देव की टीम के लिए पहली चुनौती इंग्लैंड की टीम थी। यह मुक़ाबला ओल्ड ट्रैफ़र्ड में खेला जा रहा था। धीमी और कम उछाल वाली पिच पर भारत के मध्यम गति के गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड को 60 ओवरों में सिर्फ़ 213 रन पर रोक दिया। हालांकि इंग्लैंड को भरोसा था कि वह अपने तेज़ गेंदबाज़ों की बदौलत भारत को रोक सकता है। लेकिन यह मोहिंदर अमरनाथ और यशपाल शर्मा का दिन था, जिन्होंने भारतीय पारी को एंकर किया। इसके बाद संदीप पाटिल ने शानदार अर्धशतक लगाकर भारत को जीत के द्वार तक पहुंचाया।
विश्व कप सेमीफ़ाइनल, 1987 - इंग्लैंड 35 रन से जीता
पहली बार विश्व कप इंग्लैंड से बाहर हो रहा था। पिछली बार की विजेता भारतीय टीम अपनी मेज़बानी में सेमीफ़ाइनल में पहुंची थी, जहां उनका सामना इंग्लैंड से मुंबई में होने वाला था। वैसे तो इंग्लिश बल्लेबाज़ स्पिन खेलने के लिए नहीं जाने जाते थे लेकिन ग्राहम गूच ने काउंटी क्रिकेट में स्वीप खेलने की कला सीख ली थी।
उन्होंने भारतीय स्पिनरों मनिंदर सिंह और रवि शास्त्री को निशाना बनाया और 136 गेंदों में 115 रन की पारी खेली। 255 रन का पीछा करने उतरी भारतीय टीम इस मैच में 219 रन पर ऑलआउट हो गई। 74 गेंदों में 64 रन बनाने वाले मोहम्मद अज़हरूद्दीन ही इस मैच में कुछ संघर्ष कर पाए थे। इस मैच की एक दिलचस्प कहानी यह है कि भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाज़ दिलीप वेंगसरकर फ़ूड प्वाइज़निंग के कारण इस मैच से बाहर हो गए थे और उनकी जगह चंद्रकांत पंडित ने ली थी।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल, 2013 - भारत की पांच रन से जीत
यह पहली बार था, जब भारतीय टीम किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फ़ाइनल में इंग्लैंड से भिड़ रही थी। बारिश से प्रभावित इस मुक़ाबले को 20 ओवर का कर दिया गया था। टॉस जीतकर बादल से घिरे मैदान में इंग्लैंड टीम ने पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की अगुवाई वाली इंग्लिश गेंदबाज़ी क्रम ने बल्लेबाज़ों को बांधे रखा और 20 ओवर में भारत को सिर्फ़129 रन बनाने दिए।
इंग्लैंड को अंतिम 16 गेंदों में सिर्फ़ 20 रन बनाने थे। ओएन मॉर्गन और रवि बोपारा क्रीज़ पर थे और उनके लिए यह लक्ष्य बिल्कुल आसान लग रहा था। लेकिन इशांत शर्मा ने लगातार दो गेंदों में दोनों को आउट कर भारत की मैच में वापसी कराई। इसके बाद आर अश्विन और रवींद्र जाडेजा ने अंतिम दो ओवरों को कसा करके भारत को जीत दिला दी।
ऐंड्र्यू मिलर ESPNcricinfo के इंग्लैंड संपादक हैं। @miller_cricket