टी20 में केन विलियमसन के भविष्य को लेकर फिर से शुरू हो सकती है चर्चा
सिडनी में लगातार दूसरे साल न्यूज़ीलैंड के चूक जाने के बाद इस प्रारूप में केन विलियमसन के भविष्य को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरु हो जाएगी। विशेष रूप से यह कि क्या वह 2024 में कैरेबियाई धरती और संयुक्त राज्य अमेरिका में टीम का नेतृत्व करेंगे?
हालांकि अगले वर्ष वनडे वर्ल्ड कप में उनकी कप्तानी को लेकर उतना संदेह नहीं है, जहां सीमित ओवरों के खेल में ट्रॉफ़ी के सूखे को समाप्त करने के लिए न्यूज़ीलैंड के पास एक और मौक़ा होगा लेकिन टी20 में उनके स्थान को लेकर संशय बरक़रार है।
ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस टूर्नामेंट से पहले ही कोहनी की चोट से उबरने के बाद यह चर्चा आम थी कि विलियमसन पुरानी लय पाने के लिए जूझ रहे हैं। हालांकि विश्व कप में उन्होंने 178 रन बनाकर टूर्नामेंट को अच्छे पर समाप्त किया। वह इस टूर्नामेंट में अपनी टीम से दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे। यह और बात है कि हमेशा की तरह उनका स्ट्राइक रेट चर्चा का विषय बना रहा।
उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध रन ए बॉल 40 रन अपने चित परिचित अंदाज़ में ही बनाए लेकिन आयरलैंड के विरुद्ध उन्होंने 35 गेंदों में 61 रनों की पारी खेली थी। पाकिस्तान के विरुद्ध शुरुआती झटकों के बाद उन्होंने पारी को संभालने का प्रयास किया लेकिन गीयर बदलने से पहले आउट होने के पहले उन्होंने 42 गेंदों में 46 रन बनाए। इस पारी में वह सिर्फ़ दो बाउंड्री ही लगा पाए जिसमें एक लेग साइड पर खेले गए पुल शॉट के ज़रिए मिला एक छक्का शामिल था।
विलियमसन त्रिकोणीय सीरीज़ के फ़ाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध एक ज़बरदस्त पारी खेलने के बाद ऑस्ट्र्रेलिया आए थे, यह साल उनके लिए इस प्रारूप में उनके करियर का सबसे अच्छा वर्ष कहा जा सकता है। हालांकि इस वर्ष भी उनका स्ट्राइक रेट 119 का ही रहा है जो कि पिछले वर्ष में उनके 117.32 के स्ट्राइक रेट से अधिक है।
18 नवंबर से शुरु होने वाली भारत के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ को ध्यान रखते हए वर्ल्ड कप के बाद न्यूज़ीलैंड के पास कम ही समय है। ऐसे में इतनी जल्दी कोई निर्णय लिया जाएगा, इसकी संभावना कम ही है।
ख़ुद कप्तान विलियमसन कहा, "मुझे हर फ़ॉर्मैट खेलने में मज़ा आता है। मौजूदा वक़्त में काफ़ी क्रिकेट खेली जाती है ऐसे में इसका ठीक से प्रबंधन करना भी ज़रूरी है। इस बदलते स्वरूप का असर दुनिया के तमाम खिलाड़ियों पर पड़ा है और इसे हम अपने खे़मे में महसूस कर सकते हैं। इन तरह के आयोजनों के बाद आपको आगे की तैयारी के लिए ख़ुद को थोड़ा समय देना पड़ता है।"
विलियमसन के बदलते स्वरूप वाले कथन का संबंध ट्रेंट बोल्ट से संबंधित था। इसी साल न्यूज़ीलैंड के केंद्रीय अनुबंध से ख़ुद को बाहर करने के बाद बोल्ट का भविष्य अब असमंजस की स्थिति में है। एडिलेड स्ट्राइकर्स से बीबीएल करार करने वाले कॉलिन डी ग्रैंडहोम भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं। आईपीएल के प्रति ढीला रुख़ अपनाने वाला न्यूज़ीलैंड क्रिकेट फ़्रैंचाइज़ी वर्ल्ड के विस्तार के प्रति उतना सहज नहीं है।
दिसंबर के मध्य में बोल्ट का करार मेलबर्न स्टार्स के साथ है वहीं आईएल टी20 में वह माय एमिरेट्स के साथ जुड़े हैं। जिससे यह स्पष्ट है कि वह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दौरे के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे।
हालांकि वह भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे और खेलते हुए नज़र भी आ सकते हैं लेकिन इसका अंदेशा उस समय ही लग गया था जब उन्होंने यह निर्णय लिया था कि इस विश्व कप के बाद नए संबंधों की शुरुआत होगी। उनके लिए यह एक और बढ़िया टूर्नामेंट रहा जिसमें उन्होंने 18.50 की औसत और 7.40 की इकॉनमी से 8 विकेट झटके। यह और बात है कि सेमीफ़ाइनल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लिए गए उनके दो विकेट ऐसे वक़्त में आए जब मुक़ाबले पर कोई प्रभाव पड़ने नहीं वाला था। यदि डेवन कॉन्वे ने पहली गेंद पर बाबर आज़म के बल्ले से निकले किनारे को लपक लिया होता तो कहानी कुछ और हो सकती थी।
अतीत में बोल्ट अगले साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में खेलने और अपने 78 टेस्ट मैचों की संख्या बढ़ाने की अपनी इच्छा ज़ाहिर कर चुके हैं। भारत के ख़िलाफ़ सीमित ओवरों की सीरीज़ के अलावा न्यूज़ीलैंड को फ़रवरी में इंग्लैंड के विरुद्ध दो टेस्ट मैच भी घरेलू सरज़मीं पर खेलने हैं। इसके बाद उन्होंने मार्च और अप्रैल में श्रीलंका में तीनों प्रारूपों के दौरे पर जाना है। जैसा कि पिछले संस्करणों की दास्तान रही है, खिलाड़ियों को आईपीएल के करार से वंचित रहना पड़ सकता है।
ऐंड्रूय मक्ग्लैशन ESPNcricinfo के डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफो हिंदी के ए़डिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।